सहारा मीडिया में नई बनी यूनियन ने कई राउंड वार्ता बेनतीजा रहने और प्रबंधन के उदासीन रवैये से मजबूर होकर सेलरी व बकाया के लिए फिर से आंदोलन की राह पर चलने का फैसला किया है. इसके तहत 21 अक्टूबर यानि आज से अखबार का एक एडिशन छापने और चैनलों पर एक लाइव बुलेटिन चलाने का फैसला किया गया है. सहारा कर्मी अब सांकेतिक रूप से ही काम करेंगे. सहारा मीडिया में पिछले आठ महीनों से सेलरी संकट है.
यूनियन ने संसद के सामने प्रदर्शन करने से लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने तक का फैसला किया है. उधर, कर्मियों के फिर आंदोलित होते देख अबकी उनके सामने सहाराश्री की चिट्ठी का लालीपाप फेंका गया है. ये पत्र भड़ास के पास भी है जिसे आप पढ़ने के लिए नीचे लिखे Next पर क्लिक कर सकते हैं>>
ये है सहारा मीडिया के कर्मियों को तिहाड़ जेल से सहाराश्री सुब्रत राय की तरफ से भेजा गया पत्र… माना जा रहा है कि सहारा कर्मियों को विभिन्न तरीकों से कई महीनों तक पटाए रखने और उनके गुस्से पर काबू किए रहने के बाद अब प्रबंधन ने ब्रह्मास्त्र के रूप में सहाराश्री सुब्रत राय का पत्र सामने रख दिया है…
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