Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

जानिए पटना का एक बेबाक पत्रकार क्यों है नीतीश कुमार का मुरीद

Pushya Mitra : नीतीश कुमार की एक बात मुझे पसंद है. वे कल्चर ऑफ डिनायल से काफी हद तक उबर चुके हैं. पहले तो बड़ी घटनाओं के बाद हफ्तों मौन रह जाते थे, (जैसे आजकल मोदी करते हैं) मगर अब वे फेस करते हैं और कार्रवाई करते हैं चाहे दूसरी तरफ अपनी ही साख दाव पर क्यों न लगी हो. गोपालगंज वाले कांड में प्रशासन ने लीपापोती की पूरी तैयारी कर ली थी, फरजी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट भी बन गये थे. मगर यह नीतीश का ही स्टैंड था कि अधिकारियों को यू-टर्न लेना पड़ा और आज पूरा थाना सस्पेंड हो गया है.

<p>Pushya Mitra : नीतीश कुमार की एक बात मुझे पसंद है. वे कल्चर ऑफ डिनायल से काफी हद तक उबर चुके हैं. पहले तो बड़ी घटनाओं के बाद हफ्तों मौन रह जाते थे, (जैसे आजकल मोदी करते हैं) मगर अब वे फेस करते हैं और कार्रवाई करते हैं चाहे दूसरी तरफ अपनी ही साख दाव पर क्यों न लगी हो. गोपालगंज वाले कांड में प्रशासन ने लीपापोती की पूरी तैयारी कर ली थी, फरजी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट भी बन गये थे. मगर यह नीतीश का ही स्टैंड था कि अधिकारियों को यू-टर्न लेना पड़ा और आज पूरा थाना सस्पेंड हो गया है.</p>

Pushya Mitra : नीतीश कुमार की एक बात मुझे पसंद है. वे कल्चर ऑफ डिनायल से काफी हद तक उबर चुके हैं. पहले तो बड़ी घटनाओं के बाद हफ्तों मौन रह जाते थे, (जैसे आजकल मोदी करते हैं) मगर अब वे फेस करते हैं और कार्रवाई करते हैं चाहे दूसरी तरफ अपनी ही साख दाव पर क्यों न लगी हो. गोपालगंज वाले कांड में प्रशासन ने लीपापोती की पूरी तैयारी कर ली थी, फरजी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट भी बन गये थे. मगर यह नीतीश का ही स्टैंड था कि अधिकारियों को यू-टर्न लेना पड़ा और आज पूरा थाना सस्पेंड हो गया है.

जाहिर सी बात हैं उस इलाके में चोरी छिपे देसी शराब बिक रही थी और यह थाने की अनुमति के बगैर मुमकिन नहीं था, इसलिए यह बिल्कुल सही फैसला है. थोड़ा डॉक्टरों को भी चमकाने की जरूरत है जिन्होंने फरजी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट तैयार किये हैं. गोपालगंज की घटना के आधार पर कई लोग शराबबंदी को फिर से निशाने पर लेने की कोशिश कर रहे हैं, मगर यह घटना शराबबंदी के औचित्य को ही पुष्ट करती है. यानी और सख्ती से शराबबंदी लागू किये जाने की जरूरत है और पुलिस वालों पर जो कार्रवाई हुई है उससे इस काम में तेजी ही आयेगी.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसी तरह फरजी टॉपर मामले में भी बिहार बोर्ड के अधिकारियों पर मुकम्मल कार्रवाई हुई है, कार्रवाई होता जब नजर आता है तो लगता है कि सबकुछ ट्रैक पर है. विधायकों के मामले में भी प्रशासन की सक्रियता ठीक-ठाक रही. हां, बिहार का पुलिस विभाग थोड़ा लचर है. जब तक डीजीपी बदले नहीं जायेंगे, अपराध रोक पाना मुमकिन नहीं. मगर यह डीजीपी लालू और जगन्नाथ मिश्र का आदमी है, इसे हटाना नीतीश के लिए आसान नहीं. फिर भी नीतीश को फुल मार्क्स देना चाहुंगा. इस आदमी को शासन-प्रशासन चलाना आता है. मैं हमेशा कहता हूं कि नीतीश बिहार के सबसे सफल और कारगर सीएम हैं. मगर लालू जी की राजनीति पर मुझे एक पैसा भरोसा नहीं है. इतना झेला है कि मन में कभी सकारात्मक विचार नहीं आता…

पुष्य मित्र प्रभात खबर, पटना से जुड़े हैं और सोशल मीडिया पर अपनी बेबाक लेखन के लिए चर्चित हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement