पब्लिक ऐप के लगातार उत्पीड़न से तंग आकर उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले के 5 रिपोर्टरों द्वारा सामूहिक रूप से इस्तीफा देने के पीछे क्या कारण है, ये आप जानेंगे तो समझ पाएंगे कि मीडिया लाइन में कितना शोषण है। रिपोर्टरों का आरोप है कि पब्लिक ऐप द्वारा रोज नए नए गाइड लाइन लाए जा रहे थे। कभी टारगेट पूरा न करने के नाम पर फाईन लगाकर पैसा काट लिया जाता था कभी खबरों को हल्की खबर या गाइडलाइन का हवाला देकर जुर्माना लगाया जाता था।
ख़बर भेजने के बाद प्रोडक्शन टीम द्वारा गलती होने पर भी उस खबर को रिपोर्टर से ही सुधार करवाया जाता था और बाद में गलती की वजह से रिपोर्टर पर ही जुर्माना भी लगाया जाता था। रिपोर्टर द्वारा लिखी स्क्रिप्ट में गलती होने पर जुर्माना तो लगाया ही जाता था, साथ ही अगर एंकर ने किसी शब्द का उच्चारण गलत कर दिया तो उसका भी दोष रिपोर्टर के मत्थे मढ़ दिया जाता था। इसके अलावा रोज फोन करके कंपनी के कर्मचारियों द्वारा रिपोर्टरों को धमकियां दी जाती थी कि आप पर कार्यवाही की जाएगी, आपकी आईडी बंद कर जाएगी।
रिपोर्टरों के अनुसार एक खबर का 30 रुपए से 50 रुपए तक मिलता था जबकि गलती होने पर 100 से 500 रुपए तक का जुर्माना वसूला जाता था। पब्लिक ऐप के इन सब हरकतों से तंग आकर जिले के पांच रिपोर्टरों ने 28/10/2023 को स्वयं ही कंपनी से सामूहिक इस्तीफा देते हुए कह दिया कि उनकी आईडी बंद कर दी जाए इतने प्रेशर और तनाव पूर्ण माहौल में काम कर पाना संभव नहीं है। जिसके बाद कंपनी ने उन पर गुटबाजी का आरोप लगाते हुए आईडी बंद कर दी।
इसे भी पढ़ें-