Amitaabh Srivastava : प्रधानमंत्री बोले- ‘आज तक सबसे तेज़ चैनल, हम सबसे तेज़ सरकार’। उन्होंने चैनल के कार्यक्रमों ‘विशेष’ और ‘हल्ला बोल’ का भी ज़िक्र किया। चुनावी माहौल में इस प्रशंसा के निस्संदेह गहरे अर्थ हैं। एक मीडिया ब्रांड के तौर पर यह आज तक की ताक़त ही है कि बीस मिनट के बुलेटिन से लेकर 24 घंटे के चैनल तक की यात्रा में अटल बिहारी वाजपेई ने भी प्रशंसा की और अब नरेंद्र मोदी ने भी।
Ravish Shukla : इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय मीडिया उत्तेजक और गैरजिम्मेदाराना है। डेस्क अब रिपोर्टर की खबरों को मांजने के बजाए यूट्यूब और ट्विट पर खबर खोजने में ज्यादा लगा है। गढ़े हुए सूत्रों से कई अनुमानित खबरें चलती और उतरती रहती हैं। लेकिन मीडिया को नंगा करने की होड़ में बहुत सारे लोग पाकिस्तानी सेना के गैरपेशेवर तरीके की बनाई गई हमारे पायलट के वीडियो को शेयर कर वाहवाही बटोर रहे हैं। सोशल मीडिया की दिक्कत यही है कि दुश्मन सेना चाहती है कि ये वीडियो वायरल हो और हम उसका टूल सिर्फ इसलिए बनते हैं कि हम जल्दी से जल्दी किसी भी सनसनी वीडियो को शेयर करके या फेसबुक पर अपनी भड़ास लिखकर आभासी दुनिया के गामा पहलवान बनना चाहता हैं। यही वजह है कि आजकल सोशल मीडिया गैर जिम्मेदारी से लिखे गए कंटेट से बजबजा रहा है और असल दुनिया में कुछ समाज के लिए करने के बजाए लिहाफ ओढ़कर… कौन से नेता से आपका व्यक्तित्व मिलता …इसमें अपने को खोजकर युवा सो जाता है। जागो…उठो और सोशल मीडिया से इतर अपना काम बाखूबी करके तुर्रम खां बनो तो जानूं…
वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव और रवीश शुक्ला की एफबी वॉल से.