Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

प्रियंका की सबसे कमजोर कड़ी उनके पति राबर्ट वाड्रा हैं!

प्रियंका की इंट्री से यूपी में होगा त्रिकोणीय मुकाबला, रायबरेली या फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा

संजय सक्सेना, लखनऊ
आखिरकार कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा के रूप में अपना ट्रंप कार्ड चल ही दिया। प्रियंका को कांग्रेस का महासचिव बनाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस का पूर्वांचल प्रभारी बनाकर आलाकमान ने यह संकेत दे दिए हैं कि यूपी उसके लिये कितनी महत्वपूर्ण है। प्रियंका के खुलकर राजनीति में आने से कार्यकर्ताओं का तो जोश बढ़ेगा ही,इसके अलावा कांग्रेस के इस दांव से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों के लिये मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।

प्रियंका के सहारे कांग्रेस, सपा-बसपा गठबंधन के अलावा भाजपा के वोट बैंक में भी सेंधमारी कर सकती हैं। खासकर युवा वोटर बड़ी संख्या में कांग्रेस के प्रति आकृषित हो सकते हैं। कांग्रेस को यूपी का प्रभारी बनाए जाने के साथ संभावनाएं इस बात की भी बनने लगी हैं कि वह रायबरेली या इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट में से किसी पर चुनाव लड़ सकती हैं। अगर सोनिया चुनाव नहीं लड़ी तो प्रियंका के रायबेरली से चुनाव लड़ने की संभावना अधिक है। फिलहाल कांग्रेस ने इस संबंध में कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस ने अपना तरूप का पत्ता चल दिया हैं। सभी अस्सी सीटों पर कांग्रेस के चुनाव लड़े जाने की बात भी कही जा रही है। अब विपक्ष का रवैया देखना है कि वह प्रियंका की इमेज को कैसे जनता के बीच में पेश करता है।

प्रियंका की सबसे कमजोर कड़ी उनके पति राबर्ट वाड्रा हैं, जो कई आरोपों के चलते अदालतों से लेकर ईडी तक के रडार पर हैं। बीकानेर जमीन घोटाले की जांच में राबर्ट वाड्रा को राजस्थान हाईकोर्ट ने ईडी के सामने पेश होने का आदेश दिया है। 12 फरवरी को राबर्ट वाड्रा और उनकी मां समेत स्काईलाइट हास्पीटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सभी साझीदारों को ईडी में पूछताछ के लिए हाजिर होना पड़ेगा। ईडी का दावा है कि बीकानेर जमीन घोटाले में राबर्ट वाड्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत है और इस मामले में अशोक कुमार और जय प्रकाश बगरवा नाम के दो आरोपी को गिरफ्तार भी कर चुकी है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन दोनों को महेश नागर का करीबी माना जाता है, जो बीकानेर में स्काईलाइट हास्पीटलिटी प्राइवेट लिमिटेड का अधिकृत प्रतिनिधि था। इस पूरे मामले में एलीजनी फिनलीज नाम की कंपनी का नाम सामने आया है। ईडी का कहना है कि यह राबर्ट वाड्रा की मुखौटा कंपनी है। ईडी काफी समय से राबर्ट वाड्रा से पूछताछ करने की कोशिश कर रही था, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के कारण पूछताछ नहीं कर पा रहा था। ईडी पिछले महीने राबर्ट वाड्रा के आफिस पर छापा भी मारा था। राबर्ट वाड्रा के बहाने बीजेपी अक्सर गांधी परिवार को घेरती भी रही है।

प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान दी गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की दस सीटें आती हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री को कांग्रेस के ट्रंप कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। प्रियंका के अलावा मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। केसी वेणुगोपाल को संगठन में कांग्रेस महासचिव बनाया गया है। प्रियंका गांधी फरवरी माह के पहले हफ्ते में अपना कार्यभार संभालेंगीं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी प्रियंका पार्टी की रणनीति तय करने और उम्मीदवारों के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं। हालांकि यह पहली बार है जब पार्टी में उन्हें औपचारिक पद दिया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने कहा,‘राहुल गांधी जो भी कहते हैं वह करके दिखाते हैं. प्रियंका गांधी की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि कांग्रेस का भविष्य उज्जवल है।’ राजनीति में प्रियंका की औपचारिक एंट्री पर उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर लिखा, ‘बधाई हो पी… मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं.।’

बहरहाल, कांग्रेस ने प्रियंका के चेहरे को यूपी में आगे जरूर कर दिया है,लेकिन यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके सामने मोदी और माया जैसे धुरंधर होंगे,जो विरोधियों की हर चाल की काट जानते हैं,जिन्हें ‘बाल की खाल’ निकालने में महारथ हासिल हैं। बात 2014 के लोकसभा चुनाव की कि जाये तो उस समय प्रियंका लोकसभा का चुनाव तो लड़ी थीं, लेकिन मॉ सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में जरूर उन्होंने कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार किया था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका की सियासत पर मजबूत पकड़ होने की छाप स्पष्ट दिखाई दी तो कुछ लोंगों को प्रियंका में इंदिरा की छवि नजर आई, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान तब के बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी को लेकर प्रियंका के एक विवादित बयान से चलते कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। प्रियंका ने चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में कह दिया था कि मोदी नीची राजनीति करते हैं। मोदी ने प्रियंका के इस बयान को अपनी जाति से जोड़कर कहना शुरू कर दिया कि मेरी जाति को नीच बताया जा रहा है। मोदी ने कांग्रेस पर जर्बदस्त हमला किया जिसका फायदा भी बीजेपी को मिला था।

लेखक संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement