: पांच माह से वेतन नहीं मिला था : परिजनों के गिड़गिड़ाने के बावजूद नहीं पसीजा जालिम सम्पादक का दिल : नोएडा । लगभग दो माह पहले एक सडक दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हुए नेशनल दुनिया के फोटोजर्नलिस्ट ओमपाल का अस्पताल में निधन हो गया। घायल युवा फोटो जर्नलिस्ट काफी समय से कोमा में थे। नेशनल दुनिया पर ओमपाल का पांच माह का वेतन बकाया था। ओमपाल के परिजनों ने सैकडो बार नेशनल दुनिया के प्रभारी सम्पादक बलदेव भाई शर्मा से बकाया वेतन के भुगतान की गुहार लगायी, लेकिन परिजनों की चीत्कार से सम्पादक जी का दिल नहीं पसीजा।
ओमपाल का वेतन ईएसआई की कैटेगिरी में आता था, लेकिन ओमपाल के वेतन से काटे गये अंशदान को ईएसआई में जमा ही नहीं किया गया। यदि यह रकम ईएसआई में जमा हो जाता तो इस युवा फोटोजर्नलिस्ट का ठीक तरीके से ईलाज हो जाता और शायद उसकी जान बच जाती। ईएसआई अपने खर्चे पर ओमपाल का ईलाज कराता। पैसे के अभाव में ओमपाल का ठीक से इलाज नहीं हो पाया। सू़त्रों का कहना है कि ओमपाल की मौत की सूचना नेशनल दुनिया के सभी विभागों को दे दी गयी थी लेकिन पत्रकारों को छोड़कर मैनेजमैंट का कोई भी बंदा ओमपाल की शवयात्रा में नहीं पहुंचा। ओमपाल के शव को हरियाणा के पलवल में ले जाया गया है, जहां उनका दाह संस्कार कर दिया गया। पिछले साल नेशनल दुनिया में चपरासी नरेश की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।
नरेश की मौत की खबर तक नेशनल दुनिया में नहीं छापी गयी। सूत्रों का कहना है कि खबर इसलिए नहीं छपने दी गयी क्योंकि नरेश कम्पनी में परमानेंट नहीं था। इस खबर को पेज से यह कह कर हटवा दिया गया कि यदि खबर छप गयी तो अखबार को मुआवजा देना पड जायेगा। इसके अलावा नेशनल दुनिया के गाजियाबाद संवाददता राजू मिश्रा को गत साल हार्ट अटैक पड गया था। वहां के सर्वोदय अस्पताल में उनकी सर्जरी के लिए डाक्टरों ने मोटी रकम एडवांस में मांगी तो परिजनों ने नेशनल दुनिया के प्रबंधकों और सम्पादक से गुहार लगायी जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। बाद में गाजियाबाद के पत्रकारों ने चंदा एकत्र कर राजू की जान बचायी।
नेशनल दुनिया में किसी भी कर्मचारी का पीएफ और ईएसआई में कोई पैसा जमा नहीं होता। कर्मचारी के वेतन से पैसा काट लिया जाता है लेकिन खाते में जमा नहीं होता। ओमपाल की मौत के बाद नेशनल दुनिया के कर्मचारियों में बड़े स्तर पर आक्रोश व्याप्त है। नेशनल दुनिया के सम्पादक बलदेव भाई शर्मा नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं। इसलिए उनके कारनामों की शिकायत मीडिया कर्मियों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी से करने का निश्चय किया है। मानव संसाधन मंत्रालय के अधीन नेशनल बुक ट्रस्ट आता है।
नेशनल दुनिया के कर्मचारियों का कहना है कि जिस अखबार पर भ्रष्टाचार और कर चोरी के अनेक आरोप हैं, उस अखबार के सम्पादक को नेशनल बुक ट्रस्ट का चेयरमैन सरकार ने कैसे बना दिया। इससे मोदी की साफ सुथरी छवि पर सवालिया निशान लग गया है। लोकसभा के आगामी सत्र में यह मामला उठ सकता है। नेशनल दुनिया के कर्मचारी इस समय विपक्ष के कई सांसदों के सम्पर्क में हैं।
Rakesh Kumar
January 19, 2016 at 3:22 am
बहोत दुःख की बात है, मुसीबत पड़ने पर खुद कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों पर जरा भी ध्यान नहीं देते… आखिर किस लिए और किसके लिए काम कर रहे हो, अगर तुम्हारे अन्दर इंसानियत ही मर गई है तो फिर अख़बार में कोन सा सच्चाई और नेकी का पाठ पढ़ा रहे हो … मुर्ख है वो लोग जो किसी के लिए आवाज़ नहीं उठाते …. यशवंत जी का शुक्रिया, जो पूरी इमानदारी के साथ हर एक पीड़ित की आवाज़ बन जाते है… जय हिन्द
Shekhar.
January 20, 2016 at 10:00 am
Hey, everyone by all this news about National Duniya we can confirm dat this Newspaper is is a juggler and also a information is there that illegal property of Baldev Bhai Sharma should be inspected. And he is a corrupted person and due to him there is a black spot mark on National Duniya newspaper. This guy should be fired and strict action should be taken against him.