उत्तर प्रदेश का बुरा हाल है. पेड मीडिया की नजर सिर्फ केजरीवाल की आलोचना करने पर रहती है क्योंकि अभी केजरीवाल ने मीडिया को खिला पिलाकर मुंह बंद करना नहीं सीखा है. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश से लेकर ढेर सारे प्रदेशों तक में चल रहा जंगल राज मीडिया की नजर से जानबूझ कर गायब रहता है क्योंकि इन सरकारों ने आन दी रिकार्ड और आफ दी रिकार्ड विज्ञापनों / पैसों से मीडिया का मुंह सिल रखा होता है. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में जो कुछ हुआ है, वह दहला देने वाला है. एक बेबाक पत्रकार को सोशल मीडिया पर लिखने की कीमत यह चुकानी पड़ी कि एक मंत्री उसे परेशान करने लगा और मंत्री के इशारे पर पुलिस गिरफ्तार करने के लिए पीछे पड़ गई. ऐसे में पत्रकार ने पुलिस के सामने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा लिया.
पत्रकार का नाम जागेंद्र सिंह है. लोकतंत्र की पग-पग पर हत्या करने वाले प्रदेश उर्फ उत्तर प्रदेश के शाहजहापुर जिले में सोशल मीडिया पर बेबाक और निष्पक्ष लिखने वाले पत्रकार जागेन्द्र सिंह का पिछले कुछ दिनों से सत्ताधारी नेताओं द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा था. इसकी शिकायत जागेन्द्र सिंह ने स्थानीय थाने में की. लेकिन पुलिस उल्टे जागेंद्र को गिरफ्तार करने पहुँच गई. इससे क्षुब्ध जागेंद्र ने पुलिस के सामने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा लिया. जागेन्द्र को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है जहाँ उनका इलाज चल रहा है.
पिछले कई दिनों से पत्रकार जगेंद्र सिंह और सूबे के एक मंत्री के बीच जबरदस्त विवाद चल रहा था. इन्ही विवादों के बीच पहले जगेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला हुआ, जिसकी रिपोर्ट सदर थाने में दर्ज करवाई थी. इसके बाद पत्रकार जगेंद्र सिंह पर पिछले माह कोतवाली पुलिस ने एक युवक की तहरीर पर 307 का मुकदमा दर्ज किया था. इसी मामले में पुलिस उनको गिरफ्तार करने उनके आवास पर पहुंची. दुखी पत्रकार ने पेट्रोल डालकर खुद को जला लिया. आग लगने से जगेंद्र सिंह चिल्लाने लगे.
शोर शराबा सुनकर मोहल्ले के लोग अपने घरों से बाहर निकल पड़े. तब पुलिस ने घायल अवस्था में जगेंद्र सिंह को अपनी गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया. सूचना पाकर एसपी बबलू कुमार, एडीएम फाइनेंस प्रमोद श्रीवास्तव, एसडीएम सदर समेत आदि अधिकारी जिला अस्पताल में पहुंच गए. एसपी ने घायल पत्रकार से घटना के विषय में जानकारी ली. एसडीएम सदर ने पत्रकार के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज किए. इस मामले में एसपी बबलू कुमार का कहना है कि कोतवाली पुलिस जगेंद्र सिंह को 307 के मुक़दमे में गिरफ्तार करने गई थी. उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर आग लगा दी जिसके बाद पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल इस मामले में इस मामले में एसपी ने एएसपी सिटी के नेतृत्व में टीम गठित कर जाँच के निर्देश दिए हैं.
amit bhadoriya
June 3, 2015 at 9:15 am
कोतवाली थाना क्षेत्र के मुहल्ला आवास विकास कालोनी बरेली मोड़ निवासी पत्रकार अमित भदौरिया ने 12 मई को जागेंद्र ¨सह और उसके साथी विनोद व अनुराग निवासी आजादनगर थाना जलालाबाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि तीनों ने गाली गलौज कर जबरन वाहन में ले जाने की कोशिश की और जान से मारने की नीयत से फायर किया था। पुलिस इस मामले की विवचेना कर रही थी। सोमवार को अपरान्ह करीब तीन बजे जागेंद्र अपने घर में लैपटॉप पर काम कर रहे थे। -और पुलिस को सुचना मिली की जगेंदर घर पर है पुलिस ने फील्डिंग लगायी की बह भाग न जाये इसलिए घराबंदी के बाद अपने को फस देख जगेंदर ने हंगामा मचाने के लिए खुद को हलकी सी आग लगायी पर जब तक पुलिस समझ पाती जगेंदर मतलब भर का जल गया था | अगर पुलिस जलती तो अस्पताल क्यूँ एडमिट कराती |मैं धन्यबस्द दूंगा कोतवाली पुलिस को जिसने जगेंदर सिंह को मौत के मुह से बचा लिया | जनता की आँखों पर अभी भी पट्टी बंधी है इसलिए हम ऊपर वाले से प्रार्थना करेगे की जगेंदर जल्द स्वस्थ होकर आये और सीधा सामना कोर्ट में हो जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो सके | | खैर श्री प्रकश रॉय कोतवाल की महनत रंग लायी है जगेंदर सिंह बच गया है और श्री प्रकाश रॉय के संग में गयी टीम में पुलिस वाले भयभीत है इसलिए की इंसानियत निभाने के चक्कर में टीम में गए लोग जगेंदर के लफडे के शिकार हो सकते है और अब आमना सामना कोर्ट में है |सूत्रों के अनुससार एस हाई प्रोफाइल ड्रामा को रचने वालो में एक माफिया की सलाह भी है क्यूकी वो पहले ऐसा ड्रामा कर चुके है