-विश्व दीपक-
फ्रांस ने दुनिया को स्वतंत्रता (Freedom), समानता (Equality) और बंधुत्व ( Brotherhood) दिया. फ्रांसिसी क्रांति से निकले विचारों की रोशनी में लोकतंत्र का जन्म हुआ. रूस समेत कई देशों में क्रांतियों का आगाज़ हुआ.
फ्रांस ने देकार्त, बाल्ज़ाक, सात्र, सिमोन, कामू दिया. गोदार का सिनेमा फ्रांस की महान उपलब्धियों में से एक है. नोबेल जीतने वाली पहली महिला वैज्ञानिक मैडम क्यूरी फ्रांस की थीं. फ्रांस सदियों से दुनिया भर के लेखकों, कवियों, पेंटर, कलाकारों, राजनीतिक विद्रोहियों की शरण स्थली रहा है.
यहां तक कि सीरिया, यमन, तुर्की, उत्तर अफ्रीका के कई देशों से भागे लाखों मुसलमानों को फ्रांस ने उस वक़्त गले लगाया जब एलन कुर्द समंदर में डूब कर मर रहा था.
तब पाकिस्तान, मलेशिया, तुर्की, बांग्लादेश का मुसलमान खामोश था. ये सारे इस्लामिक राष्ट्र हैं. इन राष्ट्र प्रमुखों में से किसी ने भी सीरिया, इराक़, अफगानिस्तान के मुसलमान को बुलाकर शरण दी हो तो बताइए?
फ्रांस ने इस दुनिया को जितना दिया है वह किसी भी पैगंबर, इस्लाम से बहुत- बहुत ज्यादा है. इस दुनिया को फ्रांस का ऋणी होना चाहिए. चूंकि मुसलमान भी इसी दुनिया में रहते हैं इसलिए उन्हें भी फ्रांस का अवदान कबूल करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
कार्टून का जवाब कार्टून हो सकता है, गर्दन काटना नहीं. अगर मलेशिया के प्रधानमंत्री का ही तर्क चलाना है तो गर्दन काटने का जवाब जब वो मिसाइल से गर्दन उड़ाकर देंगे तब क्या कीजिएगा?
बेबाक और सरोकारी पत्रकार विश्व दीपक की एफबी वॉल से.
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Faisal khan
November 1, 2020 at 6:43 pm
आपके दिल और दिमाग मे मुसलमानों के लिए भरे हुवे नापाक ज़हर को हम अच्छे से समझते हैं जनाब,इस ज़हर को जितना जल्दी निकाल फेंके वो बेहतर है आपके लिए बड़े भाई,