जयपुर : कंपनियों के पदाधिकारियों को अभी तक भ्रम था कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनिया आरटीआई के दायरे में नही आती है। संलग्न पत्र से जाहिर हो जाएगा कि किसी कंपनी के बारे में सूचना मांगने पर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी वांछित सूचना उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। देश में बहुत से लोगो ने विभिन्न कंपनियों के बारे में सूचना मांगी थी। लेकिन सम्बन्धित लोक सूचना अधिकारियों ने आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 8 (h)(1) का हवाला देते हुए सूचना उपलब्ध नही करवाई।
मैंने भी जब पिंकसिटी प्रेस क्लब लिमिटिड के बारे में सूचना मांगी तो लोक सूचना अधिकारी आदित्य सहल ने उक्त धारा का हवाला देते हुए वांछित सूचना मुहैया कराने से इनकार कर दिया। तत्पश्चात मैंने इस निर्णय के खिलाफ अपील की जिस पर मुझे 8 अगस्त, 2019 तथा आज वांछित सूचना उपलब्ध करा दी है।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज यूएस पटोले ने अवगत कराया है कि क्लब के महासचिव मुकेश चौधरी को नोटिस जारी करते हुए मेरी ओर से दायर शिकायत के सम्बंध में वांछित सूचना 7 दिवस में प्रेषित करें अन्यथा समूची प्रबन्ध कार्यकारिणी जिसमे अध्यक्ष अभय जोशी, उपाध्यक्ष बबिता शर्मा, देवेंद्र तंवर और कोषाध्यक्ष रघुवीर जांगिड़ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस की प्रति प्रबन्ध कार्यकारिणी सदस्यों के निवास स्थान पर भिजवाई गई है।
अगर कोई सदस्य यह तर्क देता है कि निवास स्थान का पता बदलने की वजह से उसे नोटिस प्राप्त नही हुआ है तो उसका यह तर्क स्वीकार नहीं किया जाएगा क्योंकि आरओसी में जो पता दर्ज है, नोटिस उसी पते पर भिजवाया गया है। यदि कोई सदस्य अपना निवास स्थान बदलता है तो उसको इसकी सूचना आरओसी को देना अनिवार्य होता है।
देखें डाक्यूमेंट्स–
लेखक महेश झालानी जयपुर के वरिष्ठ पत्रकार हैं.