जागरण कर्मचारी लड़ाई जीते, इंक्रिमेंट-प्रमोशन समेत ज्यादातर मांगें प्रबंधन को मंजूर

नोएडा : अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत दैनिक जागरण के कर्मचारियों का प्रबंधन से समझौता हो गया। उनके ज्यादा से ज्यादा मान लेने के लिए प्रबंधन मजबूर हो गया। आंदोलन की दो-तीन खास कामयाबियां रहीं। एक तो काम के घंटे छह सुनिश्चित हो गए, ओवर टाइम ड्यूटी का डबल भुगतान मिलेगा, साथ ही वेतन में दस प्रतिशत तक इंक्रिमेंट होगा। 

 

जम्मू जागरण के पत्रकार मजीठिया की सिफारिशें लागू कराने पहुंचे उप श्रम आयुक्त के पास

पत्रकार व गैर पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने उप श्रम आयुक्त को मांगों संबंधी ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि संस्थान धोखा कर सभी से हस्ताक्षर करवा रहा है। गलत दावा पेश कर रहा है। हमे माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

जागरण में जुनून को मिसाल बना दो, तभी मशाल रोशन होगी

दैनिक जागरण पत्र ही नहीं मित्र की भाषा को दरकिनार कर जिन कर्मचारियों की मेहनत, लगन, कर्मठता, ईमानदारी के बलबूते आसमान की ऊंचाइयों को हिंदी भाषा का सर्वाधिक पठनीय अखबार कहलाने का तमगा अपने पास सुरक्षित रखने में कामयाब रहने वाला, आज अपने कर्मचारियों को ध्वस्त करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। यही कर्मचारी दैनिक जागरण को अपना मित्र मानने की भूल पिछले 25 सालों से करते आ रहे हैं।

दैनिक जागरण के कर्मचारी अब आरपार की लड़ाई के मूड में, काली पट्टियां बांधी, 17 को हड़ताल

दैनिक जागरण प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों, दंडात्मक कार्रवाइयों, मजीठिया वेतनमान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को न मानने आदि से नाराज कर्मचारी अब आमने सामने की लड़ाई में उतर चुके हैं। जागरण कर्मचारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीधे टकराव की लामबंदी के साथ नोएडा और दिल्ली में जागरण कर्मचारी आज पहली जुलाई को काली पट्टियां बांधकर काम कर रहे हैं। वह 17 जुलाई को 24 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे। उसके बाद आगे के संघर्ष की रूपरेखा लागू की जाएगी। 

काली पट्टियां बांधकर दैनिक जागरण के नोएडा मुख्यालय पर आंदोलन की राह पर चल पड़े जुझारू कर्मचारी

मोदी भक्‍त अखबार की हालत पतली, तेजी से लुढ़क रहा सर्कुलेशन

खबर है कि दैनिक जागरण के प्रसार अधिकारी काफी परेशान हैं। परेशानी के कारणों की सही -सही जानकारी तो नहीं मिल पाई है लेकिन पता चला है कि टाइम्‍स ऑफ इंडिया से आए जीएम भी परेशानी को दूर नहीं कर पा रहे। 

दैनिक जागरण प्रबंधन के होश उड़े, कर्मचारियों का अल्टीमेटम, मांगें पूरी करो वरना सीधे टकराएंगे

इलाहाबाद हाईकोर्ट में गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने से ठीक एक दिन पहले यूनियन पर स्टे लेने वाले दैनिक जागरण प्रबंधन की खुशियां बहुत दिन टिक नहीं पाईं इसके पहले कि वह कर्मचारियों के शोषण व उत्‍पीड़न के अपने इरादों को अंजाम देने की दिशा में कोई कार्रवाई कर पाता, जागरण के कर्मचारियों ने श्रम कानूनों में ही निश्चित प्रावधानों के तहत अपनी एक सभा कर अपने बीच से ही सात प्रतिनिधियों का चुनाव कर प्रबंधन को पटखनी दे दी। इन सात प्रतिनिधियों के मार्फत एक सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर जागरण प्रबंधन को थमा दिया गया है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो पिछली सात फरवरी की तरह वह हड़ताल पर चले जाएंगे।

दैनिक जागरण प्रबंधन को दिए गए मांगपत्र की छाया प्रति (पृष्ठ-1)

जागरण ललितपुर ब्यूरो चीफ के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का मामला दर्ज

ललितपुर (झांसी) : जिले के सबसे बड़े पेपर का रुतबा रखने वाले दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ रवींद्र दिवाकर पर हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में ललितपुर कोतवाली में 120 बी, 67आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

 

जागरण दफ्तर पहुंचे लेबर इंस्पेक्टर तो उमड़ पड़े फरियादी

नोएडा : मोदी जी, देखिए क्‍या सीन है…..आपके बल पर दैनिक जागरण अपने कर्मचारियों से दादागीरी कर रहा है। आप सिर्फ एक बार डपट दें तो उसकी क्‍या मजाल। जब जागरण कर्मचारियों का हुजूम भरी दोपहरी में कार्यालय परिसर से बाहर निकल आया। मौका था- 30 मई को लेबर इंस्‍पेक्‍टर के नोएडा के सेक्‍टर 63 स्थित दैनिक जागरण कार्यालय के दौरे का। 

जागरण कर्मचारियों की यूनियन से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया पांच सप्‍ताह में जवाब तलब

इलाहाबाद : हाईकोर्ट इलाहाबाद ने दैनिक जागरण प्रबंधन की अपील पर जागरण कर्मियों की यूनियन से जवाब तलब कर लिया है। अपना पक्ष रखने के लिए यूनियन को पांच सप्‍ताह का समय दिया गया है। ये जवाब यूनियन अध्‍यक्ष इष्‍टदेव सांस्‍कृत्‍यायन और महामंत्री रत्‍न भूषण से मांगा गया है।

मजीठिया मामले में प्रताड़ित जागरण के चार कर्मचारियों को 30 मई से काम पर रखने के निर्देश

नोएडा : गौतमबुद्धनगर के उपश्रमायुक्त ने दैनिक जागरण प्रबंधन को मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांग करने वाले प्रताड़ित चार कर्मचारियों को काम देने और उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इन चार कर्मचारियों में अभिषेक राजा, जगजीत राणा, आनंद कुमार और श्रीकांत सिंह का नाम शामिल है। 

लेबर इंस्पेक्टर के सामने सीना तानकर खड़े हुए जागरण कर्मी, अखबार को 30 दिन की मोहलत

धर्मशाला। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में दैनिक जागरण की हिमाचल प्रदेश में स्थित धर्मशाला यूनिट के कर्मचारियों की  शिकायत पर लेबर इंस्पेक्टर के पास पहली सुनवाई में जागरण प्रबंधन ने जवाब देने के बजाय तीन दिन का समय देने की गुहार लगाई है। 

अलीगढ़ जागरण के सिटी चीफ ने छुट्टी दे दी होती तो शायद मयंक त्यागी की जान नहीं जाती!

अलीगढ़ (उ.प्र.) : दैनिक जागरण के रिपोर्टर मयंक त्यागी की कल आकस्मिक मौत शायद नहीं हुई होती, यदि सिटी चीफ रिपोर्टर नवीन पटेल ने उन्हें छुट्टी दे दी होती। नवीन पटेल की मनमानी को लेकर पूरे शहर के पत्रकारों में रोष है। उनकी दुष्टतापूर्ण हरकत का खामियाजा एक युवा रिपोर्टर को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। मयंक त्यागी के बड़े भाई मृदुल त्यागी मेरठ जागरण में इस समय कार्यरत हैं। मयंक का शव परिजन मेरठ ही ले गए। आज उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। 

मजीठिया : पानीपत जागरण के जीएम को डिप्टी लेबर कमिश्नर ने लगाई जमकर फटकार

पानीपत (हरियाणा) : प्रबंधन द्वारा मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुति लागून न करने के साथ ही सालाना वेतनवृद्धि भी न करने पर पर श्रम विभाग के दफ्तर में सोमवार को स्थानीय दैनिक जागरण यूनिट के कर्मचारियों को रोष देखते ही बना। जैसे उनकी भीड़ जमा हो गई। वहां पर उपस्थित लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि खुद को विश्वसनीय कहने वाला अखबार दैनिक जागरण इतना घटियापन पर उतारू हो गया है कि उसके सारे कर्मचारी यहां न्याय मांगने पहुंच गए हैं। इस दौरान डिप्टी लेबर कमिश्नर ने पानीपत जागरण महाप्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह की जमकर क्लास ली। मामले की अगली सुनवाई 8 जून 2015 को होगी।

पानीपत में सोमवार को डिप्टी लेबर कमिश्नर कार्यालय के पास आपस में बातचीत करते दैनिक जागरण के जीएम पुष्पेंद्र सिंह और वकील मनोज दुबे

अलीगढ़ में रिजल्ट की कवरेज के दौरान जागरण के रिपोर्टर की हार्ट अटैक से मौत

अलीगढ़ : दैनिक जागरण के रिपोर्ट मयंक त्यागी का सीबीएससी बोर्ड के रिजल्ट की खबर की कवरेज के दौरान आज अचानक हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह मात्र 32 वर्ष के थे। वह अपने पीछे अपनी पत्नी, एक छोटे बच्चा, मां और बड़े भाई को छोड़ गए हैं। अल्पायु में उऩके निधन से जिले के पत्रकारों में शोक की लहर फैल गई। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

प्रशांत मिश्रा पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला से जागरण परिसर में मारपीट

दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में जागरण की ही एक महिला कर्मचारी से मारपीट की गई। इस कर्मचारी ने संस्‍थान के उस वरिष्‍ठ पत्रकार प्रशांत मिश्रा पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताए जाते हैं और वह इस समय मोदी जी की इमेज चमकाने में लगे हैं, ताकि उनके खिलाफ दिल्‍ली पुलिस कोई कार्रवाई न करे। इससे पहले संस्‍थान के गेट पर संस्‍थान के मुख्‍य उपसंपादक श्रीकांत सिंह से मारपीट की गई थी और पुलिस ने दैनिक जागरण के प्रभाव के कारण एसएसपी के आदेश के बावजूद तीन महीने बाद भी मामला दर्ज नहीं किया है।

अब यह

भ्रष्ट प्रधान के सपोर्ट में जागरण ने छापी उल्टी खबर, पीड़ित ने दी चेतावनी

गोंडा (उ.प्र.) : सेमराजमालखानी तरबगंज निवासी कौशल पाण्डेय ने मीडिया को लिखे पत्र में अवगत कराया है कि उनकी पत्नी प्रतिभा पाण्डेय सेमरा जमालखानी की ग्राम रोजगार सेवक हैं। उनके गांव के प्रधान लादूराम हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर घोटाले किये हैं। उन्होंने इसकी शिकायत सीडीओ औा डीपीआरओ से कर रखी है। इसकी जांच लम्बित है, जिससे बचने के लिए प्रधान लादूराम ने दैनिक जागरण में स्वयं को जिले का बड़ा पत्रकार बताने वाले वरुण यादव से सांठगांठ कर प्रतिभा पाण्डेय के विरुद्ध खबर छपवाई है।

लगातार टूट रहे जागरण के पाठक, विज्ञापनदाता और शुभचिंतक

हमेशा रावणत्‍व की पराकाष्‍ठा पर रामत्‍व का आविर्भाव अवश्‍यंभावी होता है। यह नित्‍य नियम है। इससे कोई भी बच नहीं सकता। भले ही वह कितना भी साधन संपन्‍न अथवा शक्तिशाली हो। रावण के पास साधनों की कमी नहीं थी तो राम साधनहीन थे। इसी पर तुलसीदास जी ने लिखा- रावण रथी विरथ रघुबीरा। देखि विभीषन भयो अधीरा।। राम-रावण युद्ध में रावण को रथ पर सवार और राम को बिना रथ के देख विभीषण विचलित होने लगे। लेकिन परिणाम क्‍या हुआ—रावण का अंत हुआ और…आप सब जानते हैं।

ये देक्खो जी, दुनिया के नंबर वन अखबार दैनिक जागरण ने तो जितिन प्रसाद को मार दिया !

शाहजहांपुर (उ.प्र.) : दैनिक जागरण ने तो आज पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद के निधन पर शोक मना लिया। दरअसल, जितिन प्रसाद के चाचा जसवंत प्रसाद का हृदय गति रुक जाने से 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया लेकिन जागरण ने आज 20 मई के अपने शाहजहांपुर संस्करण में पेज नौ पर खबर छाप दी – ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन के निधिन पर शोक’।

इसलिए पाठक अब शुरू करें दैनिक जागरण का बहिष्कार

लीजिए सबको समझाता हूं, क्‍या है मजीठिया वेतनमान और इस मुद्दे पर दैनिक जागरण के पाठक क्‍यों करें अखबार का बहिष्‍कार। अपने कुछ मित्रों के आग्रह पर आज मजीठिया वेतनमान के बारे में दैनिक जागरण के पाठकों को कुछ विस्‍तार से बता रहा हूं।

अपराध करा रहे दैनिक जागरण के कई अधिकारी, कर्मचारियों के विरोध पर लौट गए पुलिस वाले

दैनिक जागरण प्रबंधन एक ऐसी आग को हवा दे रहा है, जिससे आमतौर पर इतिहास बदल जाया करते हैं। हम आपको बता चुके हैं कि सोमवार को सर्बर बैठने के बाद हड़ताल की आशंका से दैनिक जागरण की नोएडा यूनिट के परिसर में पुलिस बुला ली गई थी। इसका कर्मचारियों ने कड़ा विरोध किया और …

सोमवार को सर्वर क्‍या बैठा, जागरण प्रबंधन का तो जैसे आत्‍मविश्‍वास ही बैठ गया

सोमवार को दिन में दैनिक जागरण की नोएडा यूनिट का सर्वर बैठ गया और चापलूसी का रिकार्ड बना चुके प्रबंधकों की रूह कांप गई। उन्‍हें लगा कि हड़ताल के भूकंप का यह पहला झटका है। फिर क्‍या था, आनन फानन में पुलिस बुला ली गई। दरअसल, जब मन में चोर बसा होता है तो ऐसा ही होता है। प्रबंधकों को यह पता है कि उन्‍होंने क्‍या क्‍या गुनाह किए हैं, किस प्रकार कर्मचारियों को पाई पाई के लिए तरसाया है, किस तरह भेदभाव करके काबिल लोगों को कुंठित किया है।

मजीठिया का महाभारत: साक्षात्‍कार कहीं सौ करोड़ रुपये मारने के लिए तो नहीं !

जोश मलीहाबादी का शेर है- वही करता है दुश्‍मन और हम शर्माए जाते हैं.. जी हां। कर्मचारियों का दुश्‍मन दैनिक जागरण प्रबंधन वही कर रहा है, जो करने में तमाम कर्मचारी शर्माते रहे। कभी जी हजूरी नहीं की। कभी किसी को मक्‍खन नहीं लगाया। कभी पूछ नहीं हिलाई। कभी किसी अधिकारी की उपासना नहीं की और भगवान भरोसे अपने को छोड़े रखा। अब वही सब दैनिक जागरण बड़ी ही बेशर्मी से कर रहा है। दैनिक जागरण का एक नियम है-आधे पेज से ज्‍यादा किसी का साक्षात्‍कार नहीं छपना है। लेकिन उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का साक्षात्‍कार दिल्‍ली संस्‍करण में आधे पेज से ज्‍यादा स्‍पेश में छपा। 

मजीठिया से बचने के लिए जागरण का नया हथकंडा, पहले पेज पर मुक्त कंठ से सीएम उपासना

मजीठिया वेतनमान देने से बचने के लिए दैनिक जागरण प्रबंधन अब तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। कभी कर्मचारियों को धमकाता है तो कभी प्रलोभन देने लगता है। अब कर्मचारी उसके झांसे में आने वाले नहीं हैं। कर्मचारियों ने अब गांधीवादी तरीके से मजीठिया की लड़ाई जारी रखने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्‍य सरकारों को आदेश जारी कर गेंद कर्मचारियों के पाले में डाल दी है। 

ये है जागरण की ‘कथनी- करनी में फर्क’ का एक छोटा सा फसाना

केंद्र सरकार की कथनी और करनी में कितना फर्क है- एक तरफ सरकार कहती है कि श्रमिकों के अधिकारों का किसी भी कीमत पर संरक्षण किया जाएगा तो दूसरी तरफ अखबारों के कर्मचारियों को मजीठिया वेतनमान दिलाने के लिए एक बयान तक जारी नहीं कर सकी है। शायद यही वजह है कि अखबार मालिक मानीय सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंक रहे हैं।

अब समय आ गया है, सिर्फ हम बोलेंगे और जागरण सुनेगा !

(फेसबुक पर यह कथन कविता के फार्म में है लेकिन इसकी पठनीयता यहां पाठकीय दृष्टि से इस रूप में ज्यादा अभीष्ट लगी। इसलिए सीधे सीधे प्रस्तुत है)

दैनिक जागरण ने वेतन नहीं बढ़ाया- हम कुछ नहीं बोले। दैनिक जागरण ने फोर्स लीव पर भेजा-  हम कुछ नहीं बोले। दैनिक जागरण ने प्रताडि़त किया- हम कुछ नहीं बोले। दैनिक जागरण ने तबादला कर दिया- हम कुछ नहीं बोले। दैनिक जागरण ने हमला करा दिया- हम कुछ नहीं बोले। दैनिक जागरण ने मजीठिया वेतनमान नहीं दिया- हम कुछ नहीं बोले। सादे कागज पर हस्‍ताक्षर करा लिया- हम कुछ नहीं बोले। 

वाराणसी में जनसंदेश की खबरें चुरा रहे जागरण और आईनेक्स्ट, शर्म उनको मगर नहीं आती

वाराणसी : जागरण और आईनेक्स्ट के मालिक एक हैं। बनारस में ये दोनों ही अखबार जनसंदेश टाइम्स में छपी खबरों की धड़ल्ले से चोरी कर रहे हैं। ये अखबार न सिर्फ खबरों की एंगिल चुरा रहे हैं, बल्कि तथ्य भी चोरी कर रहे हैं। 

नहीं पसीजा सतीश मिश्रा का दिल, मां को बचा न पाए मुखी चौधरी

समाचार पत्र कर्मचारियों के लिए मजीठिया वेतनमान लागू न किए जाने का उनके जीवन पर कितना बुरा असर पड़ रहा है, इसी के एक उदाहरण हैं मुखी चौधरी। दैनिक जागरण की कानपुर यूनिट में डाइरेक्‍टर सतीश मिश्रा से मुखी चौधरी मिन्‍नतें करते रहे, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा और वह धन के अभाव में इलाज न करा पाने के कारण अपनी मां को नहीं बचा पाए। पैसा भी वह अपनी कमाई से अग्रिम धन के रूप में मांग रहे थे। उनके आवेदन पर कई वरिष्‍ठ प्रबंधकों ने हस्‍ताक्षर भी कर दिए थे, लेकिन उन्‍हें धन तो मिला नहीं, उलटे उन्‍हें नौकरी से भी बेदखल जरूर कर दिया गया।

जेबी यूनियन का पर्दाफाश होने से जागरण प्रबंधन गुंडागर्दी पर उतरा

दैनिक जागरण प्रबंधन गुंडागर्दी पर उतर आया है। अखबार की कानपुर यूनिट में डाइरेक्‍टर पद पर तैनात सतीश मिश्रा जेबी यूनियन का पर्दाफाश होने से इतना बिलबिला गए हैं कि जगदीश मुखी से मारपीट करने पर उतर आए। जगदीश मुखी को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। जगदीश मुखी नोएडा कार्यालय में इलुस्‍ट्रेटर के रूप में काम कर रहे थे। कुछ माह पूर्व उनका तबादला कानपुर कर दिया गया था। उस समय उनकी पारिवारिक परिस्थितियों को दरकिनार कर उन्‍हें जबरन कानपुर भेज दिया गया। इससे पूर्व भी एक मशीनमैन से कानपुर में मारपीट की गई थी। उसके बाद रतन भूषण का तबादला कानपुर किया गया, जिससे रुष्‍ट कर्मचारियों ने विगत सात जुलाई को नोएडा में काम बंद कर दिया था। कर्मचारियों की इस एकजुटता से प्रबंधन को झुकना पड़ा था और उस समय किए गए तबादले वापस ले लिए गए थे। 

मानहानि का मुकदमा ठोकते ही समझौते के लिए रिरियाने, फिर धमकाने लगा दैनिक जागरण

मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) : अपना गला फंसते देख खुद को देश ही नहीं, पूरी दुनिया का नंबर वन कहने वाला बड़बोला अखबार दैनिक जागरण किस तरह सिंह से सियार बन जाता है, इसकी बानगी भर है ओमवीर सिंह प्रकरण। मानहानि के उस मामले में अपनी गलती से मुंह चुराते हुए जागरण प्रबंधन को आखिरकार ओमवीर के आगे समझौते के लिए रिरियाना पड़ा। 

जागरण और भास्कर से शिवकुमार, त्रिभुवन, नृपेंद्र, मोहिंदर के बारे में सूचनाएं

दैनिक भास्कर पानीपत के संपादक शिवकुमार विवेक का भोपाल  ट्रान्सफर। सेटेलाइट सेटअप देंखेंगे। दैनिक भास्कर उदयपुर के संपादक बलदेवकृष्ण शर्मा पानीपत के नए संपादक होंगे। वह पहली मई से चार्ज लेंगे। उदयपुर के नए संपादक होंगे त्रिभुवन। इससे पहले त्रिभुवन दैनिक भास्कर जयपुर के ब्यूरो चीफ हुआ करते थे।