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सहारा ग्रुप पर अब ‘सेबी’ से आफत! नोटिस- ‘आठ करोड़ बयालीस लाख रुपये पंद्रह दिन में जमा करो वरना कुर्की करेंगे’!

कल पुलिस से गिरफ्तार से होने भले सुब्रत रॉय बच गए हों लेकिन उनकी आफतें-दिक्कतें कम नहीं हुई हैं. सुब्रत रॉय एंड कंपनी का जीवन तलवार की धार पर है. इनके साथ कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन पैसे की महिमा अपरंपार. हर कुछ मैनेज हो जा रहा है. नई नई जो आफत है वो भी पैसे से ही जुड़ी है.

सेक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया उर्फ सेबी ने सहारा ग्रुप से सहारा इंडिया रीयल इस्टेट कारपोरेशन, सुब्रत राय सहारा, अशोक राय चौधरी, रवि शंकर दुबे, वंदना भार्गवा के नाम एक लिखित नोटिस जारी कर जुर्माने की राशि मय ब्याज समेत जमा करने को कहा है. जुर्माने की राशि है छह करोड़ रुपये और जून 2022 से दिसंबर 2022 तक की ब्याज की राशि है बयालीस लाख रुपये. तो इस तरह कुल छह करोड़ बयालीस लाख रुपये इन्हें जमा करने को कहा गया है.

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सात दिसंबर को जारी नोटिस में अगले पंद्रह दिनों के भीतर जुर्माने की इस राशि को जमा करने के लिए कहा गया है. भुगतान न किए जाने की स्थिति में सहारा की संपत्तियों की कुर्की की भी चेतावनी नोटिस में दी गई है.

सेबी ने जून में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेस कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव पर कुल छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना वैकल्पिक पूर्ण-परिवतर्नीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने संबंधी नियामकीय नियमों का उल्लंघन करने की वजह से लगाया गया था।

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सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने ये डिबेंचर 2008-2009 के दौरान जारी किए थे। लेकिन सेबी का कहना है कि डिबेंचर जारी करने में निवेशकों के हितों की रक्षा करने लिए बनी अलग-अलग प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। सेबी ने हालिया नोटिस में पांचों को 15 दिन के भीतर 6.42 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जिसमें ब्याज और रिकवरी शुल्क भी शामिल है।

देखें नोटिस की कॉपी-

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1 Comment

1 Comment

  1. M.S.Joshi

    December 10, 2022 at 7:46 pm

    सेबी एक विनाशकारी संस्था है जिसे निवेशकों से कोई लेना देना नहीं है, उसका एकमात्र उद्देश्य सहारा से पैसा प्राप्त करना और उसे बर्बाद करना है, इससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि तमाम मीडिया वाले सेबी की काली करतूतों पर पर्दा डालते हुए सहारा को बदनाम करने का अभियान चला रहे हैं।

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