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आयोजन

ओखला प्रेस क्लब ने प्रो. खालिद महमूद को उनकी शैक्षणिक एवं साहित्यिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के उर्दू विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. खालिद महमूद की शैक्षणिक एवं साहित्यिक सेवाओं के सम्मान में ओखला प्रेस क्लब द्वारा आयोजित तस्मिया सभागार में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता तस्मिया एजुकेशन सोसाइटी और अखिल भारतीय शैक्षिक सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सैयद फारूक ने की।

इस अवसर पर ओखला प्रेस क्लब के अध्यक्ष एम् अतहरुद्दीन मन्ने भारती ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ओखला में रहने वाले ऐसे लोग जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, उनकी सेवाओं के लिए उनको सामनित करना ओखला प्रेस क्लब के मक़सद में शामिल है और इसकी शुरुआत आज के कार्यक्रम से की गई है।

मुन्ने भारती ने आगे कहा कि इसके अलावा ओखला में रहने वाले पत्रकारों के साथ निवासियों की बेहतरी के लिए ओखला प्रेस क्लब हमेशा से कार्य करता आया है , चाहे वह कोरोना काल जैसी कठिन परिस्थिति हो , पत्रकारों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों को सेनेटाइज़ करवा कर उनको महफूज़ रखने के लिए कोशिश की गई , क्योकि उस समय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता अपने परिवार की चिंता किये बगैर आप लोगो की ज़िन्दगी को बचाने के लिए सड़क पर था, उस समय उनके परिवार के साथ ओखला प्रेस क्लब खड़ा था , मुन्ने भारती ने आगे कहा कि ओखला की जनसमस्याओं को लेकर जनहित में भी लड़ाई लड़ रहा है और आगे लड़ता रहेगा।

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डॉ. सैयद फारूक, अतहरुद्दीन मुने भारती, प्रो. इब्न कंवल, डॉ. मुजफ्फर हुसैन ग़ज़ाली, सोहेल अंजुम और मुहम्मद सलाम खान ने प्रो. खालिद महमूद साहिब को स्मृति चिन्ह, शॉल और गुलदस्ते भेंट किए और उनकी विद्वता और साहित्यिक सेवाओं को स्वीकार किया।

इस मौके पर खालिद महमूद की छात्रा ग़ज़ाला फातिमा ने उनके व्यक्तित्व पर एक पेपर प्रस्तुत किया, जबकि एक अन्य छात्र डॉ. शाह नवाज़ फ़याज़ ने प्रोफेसर की रचना, रेखाचित्र, कविता, आलोचना, शोध और यात्रा वृतांतों का उल्लेख किया। खालिद महमूद साहिब के लिए प्रो. शफी अयूब के खाके को सुनकर दर्शक पूरी तरह मंत्रमुग्ध हो गए। श्री मतीन अमरोहावी और रियाज़त अली शायक ने कविताओं के माध्यम से प्रोफेसर को अपना अभिनंदन प्रस्तुत किया।

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ओखला प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध पत्रकार सोहेल अंजुम ने खालिद महमूद साहब के जीवन पर अपने खास अंदाज में ख़ाका खींचा, जबकि प्रोफेसर इब्न कंवल ने व्यक्तिगत अनुभवों को स्केच का विषय बनाया। प्रोफेसर तौकीर खान ने खालिद महमूद की शायरी पर उनकी काव्य सेवाओं के सम्मान में सार्थक भाषण दिया। पूर्व न्यायाधीश मुहम्मद सलाम खान ने नई पीढ़ी को भाषा और मूल्यों से जोड़ने की ओर ध्यान आकर्षित किया।

खालिद महमूद ने कहा कि ओखला प्रेस क्लब के अधिकारियों ने मेरे लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं, हालांकि, मैं खुद को इसके लायक नहीं मानता। उन्होंने कहा उर्दू की सेवा मैंने नहीं, बल्कि उर्दू ने मेरी सेवा की है। आज मैं जो कुछ भी हूं, उर्दू की बदौलत हूं। मैंने अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाने की कोशिश की है। जब मेरी तारीफ होती है तो मेरे लिए कुछ भी कहना मुश्किल हो जाता है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर तसनीम फातिमा, प्रोफेसर की पत्नी ने उनकी सेवाओं को स्वीकार करते हुए खालिद के गुण और दोषों के बारे में बात की। तसनीम साहिबा की बातचीत ने उनकी महानता को और बढ़ा दिया। आज के कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सैयद फारूक ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि क्षेत्र के लोग और ओखला प्रेस क्लब इलाक़े की प्रतिभाओं को पहचानते हैं। उन्होंने प्रो खालिद के संबंध बात करते हुए शेर पढ़ा:-

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वो फूल सर चढ़ा जो चमन से निकल गया,

शोहरत उसे मिली जो वतन से निकल गया,

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इसके साथ ही डॉ फ़ारूक़ ने खालिद महमूद के शेर पढ़े और उनकी साहित्यिक सेवा की प्रसन्नशा की उन्होंने ओखला प्रेस क्लब द्वारा प्रमुख कार्य करने वालों की सेवाओं को मान्यता देने को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

कार्यक्रम के दौरान मुनव्वर हसन कमाल की नवीनतम पुस्तक “फिक्शन, क्रिटिकेशन, तकनीक, समझ” का औपचारिक विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन ओखला प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. मुजफ्फर हुसैन ग़ज़ाली ने किया, जबकि क्लब के उपाध्यक्ष रुमान हाशमी ने अतिथियों को धन्यवाद प्रस्तुत किया। जावेद अख्तर डीडब्ल्यू न्यूज, शेहला निगार, फरमान चौधरी डीडी न्यूज, मज़हर महमूद दूरदर्शन, शोएब रजा खान निदेशक नेशनल ओपन स्कूल, मारुफ रजा 7×24 न्यूज, मुहम्मद अहमद काजमी, डॉ. जमशेद इकबाल आजतक, सैफुल्ला पीआईबी, मुहम्मद खलील, डॉ. खालिद मुबश्शिर, डॉ इमरान अहमद अंदलीब जामिया मिलिया इस्लामिया, मुहम्मद नदीम अख्तर शिखर एनजीओ, इंतिखाब आलम एडवोकेट और बड़ी संख्या में साहित्य जगत से जुड़े छात्र, प्रोफेसरों और विद्वानों ने इस आयोजन में भाग लिया।

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