That’s a good initiative, something i have been fighting for, for a long time. After a sustained effort and a major struggle, we had managed to get temporary membership for 18 journalists. But even these members have not been made permanent members. The fear of those wielding power at UP Press Club (for indefinite terms) is that news members might tip the balance against the ‘thekedaars’ in the next Club election (whenever that happens!)
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OPEN PRESS CLUB FOR ALL JOURNALISTS
Lucknow, 11 February 2016 : The UP State Accredited correspondent committee has passed a resolution demanding Opening of doors of the UP Press Club, for all accredited and other working journalists. In the meeting of the Correspondent committee held at Press room of Vidhan Bhawan and presided by its President Pranshu Mishra, a resolution to this regard was moved by Senior journalist and member of the executive committee Mr Kazim Raza.
प्रांशु मिश्र ने हसीब सिद्दीकी को लेटर लिखकर किन किन सवालों का जवाब पूछा… पढ़ें पूरा पत्र
प्रिय मित्र, उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष श्री हसीब सिद्दीकी को मैने एक पत्र लिखा है। दरअसल लंबे समय से मन में कई सवाल थे। शायद ये सवाल आप में से बहुतों के मन में भी हों। चूंकि हसीब भाई प्रदेश में संगठन के शीर्ष पद पर हैं, मुझे लगता है कि तमाम …
यूपीएसएसीसी के पदाधिकारियों से मुलाकात के दौरान बोले मुलायम- ‘लखनऊ के पत्रकार सबसे अच्छे’ (देखें तस्वीरें)
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति (UPSACC) के पदाधिकारियों ने बीते दिनों समिति के अध्यक्ष प्रांशु मिश्रा के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से उनके निवास पांच विक्रमादित्य मार्ग पर मुलाकात की. श्री यादव ने समिति के सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि यह समिति पत्रकारों के हितों और पत्रकारिता के उद्देश्यों को पूरा करेगी. उन्होंने समिति के सभी सदस्यों से परिचय पूछा और उनके संस्थानों का नाम जाना. श्री यादव ने कहा कि यह बहुत अच्छा है कि समिति के सभी लोग योग्य हैं.
यूपी मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति में छह पत्रकार नामित, देखें नाम
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति द्वारा समिति में 6 सदस्यों को मनोनीत किया गया है। इनके नाम इस प्रकार हैं…
यूपी के पत्रकारों ने अपने खानपान समारोह के लिए इकट्ठा पैसा बीमार पत्रकार को दे दिया
सभी मान्यता प्राप्त साथियों,
एक परंपरा इस बार टूट गई है। चुनाव में आपके 100 रुपए के आर्थिक अंशदान से एकत्र हुए फंड से इस बार नव निर्वाचित समिति आपके सम्मान में लंच का आयोजन नहीं कर सकेगी। साथ मिल बैठकर खाना फिर कभी किसी और मौके पर निश्चित ही होगा। लेकिन इस बार समिति के समक्ष दो विकल्प थे। एक तरफ चुनावी फंड से बचे तकरीबन 30 हजार रुपए से लंच के आयोजन तो दूसरी तरफ हम सब के साथी, पूर्व में मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सदस्य रहे सुरेंद्र सिंह व उनके परिवार की मदद का विकल्प।
संवाददाता समिति ने दी वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र सिंह के परिजनों को 55 हजार की मदद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने लम्बे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र सिंह के परिजनों से आज मुलाकात कर उनके इलाज के लिए 55 हजार की फौरी मदद प्रदान की। इसी के साथ समिति ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह श्री सिंह के इलाज के लिए दस लाख रूपये देने की उसकी मांग पर शीघ्र निर्णय करे।
UPSACC : रात भर चली मतगणना, आज सुबह आया रिजल्ट, प्राशु मिश्रा अध्यक्ष निर्वाचित (देखें लिस्ट)
उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता संवाददाता समिति का चुनाव हो गया. कल वोट पड़े और रात भर चली मतों की गिनती के बाद आज सुबह परिणाम घोषित कर दिया गया. राज्य मुख्यालय के 438 पत्रकारों ने अपने मतों का प्रयोग किया था. कल शाम से शुरू होकर आज सुबह 4 बजे तक चली मतगणना के बाद परिणाम आज सुबह घोषित हुआ. अध्यक्ष पद पर प्रांशु मिश्रा निर्वाचित घोषित किए गए हैं. नरेंद्र श्रीवास्तव और संजय शर्मा उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष बने हैं.
उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के चुनावी महाभारत में जीत गया अहंकार, खंडित हो गयी पत्रकार एकता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनावी महाभारत के संग्राम में कोई अगर जीता तो वह है अहंकार। महाभारत की तरह उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के चुनावों में पत्रकारों की सेना दो खेमों में विभाजित हो गई। ऐसा सम्भवतःपहली बार हो रहा है जब एक ही समिति के लिए दो- दो जगह चुनाव आयोग का गठन होकर दो जगहों पर चुनाव सम्पन्न हुए। इन चुनावों में कोई गांधी जैसा भी सामने नही आया जिसने विभाजन को रोकने के लिए कोई व्रत, सत्याग्रह किया हो। इन घटनाओं से तटस्थ पत्रकार को झटका लगा है उनको लगता है पत्रकार एकता को गहरी चोट लगी है।
लो जी, हेमंत-कलहंस ने फर्जी चुनाव करा के खुद को विजयी घोषित कर दिया
(आज हुए मतदान का एक दृश्य)
Yashwant Singh : लखनऊ में पत्रकारों ने अपना नेता चुनने के लिए कल भी वोट दिया और आज भी दे रहे हैं. जानते हैं क्यों? क्योंकि मान्यताप्राप्त पत्रकारों के दो गुट हो गए हैं और एक गुट जो बेहद बदनाम, लालची, सत्तापरस्त रहा है, किसी भी कीमत पर अध्यक्ष व सचिव पद नहीं जाने देना चाहता, वे चाहते हैं ताउम्र इस पद पर बने रहें. इसी से साबित हो जाता है कि ये कितने बड़े अलोकतांत्रिक और कितने बड़े लायजनर हैं. क्या इससे अलग भी कोई प्रमाण चाहिए. ये दो सज्जन हैं हेमंत तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस.
हेमंत और कलहंस ने मुझे तबाह-बर्बाद करने का संकल्प लिया… प्रभात त्रिपाठी भी मुझसे निपटेंगे…
दो गुटों में बंटे लखनऊ के पत्रकारों का एक चुनाव आज, दूसरा कल
Kumar Sauvir : पत्रकार समिति चुनाव में दलाल और प्रकाशक…. पत्रकार कहां हैं… गजब दौर है पत्रकारिता का, शर्म उन्हें बिलकुल नहीं आती… दोस्तों। सभी हमारे मित्र हैं और सभी लोग पत्रकार समिति की कार्यकारिणी पर कब्ज़ा करने की लालसा पाले हैं। गुड। वेरी गुड। इन सभी को जीत चाहिए। होनी भी चाहिए। गुड। वेरी गुड। लेकिन क्या किसी ने यह सोचा कि आपको और हम मित्रों को क्या चाहिये, जो मतदाता हैं। जिनके वोट से इन नेताओं की गिरी पीसने के सपने बुने जा रहे हैं। देखिये। इस सवाल का जवाब खुद में खोजिए कि हमारा नेता कौन होगा। कोई पक्का दलाल, झूठा, चाटुकार, दहशतगर्द, कोई मुनाफाखोर प्रकाशक, धंधेबाज, रैकेटियर, गिरोह की तरह कई कई अखबारों का धंधा करने वाला, विज्ञापन की खुली दलाली करने वाला या या या या फिर कोई, वाकई, पत्रकार। जिसके दिल में पत्रकारीय मूल्यों का जज़्बा हो, जूझने का दम हो, पत्रकार हितों के प्रति निष्ठां हो और सबसे बड़ी बात कि आप आदमी के प्रति समर्पण भी हो।
29 के चुनाव में हेमंत का अध्यक्ष और कलहंस का सचिव बनना फिक्स है!
लखनऊ के पत्रकार हिसाम सिद्दीकी ने एक पत्र के जरिए सभी को सूचित कर दिया है कि 29 अगस्त का चुनाव फिक्स है. इस चुनाव में हेमंत तिवारी का अध्यक्ष और सिद्धार्थ कलहंस का सचिव चुना जाना तय है. बाकी सब मतदान चुनाव वगैरह औपचारिकता है.
यूपी में मान्यता में खेल : अधूरी जानकारी मत दीजिए, ये है पूर्ण लिस्ट
उत्तर प्रदेश में मान्यता में खेल को लेकर जो खुलासा किया गया है, वह पूर्ण सच नहीं है. अधूरी जानकारी है. सूची में किसी को आपत्ति नहीं हो सकती, लेकिन अधूरी जानकारी घातक होती है. मैं भी लखनऊ का एक पत्रकार हूँ. मुझे भी इस बात की टीस है कि आखिर सही और ईमानदार पत्रकारों की पूछ क्यों नहीं हो रही है. आखिर क्या वजह है लखनऊ में दलाली और भोकाल के सहारे ही क्यों पत्रकारिता की जा रही है. इसी सदर्भ में मैं लिख रहा हूँ कि आखिर अधूरी सूची क्यों जारी की गयी है. यहाँ मैं साफ़ कर दूँ की सच कड़वा होता है. बहुतों को बुरा लगेगा, लेकिन ये ज़रूरी है. यह इसलिए भी ज़रूरी कि कहीं चंद नामों को जारी करने के पीछे कोई साजिश तो नहीं है.
हिसाम सिद्दीकी का खुला पत्र : समिति पर हर हाल में कब्जा जमाए रखने की चाहत क्यों है?
उत्तर प्रदेश में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के संगठन के चुनाव को लेकर सिरफुटव्वल जारी है. हेमंत तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस जैसे ब्रोकर्स से आम पत्रकारों में जबरदस्त नाराजगी है. लेकिन हेमंत व कलहंस हर हाल में इस संगठन पर फिर काबिज होना चाहते हैं क्योंकि इस संगठन के नेता के बतौर उन्हें सत्ता से गलबहियां-हथबहियां करने के मौके ढेर सारे मिलते रहते हैं. हेमंत और कलहंस की लाख कोशिशों के बावजूद चुनाव की गाड़ी डिरेल नहीं हुई है.
खुला पत्र लिखकर वीर विक्रम बहादुर मिश्र ने खुद को यूपीएसएसीसी के मुख्य चुनाव अधिकारी पद से अलग किया
मेरे साथियों, राजनीति के क्षेत्र में न केवल हमारा प्रदेश उत्तर प्रदेश अगुआ है बल्कि पत्रकारिता जगत में भी यह अग्रणी रहा है। उत्तर प्रदेश ने देश को न केवल बड़़े-बड़े नेता दिए हैं बल्कि मूर्धन्य पत्रकार भी दिए हैं। पत्रकारिता की इस विरासत को सहेजने की जिम्मेदारी हम साथी पत्रकारों के ऊपर है। अब लगता है कि हम अपनी इन जिम्मेदारियों से कुछ भटक गए हैं। जब उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की ओर से मुझे मुख्य चुनाव अधिकारी नामित किया गया था तो मुझे विश्वास था कि मैं सभी पक्षों से बातचीत कर सर्वसम्मत और एक साथ चुनाव करवा लूंगा। परंतु मेरी कई कोशिशों के बाद भी जो परिस्थितियां बनी हैं उससे मैं स्वयं को विफल होता देख रहा हूं।
पत्रकारों का गुस्सा हेमंत तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस जैसे नेताओं पर है
मान्यताप्राप्त पत्रकारों, जाओ मूली उखाड़ो, पेट साफ हो जाएगा… हेमन्त-कलहंस को धरचुक्क दिया तो नया पांसा पड़ा… तू डाल-डाल, मैं पात-पात कहावत सच… हेमन्त-कलहंस धड़ाम…
Kumar Sauvir : आयुर्वेद में मूली का अप्रतिम व्याख्यान है। मूली के जितने गुण आयुर्वेद, यूनानी और ऐलोपैथी सभी पैथियों ने पहचाने हैं, वह अनिर्वचनीय है। लेकिन दिक्कत यह है कि लखनऊ और आसपास के जिलों में खेतों की जगह अब मकान उग चुके हैं। अगर ऐसा न होता दोस्तों, तो मैं आज मैं अपने सभी मान्यताप्राप्त पत्रकार भाइयों को ऐलानिया सुझाव देता कि:- दोस्तों। जाओ, जहां भी दिखे, मूली उखाड़ लो। पत्रकार नेताओं ने अपनी काली-करतूतों के चलते जो बदहजमी का माहौल किया है, उसे सिर्फ मूली ही निदान है।
‘लखनऊ के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के कारण पूरे देश में हमारे यूपी के पत्रकारों की भद्द पिट रही है’
मेरे प्रिय साथियों
प्रभात कुमार त्रिपाठी का अपने सभी 614 मान्यता प्राप्त भाई और बहनों को नमस्कार…
मैंने कल दिन भर लखनऊ एनेक्सी से लेकर अपने सभी साथियों के बीच एक प्रस्ताव रखा जो पत्रकार एकता के लिये अहम प्रस्ताव था जिसे भारी मतों से देर शाम साथियों ने स्वीकार भी किया। प्रस्ताव था कि मै इस बात को लेकर दुखी हूं कि मुट्ठी पर वरिष्ठ पत्रकारों के जिद्द के चलते 40 सालों से चली आ रही पत्रकार कमेटी का दो जगह अलग-अलग चुनाव कराया जा रहा है जो अनुचित है। कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के कारण पूरे देश में हमारे यूपी के पत्रकारों की भद्द पिट रही है। इसका लाभ नौकरशाह और राजनेता उठाने में लग गये हैं। चर्चाएं भी हो रही हैं।
संवाददाता समिति चुनाव अब 30 अगस्त को, देखें प्रत्याशियों की लिस्ट
उ प्र मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का चुनाव अब रविवार 30 अगस्त को होगा. चुनाव समिति के सदस्य किशोर निगम ने बताया कि आगामी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को देखते हुए तारीख बदली गयी है. श्री निगम के अनुसार उम्मीदवारों ने समिति का ध्यान आकृष्ट किया है कि जन्माष्टमी का पर्व पॉंच सितंबर को है. उस दिन लोग उपवास रखेंगे और देर रात तक जागेंगे. इसलिए दूसरे दिन 6 सितंबर को मतदान कराना मुश्किल होगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए समिति ने अब 6 सितंबर के बजाय 30 तीस अगस्त को मतदान कराने का फैसला किया है. मतदान सुबह दस से शाम पॉंच बजे तक होगा. सोमवार को नाम वापसी के बाद पंद्रह पदों के लिए 39 उम्मीदवार बचे हैं.
चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही हेमन्त-कलहंस की उछलकूद शुरू
Kumar Sauvir : पहले दो महीने की मोहलत ली थी, अब बोले पांच को कराऊंगा चुनाव… मजाक बना दिया हेमन्त और कलहंस की जुगुलबंदी ने पत्रकरिता को… अभी दस दिन पहले ही हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस की साजिशों से ऊबे पत्रकारोें ने अवैध कार्यकारिणी की जगह नयी कमेटी के चुनाव के लिए चुनाव-कार्यक्रम का ऐलान कर दिया था। इस कार्यक्रम के तहत पिछले22 तारीख तक 60 से ज्यादा लोगों ने अपना नामांकन दर्ज कराया था जो अब तक का एक रिकार्ड है। इसके तहत सितम्बर की छह तारीख को नयी कमेटी के लिए मतदान शुरू होगा और उसी दिन चुनाव परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी।
हेमंत तिवारी की इतनी बुरी हालत होगी, यह खुद हेमंत ने नहीं सोचा था
लखनऊ : हेमंत तिवारी की इतनी बुरी हालत होगी, यह खुद हेमंत ने नहीं सोचा था. लखनऊ के राज्य मान्यता समिति के चुनाव न करने के लिए परसों हेमंत ने जो साजिश की थी, कल उसकी धज्जियाँ उड़ गई. कल साठ लोगों ने अपना नामांकन कराया जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. 490 लोगों ने अपना नामांकन शुल्क 100 रुपया जमा कर दिया है. कल की घटना से हेमंत और उसके गुर्गों की बोलती बंद हो गई है. चुनाव 6 सितम्बर को होना है. पत्रकारों में हेमंत के लुच्चेपन को लेकर भारी गुस्सा है.
यूपी राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की गरिमा का चीरहरण हो रहा है
मुँह में राम बगल में छुरी… इस कहावत पर उत्तरप्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का चुनाव बेहद खरा उतरता है। पहली बार ‘निष्पक्ष प्रतिदिन’ और यूपी के सूचना विभाग के सौजन्य से राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकार बनने का गौरव प्राप्त हुआ। अब इस जमात का नेतृत्व करने वाली मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव का बिगुल बज़ उठा है। चुनाव की इस म्यान में दो तलवारें हैं। कोई कहता है चुनाव खर्च 100 रुपइया जमा कराओ। आज समिति के चुने हुए नुमाइंदे बैठक कर दस रुपइया जमा करने का फरमान सुनाते हैं। हमारे जैसे पहली बार जमात के सदस्य बने बेचारे सिर्फ चुनावी जंग देख रहे हैं। समझ नहीं आ रहा इधर जाऊं या उधर जाऊं।
वाह रे यूपी का सूचना विभाग : जो चैनल वर्षों से बंद हैं उनके भी लोगों को दे रखी है राज्य स्तरीय मान्यता… देखें लिस्ट
इसे कहते सैया भै कोतवाल तो डर काहें का। उत्तर प्रदेश का सूचना विभाग असल पत्रकारों को मान्यता देने में आनाकानी करता है लेकन जो चैनल बंद हो गए हैं और उनके पत्रकारों का उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता से कोई वास्ता भी नहीं है, उसे भी उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग से राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त है। काम न काज़ ढाई मन अनाज वाली कहावत है।
यूपी के मान्यता प्राप्त संवाददाताओं की आम सभा में चुनाव समिति घोषित, वीर विक्रम बहादुर मिश्र मुख्य चुनाव अधिकारी
: उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की आम सभा में 300 से ज्यादा सदस्यों की शिरकत : उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की आम सभा की बैठक आज दिनांक 21 अगस्त, 2015 को विधान भवन प्रेस रुम में आहूत की गयी. बैठक में राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त 300 से अधिक संवाददाताओं में हिस्सा लिया. बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने की जबकि संचालन सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने किया.
यूपीएसएसीसी चुनाव कराने को लेकर मुदित माथुर के पक्ष में प्रांशु मिश्रा भी बोले, पढ़िए पत्र
उत्तर प्रदेश में मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का नया चुनाव नहीं होने को लेकर मुदित माथुर ने आवाज उठाई. हेमंत तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस पर आरोप लगाया कि ये लोग नया चुनाव कराने से भाग रहे हैं और इनकी कमेटी पूरी तरह असंवैधानिक हो चुकी है, फिर भी ये लोग लगातार पदाधिकारी बने हुए हैं. वरिष्ठ पत्रकार मुदित माथुर ने एक ग्रुप मेल भेजकर जब आवाज उठाई तो टाइम्स नाऊ, यूपी के पत्रकार प्रांशु मिश्रा ने मुदित का समर्थन किया और उनकी बात को मजबूती प्रदान की. पढ़िए, प्रांशु ने क्या लिखा है…