नोएडा : मोदी जी, देखिए क्या सीन है…..आपके बल पर दैनिक जागरण अपने कर्मचारियों से दादागीरी कर रहा है। आप सिर्फ एक बार डपट दें तो उसकी क्या मजाल। जब जागरण कर्मचारियों का हुजूम भरी दोपहरी में कार्यालय परिसर से बाहर निकल आया। मौका था- 30 मई को लेबर इंस्पेक्टर के नोएडा के सेक्टर 63 स्थित दैनिक जागरण कार्यालय के दौरे का।
इंस्पेक्टर राधेश्याम सिंह मजीठिया मामले में प्रताड़ित चार कर्मचारियों को उपश्रमायुक्त के आदेश पर दैनिक जागरण कार्यालय ज्वॉइन कराने पहुंचे। कर्मचारियों को पता चला तो वे भी अपना दुख बताने इंस्पेक्टर के पास आ गए। किसी की सैलरी नहीं बढ़ी है तो किसी को पदोन्नत नहीं किया जा रहा है। मजीठिया वेतनमान से तो सभी वंचित हैं।
मालूम हो कि 7 फरवरी 2015 को तबादलों के विरेाध में दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने काम रोक दिया था। इसके बाद प्रबंधन ने ईमेल जारी कर सभी तबादलों को रद्द करने और स्थानांतरित कर्मचारियों को वापस नोएडा कार्यालय में काम पर लौटने का आदेश दिया था। लेकिन उपरोक्त कर्मचारियों को न तो काम दिया जा रहा है , न तो उनकी उपस्थिति दर्ज की जा रही थी और न ही उन्हें वेतन दिया जा रहा था। इन कमर्चारियों ने प्रबंधन से काम न देने और उपस्थिति दर्ज न कराने की शिकायत उपश्रमायुक्त से की थी।
इसी शिकायत पर 29 मई को हुई सुनवाई के दौरान प्रबंधन की ओर से उपस्थित प्रतिनिधयों ने उप श्रमायुक्त को बताया था कि ये चारों कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं इसलिए इनकी उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही है। इस पर उपश्रमायुक्त ने कर्मचारियों को भी निर्देश दिया था कि वे 30 मई से कार्यालय में उपस्थित हों और अपना काम करें। उपश्रमायुक्त के इस आदेश को पालन कराने के लिए श्रमप्रवर्तन अधिकारी को नियुक्त किया गया। श्रमप्रवर्तन अधिकारी कर्मचारियों की 30 मई को उपस्थिति का रिकार्ड दर्ज कर उपश्रमायुक्त को देने कार्यालय पहुंचे तो जागरण ने काम पर रखने से साफ मना कर दिया।
श्रीकांत सिंह एवं फोर्थ पिलर एफबी वाल से