सभी मान्यता प्राप्त साथियों,
एक परंपरा इस बार टूट गई है। चुनाव में आपके 100 रुपए के आर्थिक अंशदान से एकत्र हुए फंड से इस बार नव निर्वाचित समिति आपके सम्मान में लंच का आयोजन नहीं कर सकेगी। साथ मिल बैठकर खाना फिर कभी किसी और मौके पर निश्चित ही होगा। लेकिन इस बार समिति के समक्ष दो विकल्प थे। एक तरफ चुनावी फंड से बचे तकरीबन 30 हजार रुपए से लंच के आयोजन तो दूसरी तरफ हम सब के साथी, पूर्व में मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सदस्य रहे सुरेंद्र सिंह व उनके परिवार की मदद का विकल्प।
मुझे खुशी और गर्व है कि समिति के सभी पदाधिकारियों ने दूसरे विकल्प का चुनाव किया। ऐसा नहीं है कि हम सभी नवनिर्वाचित सदस्य लंच नहीं चाहते थे। पर सवाल यह था कि क्या कोई और बेहतर तरीका है हमारे और आप सभी 475 लोगों के आर्थिक अंशदान के इस्तेमाल का। आप सभी को पता है कि श्री सुरेंद्र सिंह बीते 3 वर्षों से मोटर न्यूरोन डिसार्डर नामक लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं। मेडिकल साइंस में इस बीमारी का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। सुरेंद्र जी का शरीर लकवाग्रस्त है..वह बोल नहीं सकते, अपने आप हिल भी नहीं सकते। बीते दो वर्षों में समिति के तत्कालीन पदाधिकारियों ने कभी भी उनकी सुध नहीं ली।
मान्यता समिति का अध्यक्ष निर्वाचित होने के तुरंत बाद इसी 31 अगस्त को मैं और हमारी समिति के कई साथी..सुरेंद्र जी के घर गए थे। उनकी और उनके परिवार की स्थिति देखकर हम सभी को बहुत तकलीफ हुई। हमने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था। उसी के बाद समिति ने प्रमुख सचिव सूचना और फिर मुख्य सचिव से मुलाकात कर यह मांग की थी कि सुरेंद्र जी के परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक मदद की जाए।
हमें फिलहाल सरकार से जवाब का इंतजार है। सरकारी तंत्र किस रफ्तार से काम करता है इसका आपको अंदाजा है। इस बीच में हम उनके लिए कुछ कर सकें यह जरूरी था। ऐसे में यह फैसला किय गया कि चुनाव फंड में बजे 30 हजार रुपए में कुछ और अंशदान समिति के पदाधिकारी अपनी सुविधा के अनुरूप करें। हमारे बीच में पूल हुई धनराशि के बाद हमने फिलहाल 55 हजार रुपए श्री सुरेंद्र सिंह के परिवार को उपलब्ध कराए हैं।
अपना एक साथी इस कदर तकलीफ में हो और हम लंच करें यह हमें उचित नहीं लगा। हमें यह भी सोचना होगा कि क्या हम कोई ऐसा सिस्टम बना सकते हैं जिससे हर बार मदद के लिए हमें सरकार का मूंह न ताकना पड़े। समिति के पास कोई आर्थिक स्रोत है नहीं, इस बार कुछ फंड था तो उसका इस्तेमाल हो गया। भविष्य के लिए हमें कोई नीति निर्धारित करनी होगी। आपके सुझाव आमंत्रित हैं।
अभिवादन सहित
आपका
प्रांशु मिश्र
अध्यक्ष
मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति
09415141305
Comments on “यूपी के पत्रकारों ने अपने खानपान समारोह के लिए इकट्ठा पैसा बीमार पत्रकार को दे दिया”
Lajawab Paranshu Lal salam