दिल्ली छोड़ नोएडा शिफ्ट हो चुके प्रयुक्ति अखबार की आर्थिक हालत लगातार खराब होती जा रही है। यहां चेक बाउंस का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले हफ्ते भी करीब आधा दर्जन लोगों के चेक बाउंस हुए हैं। इनमें हीरेन्द्र राठौर, मनोज अग्रवाल समेत और तीन अन्य रिपोर्टरों के नाम शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि यह लोग भी मालिक संपत और विनय के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। दोनों मालिकों के खिलाफ कई केस पहले ही विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। अखबार की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि मालिक संपत ने यहां के कई कर्मचारियों की सेलरी 5-6 हजार तक घटा दी है। समाचार एजेंसी भाषा और यूनीवार्ता का लाखों रूपये का सदस्यता शुल्क अखबार की ओर बकाया है।
‘प्रयुक्ति’ में कार्यरत रहे एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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One comment on “‘प्रयुक्ति’ अखबार में चेक बाउंस होने का सिलसिला जारी”
यशवंत जी नमस्कार,
आप एक उम्दा पत्रकार हैं और आपका पोर्टल पत्रकारों की आवाज़ बन गया है। लेकिन मुझे आपसे शिकायत है कि आपने पत्रकारिता धर्म का पालन ना करते हुए किसी बेनाम और दब्बू पत्रकार की बात पर इस लेख में मेरा नाम शामिल किया। क्या आपका कर्तव्य नहीं बनता था कि आप एक बार मुझसे पूछें कि आपके साथ क्या हुआ या आपका चेक बाउंस हुआ है या नहीं या फिर बेनाम पत्रकार ने अपने लेख में आपके नाम का जिक्र किया है वो डाला जाए या नहीं। आप मुझसे काफी बड़े और योग्य पत्रकार हैं आपको समझाना दीये को रोशनी दिखाने के समान है इसीलिए अटपटा लगा। मैं आपको बताना चाहती हूं कि मैं दब्बू नहीं हूं जो बेनाम पत्र लिखूं और मेरा जो भी मामला था वो मैंने आमने सामने निपट लिया है। मुझे अच्छी जगह नौकरी मिली जिसके चलते मैंने स्वेच्छा से प्रयुक्ति को छोड़ा। लेकिन भड़ास में दो बार किसी बेनाम द्वारा लिखे गए लेख की वजह से वहां कार्यरत कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। परेशानी सिर्फ इस बात की कि उनके ऊपर और हम जैसे लोग जो बेकार के पचड़ों में पड़ने की जगह सिर्फ काम करना चाहते हैं उन्हें शक के घेरे में रखा जाता रहा है। आपसे अनुरोध है कि कृपया नाम डालने से पहले एक बार अवश्य संपर्क करें। साथ ही ऐसे दब्बू व दोहरे चरित्र के पत्रकारों से दूर रहें जो अपनी लड़ाई सामने लड़ने की बजाय पर्दे के पीछे रहकर या फिर दूसरे के कंधों पर बंदूक रखकर जीतना चाहते हैं। आपसे अनुरोध है कि ऐसे व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करें।
अनामिका सिंह