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लाइव शो के दौरान रमन सिंह से उनके बेटे का विदेशी बैंक में खाता होने संबंधी सवाल पूछने वाले ‘बंसल न्यूज’ के पत्रकार पर गिरी गाज

रायपुर से एक बड़ी खबर आ रही है. बंसल न्यूज नाम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रीजनल चैनल में काम करने वाले पत्रकार मोहन तिवारी को छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह से उनके बेटे का विदेशी बैंक में एकाउंट होने संबंधी खबर पूछना काफी महंगा पड़ गया. सरकार ने बंसल न्यूज का विज्ञापन रोक दिया और बंसल न्यूज ने मोहन तिवारी को छुट्टी पर भेज दिया है. बताया जा रहा है कि मुश्किल सवाल से अचकचाए रमन सिंह ने बाद में पत्रकार को चैनल से हटवा दिया. रमन सिंह के इशारे पर डीपीआर ने चैनल का विज्ञापन बंद कर दिया.

<p>रायपुर से एक बड़ी खबर आ रही है. बंसल न्यूज नाम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रीजनल चैनल में काम करने वाले पत्रकार मोहन तिवारी को छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह से उनके बेटे का विदेशी बैंक में एकाउंट होने संबंधी खबर पूछना काफी महंगा पड़ गया. सरकार ने बंसल न्यूज का विज्ञापन रोक दिया और बंसल न्यूज ने मोहन तिवारी को छुट्टी पर भेज दिया है. बताया जा रहा है कि मुश्किल सवाल से अचकचाए रमन सिंह ने बाद में पत्रकार को चैनल से हटवा दिया. रमन सिंह के इशारे पर डीपीआर ने चैनल का विज्ञापन बंद कर दिया.</p>

रायपुर से एक बड़ी खबर आ रही है. बंसल न्यूज नाम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रीजनल चैनल में काम करने वाले पत्रकार मोहन तिवारी को छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह से उनके बेटे का विदेशी बैंक में एकाउंट होने संबंधी खबर पूछना काफी महंगा पड़ गया. सरकार ने बंसल न्यूज का विज्ञापन रोक दिया और बंसल न्यूज ने मोहन तिवारी को छुट्टी पर भेज दिया है. बताया जा रहा है कि मुश्किल सवाल से अचकचाए रमन सिंह ने बाद में पत्रकार को चैनल से हटवा दिया. रमन सिंह के इशारे पर डीपीआर ने चैनल का विज्ञापन बंद कर दिया.

दरअसल निर्भीक टीवी पत्रकार मोहन तिवारी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से लाइव प्रसारण के दौरान सवाल दाग दिया. सवाल यह था- ”आपके सांसद पुत्र का विदेशी बैंक में खाता है, ऐसा आरोप है, इस पर आपका क्या कहना है?” मुख्यमंत्री ने उस समय तो घुमा फिरा कर गोलमोल जवाब दे दिया. लेकिन दूसरे ही दिन उस टीवी चैनल का सरकारी विज्ञापन बंद हो गया जिसके लाइव शो में पत्रकार ने सवाल पूछा था. दो दिन बाद उस निर्भीक पत्रकार के पास चैनल मुख्यालय से संदेश आता है कि तुम लंबी छुट्टी पर चले जाओ. फिलहाल पत्रकार मोहन तिवारी छुट्टी पर चल रहे हैं और मुंह इसलिए नहीं खोल रहे हैं क्योंकि इससे कहीं दूसरे चैनलों में नौकरी मिलने में संकट न आ जाए. यह युवा पत्रकार छुट्टी से वापस बुलवाया जाएगा कि नहीं, यह किसी को नहीं पता. पत्रकार चर्चा कर रहे हैं कि जब खबर दिखाने का दम चैनल वाले सेठ लोग नहीं रखते तो फिर काहे को चैनल चलाते हैं. क्या सिर्फ सरकारी टुकड़ों पर पलने के लिए और मुद्रा मोचन के लिए.

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दरअसल बंसल न्यूज एक ऐसा चैनल है जिसके मालिकान मूलत: व्यापारी हैं. बंसल सरिया इनका बिजनेस रहा है. बाद में अस्पताल, मिनरल्स, आयल, इंजीनियरिंग कालेज, कंस्ट्रक्शन, मीडिया आदि क्षेत्र में आए. छत्तीसगढ़ में इनकी कई खदाने हैं. मध्य प्रदेश में कई इन्जीनियरिंग कालेज हैं. इन्हीं का न्यूज चैनल है ‘बंसल न्यूज’ नाम से. ये चैनल अपने इंप्लाइज को तनख्वाह नगद देता है. पीएफ किसी का नहीं काटा जाता. न तो किसी को ज्वायनिंग लेटर दिया जाता है और न ही आईकार्ड. ये लोग जब पत्रकारों की भर्ती करते हैं तो उनसे सिक्योरिटी मनी के नाम पर तीस हजार से पचास हजार रुपये तक जमा करा लेते हैं. जब जी चाहे किसी को निकाल देते हैं. पिछले दिनों इसी तरह से एक और रिपोर्टर को हटा दिया गया था. बताया जाता है कि यह ग्रुप सभी मीडियाकर्मियों को एक महीने का वेतन अपने पास रख लेता है. बताया जाता है कि बंसल ग्रुप के कई धंधों में नेताओं का अघोषित पैसा लगा हुआ है. बंसल ग्रुप के मालिकों के नाम सुनील बंसल, मोहित बंसल आदि हैं.

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0 Comments

  1. mohan tiwari

    October 18, 2015 at 7:17 am

    यशवंत जी
    आपके वेबसाइट पर मेरे नाम का उल्लेख करते हुए भ्रामक समाचार शाया किया गया है। मेरे कारण न सरकार ने बंसल न्यूज के विज्ञापन बंद किए और न ही मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई की है। मैं बदस्तूर बंसल न्यूज में काम कर रहा हूं। न मुझे अवकाश पर भेजा गया। यह किसी शरारती और विरोधी तत्व का काम है, जो अफवाहें फैला रहा है। जिसे संस्थान प्रबंधन की नज़रो में गिराये जा सके ,, ऐसे लोगों को आपकी वेबसाइट पर प्रतिबंधित करने का कष्ट करें। हो सके तो उपरोक्त सज्जन के बारे में जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें ताकि मैं इनके विरुद्ध उचित कार्रवाई कर सकूं।
    सादर। मोहन तिवारी।

  2. झुकना नहीं आता

    October 18, 2015 at 11:30 am

    यंशवत जी मोहन तिवारी जी के ऊपर प्रबंधन और सरकार इस तरह के खंडन कराने का दबाव बना रही है…

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