जनवादी लेखक संघ के महासचिव मुरली मनोहर प्रसाद सिंह और उप-महासचिव संजीव कुमार सिंह ने अपने एक शोक संदेश में कहा है कि भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) के महासचिव कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी का आकस्मिक निधन प्रगतिशील-जनवादी लेखकों एवं संस्कृतिकर्मियों के लिए एक स्तब्धकारी सूचना है।
उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी सीपीआई के सदस्य थे और लम्बे अरसे से इप्टा के कामकाज से जुड़े हुए थे। इप्टा के माध्यम से गाँवों तक नाटकों को ले जाने और ग्रामीण कलाकारों को आगे बढ़ाने का काम उन्होंने बहुत गंभीरता से किया। अनेक कलाकारों ने उनकी देख-रेख में अपने कलाकर्म को निखारा। अपनी निरंतर सक्रियता के कारण वे नाट्यकर्मियों और लेखकों के बीच सामान रूप से प्रेम और आदर के पात्र बने रहे। जनवादी लेखक संघ कामरेड रघुवंशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है। उनका जाना साम्प्रदायिक ताक़तों और अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंटने वाले संकीर्णतावाद के उभार के इस दौर में एक बड़ी क्षति है।