Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

नोटबंदी के बाद आनलाइन ठगी तेजी से बढ़ी, बनारस में सदमें में एक गरीब की मौत

Gurdeep Singh Sappal : कुछ देर पहले मेरे ख़ास जानने वाले के यहाँ कुछ फ़ोन कॉल आए। कहा कि RBI से बोल रहे हैं और आपका बैंक खाता और क्रेडिट कार्ड आधार नम्बर से लिंक नहीं है। फ़ोन करने वाले ने धमकाया कि अगर फ़ौरन उसे सभी जानकारी न दी गयी तो RBI उनके डिपॉज़िट को काला धन मान कर आज ही ज़ब्त कर लेगा।जब उसे डाँट कर मना किया तो बार बार फ़ोन कर उसने बहुत डराया।

आख़िरकार, दबाव में आ कर, डर कर अंकल जी ने अपना आधार नम्बर और कुछ और जानकारी उसे दे ही दी। कल भी मुझे ऐसा ही एक और वाक़या किसी FM चैनल पर सुनने को मिला। ज़ाहिर है, आजकल फैली अफ़रातफ़री का फ़ायदा उठाने के लिए जालसाज़ सक्रिय हो गए हैं। बैंक जागरूकता फैलाते रहते हैं कि ऐसे लोगों को कोई जानकारी न दें, लेकिन बहुत से शरीफ़ लोग फिर भी दबाव में आ ही जाते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ये हैरानी की बात नहीं है, पूरी दुनिया में फैली है। पिछले साल ही, दुनिया भर में क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जालसाज़ी में ₹ एक लाख दस हज़ार करोड़ ($16.31 Billion) का चूना लगा था। ये बैंकों द्वारा दी गयी अधिकृत जानकारी है। ऐसे में इन जालसाज़ों पर तुरंत कार्यवाही ज़रूरी है, साथ ही लोगों को लगातार ये बताना ज़रूरी है कि किसी भी दबाव में अपनी कोई जानकारी फ़ोन पर किसी को न दें। ये सही है कि बैंक जागरूकता फैलाते रहे हैं, लेकिन अभी भी कम है।

राज्यसभा टीवी के सीईओ और एडिटर इन चीफ जीएस सप्पल की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.

नोटबंदी के बहाने आनलाइन ठगी की एक लैटेस्ट घटना बनारस में… विकास यादव ([email protected]) की रिपोर्ट :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कालाधन बताकर खाते से उड़ाएं 2.5 लाख, सदमे में मौत

Advertisement. Scroll to continue reading.

वाराणसी के शिवदासपुर निवासी 40 साल के विजयी पाल के साथ बड़ी ठगी हो गई। ठग ने उसके खाते में जमा मेहनत की कमाई को कालाधन बताकर ढाई लाख रुपये निकाल लिए। किसी तरह विजयी ने बाकी पैसे बचाने के लिए अपने खाते को ब्लॉक करा दिया। उसे उम्मीद थी कि पुलिस मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल करेगी लेकिन पुलिस उसे दौड़ाती रही और टरकाती रही। परेशान विजयी डिप्रेशन में आ गया। बृहस्पतिवार को उसके सीने में दर्द हुआ और अस्पताल पहुंचने से पहले ही सांसों ने उसका साथ छोड़ दिया। हालात यह हो गए कि अंतिम संस्कार के लिए उसके परिजन चिता के लिए लकड़ी तक नहीं खरीद पाए।

नंदू पाल के इकलौते बेटे विजयी पाल ने मुंबई में पंद्रह साल तक ऑटो चलाकर जमीन खरीदी थी। मुंबई की जमीन बेचकर उसने पांच लाख अपने खाते में जमा कराए थे। खाते में ढाई लाख रुपये पहले से थे। अप्रैल में वह मुंबई से घर लौट आया था। घर बनवाना शुरू कर दिया था। उसकी दो बेटियां हैं। एक कक्षा नौ और दूसरी कक्षा सात में पढ़ रही हैं। इन दोनों के लिए भी उसने कुछ धन जमा कर रखा था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मंगलवार को विजयी के पास फोन आया। उस समय वह ऑटो बनवा रहा था। फोन करने वाले ने खुद को आयकर अधिकारी बताया और कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के मुंबई ऑफिस में मैनेजर के सामने बैठा हूं। कहा, आपके खाते का ब्योरा मेरे सामने हैं। आपके खाते में जमा पैसा काला धन है। विजयी ने सफाई दी पर कथित अधिकारी मानने को तैयार नहीं हुआ। खाते की जांच और ट्रांजक्शन की डिटेल जानने के लिए उसने विजयी से एटीएम कार्ड नंबर और पिन नंबर ले लिया। इसके बाद फोन कट गया।

इसके बाद विजयी के फोन पर पैसे कटने के मैसेज आने लगे। इस पर वह भागते हुए घर पहुंचा और कागजात लेकर चांदपुर स्थित बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा। खाते को ब्लॉॅक करते-करते उसके एकाउंट से ढाई लाख रुपये निकाल लिए गए। बैक अधिकारियों ने मुंबई शाखा में संपर्क किया, जहां ऐसी किसी कार्रवाई से इन्कार किया गया। इस पर विजयी मंडुवाडीह थाने पहुंचा, जहां बैंक की डिटेल लाने के नाम पर शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया गया। बैंक की डिटेल ले जाने पर एसओ नहीं होने के बहाने उसे वापस कर दिया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कहीं सुनवाई न होने के कारण विजयी डिप्रेशन में चला गया। बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे उसके सीने में दर्द उठा। पास ही मौजूद नर्सिंग होम में ले जाते-जाते उसकी मौत हो गई। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। उधर, उसके घर में पैसे नहीं थे। खाता ब्लॉक हो जाने के कारण उसके खाते से भी पैसे नहीं निकल सके। हालात यह हो गया कि अंतिम संस्कार के लिए इतने भी पैसे इकट्ठे नहीं हो पाए कि विजयी का अंतिम संस्कार विधि-विधान से हो सके। मणिकर्णिका घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में उसका अंतिम संस्कार किया गया।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement