Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तराखंड

उत्तरांचल प्रेस क्लब : जब पत्रकार ही भ्रष्ट होंगे तो भ्रष्टाचारियों पर चोट कौन करेगा?

उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून के पूर्व पदाधिकारियों पर ट्रैक सूट घोटाले के आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि क्लब के पदाधिकारियों ने चुनाव से ठीक पहले क्लब के सदस्यों से 1200-1200 रुपये की वसूली की और आधे दाम में घटिया ट्रैक सूट खरीदकर अपने ही उन साथियों में बांट दिए जो चुनाव में उन्हें वोट दे सकते थे। इसका नतीजा रहा कि चुनाव नूरा कुश्ती साबित हुई और विकास धूलिया पैनल जीत गया।

विकास धूलिया यूं तो दैनिक जागरण के अच्छे पत्रकारों में शुमार माने जाते हैं और भ्रष्ट व्यवस्था पर प्रहार करते हैं, लेकिन अब उनके इस तरह से अध्यक्ष बनने से उनकी छवि धूमिल हो सकती है क्योंकि इस प्रेस क्लब में अधिकांश अध्यक्ष विवादित ही रहे हैं। पूर्व अध्यक्ष नवीन थलेड़ी ने अपनी शिक्षिका पत्नी को दून में अटैच करवा करवा कर सरकार के चरणों में सिर टिका दिया था तो क्लब में खोले गए बार में असामाजिक तत्वों की मौजूदगी और ट्रैक सूट घोटाले के आरोप में भूपेंद्र कंडारी भी फंस गए हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यदि ट्रैक सूट घोटाला हुआ तो पत्रकारों के घोटाले की जांच कौन करेगा? यह अलग सवाल है। वैसे भी क्लब के पदाधिकारियों पर पहले भी आय-व्यय का ब्योरा न देने, नजूल भूमि का दुरुपयोग कर किराया वसूलने और अधिकृत रूप से बार चलाने और जीएसटी न देने से मोदी के सपनों पर कुठाराघात करने का आरोप है। यही नहीं, यहां शराब पीने वाले गेस्ट में पत्रकार कम और आटो रिक्शा चालक और टेम्पो चालक अधिक शामिल होने का भी आरोप हैं।

यह भी आरोप है कि दारू पीने के लिए कुछ शिक्षक भी यहीं दिन भर पड़े रहते हैं और इनका बिल भी बिना जीएसटी के गैरकानूनी ढंग से वसूला जाता है। आरोप यह भी है कि प्रेस क्लब पदाघिकारियों ने क्लब को अलाट की गई जमीन से कहीं अधिक जमीन पर गेट बना कर कब्जा किया है और न ही यहां से धरना देने वाले स्थल से लोगों को आने-जाने दिया जाता है। कुल मिलाकर प्रेस क्लब अतिक्रमण का शिकार है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जानकारी के अनुसार हाल में एमडीडीए की टीम ने भी यहां का दौरा किया था, लेकिन पत्रकारों के दबाव के चलते अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। विडम्बना है कि इस प्रेस क्लब में रचनात्मक व सकारात्मक गतिविधियां कम और गैरकानूनी और नशाखोरी की गतिविधियां चलाने का आरोप हैं।

ऐसे में जब नई कार्यकारिणी भी नियोजित तरीके से चुनी गई है तो यह तय है यह कार्यकारिणी क्या करेगी? अब देखना यह है कि दैनिक जागरण के तेज-तर्रार पत्रकारों में शुमार विकास धूलिया क्या सच में कुछ कर पाएंगे या वो भी निजी स्वार्थ में लिप्त होंगे? क्या वो पिछली कार्यकारिणी के आय-व्यय का ब्योरा लेंगे? बार में असमाजिक तत्वों की इंट्री को बैन करेंगे? क्लब का जीएसटी नंबर लेंगे और अवैध कमाई को वैध कर सरकार को टैक्स देंगे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement