Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

मजीठिया मामला : 38 हजार बकाये का चेक लेकर आये लोकमत प्रबंधक को सहायक कामगार आयुक्त ने लौटाया

मुंबई : लोकमत के अकोला संस्करण से सर्कुलेशन अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुये सुभाष आर तायड़े को सेवानिवृति के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से वेतन, एरियर और अंतरिम राहत नहीं मिला तो उन्होंने अकोला के श्रम आयुक्त कार्यालय में 17 (1) के तहत लोकमत प्रबंधन के खिलाफ रिकवरी क्लेम लगा दिया। इस क्लेम की सुनवाई के दौरान लोकमत प्रबंधन 38 हजार रुपये का एक चेक उस कर्मचारी के नाम का लेकर उपस्थित हुआ और दावा किया कि इस कर्मचारी का मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार यही बकाया निकल रहा है।

<p>मुंबई : लोकमत के अकोला संस्करण से सर्कुलेशन अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुये सुभाष आर तायड़े को सेवानिवृति के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से वेतन, एरियर और अंतरिम राहत नहीं मिला तो उन्होंने अकोला के श्रम आयुक्त कार्यालय में 17 (1) के तहत लोकमत प्रबंधन के खिलाफ रिकवरी क्लेम लगा दिया। इस क्लेम की सुनवाई के दौरान लोकमत प्रबंधन 38 हजार रुपये का एक चेक उस कर्मचारी के नाम का लेकर उपस्थित हुआ और दावा किया कि इस कर्मचारी का मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार यही बकाया निकल रहा है।</p>

मुंबई : लोकमत के अकोला संस्करण से सर्कुलेशन अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुये सुभाष आर तायड़े को सेवानिवृति के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से वेतन, एरियर और अंतरिम राहत नहीं मिला तो उन्होंने अकोला के श्रम आयुक्त कार्यालय में 17 (1) के तहत लोकमत प्रबंधन के खिलाफ रिकवरी क्लेम लगा दिया। इस क्लेम की सुनवाई के दौरान लोकमत प्रबंधन 38 हजार रुपये का एक चेक उस कर्मचारी के नाम का लेकर उपस्थित हुआ और दावा किया कि इस कर्मचारी का मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार यही बकाया निकल रहा है।

इसके बाद सुभाष तायड़े ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि उनका बीस लाख से ज्यादा बकाया निकल रहा है और लोकमत प्रबंधन श्रम विभाग को गुमराह कर रहा है। सुभाष तायड़े ने तुरंत इस बात की जानकारी मजीठिया संघर्ष मंच के अध्यक्ष और पत्रकार शशिकांत सिंह को दी। उन्होंने एक सीए से बनवाकर लाया गया हिसाब भी दिखाया। इस मामले की सुनवाई कर रहे अकोला के सहायक कामगार आयुक्त श्री पानबुड़े ने सुभाष तायड़े की बात को गंभीरता से लिया और लोकमत प्रबंधन को यह कहकर बैरंग वापस कर दिया कि आप अपनी कंपनी और उसकी सभी ब्रांचों की 2007 से 2010 तक की बैलेंसशीट लाईये ताकि पता चल जाये कि आप सही हैं या नहीं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसके बाद लोकमत प्रबंधन को सुभाष तायड़े के नाम पर लाया गया 38 हजार का चेक भी वापस कर दिया गया। अब लोकमत प्रबंधन अगले महीने के पहले सप्ताह में पूरा विवरण लेकर फिर सुनवाई के लिये उपस्थित होगा। आपको बता दें कि सुभाष तायड़े सेवानिवृत हो चुके हैं और उनका हिसाब भी कंपनी ने दे दिया है मगर मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सुभाष तायड़े को बीस लाख के लगभग लोकमत प्रबंधन को देना पड़ सकता है जिससे लोकमत प्रबंधन बचना चाहता है।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
९३२२४११३३५

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement