बालाघाट (म.प्र.) : पत्रकार संदीप कोठारी के अपहरण की खबर मिलते ही उनकी मां बेहोश हो गईं। पिता प्रकाश चंद्र कोठारी बदहवास से हो गए। रविवार शाम तक उनको पता नहीं था कि बेटे की हत्या हो चुकी है। बहन ने घर के बाहर इसलिए ताला लगा दिया है कि उनके घर कोई आया तो मां-पिता को संदीप की मौत का पता चल जाएगा।
घटना की जानकारी मिलने के बाद से संदीप के घर लोगों का तांता लगने लगा है। वृद्घ मां और पिता की ओर देखते ही छोटा भाई राहुल फूट-फूटकर रो पड़ता है। पत्रकार जगत में भी शोक व्याप्त है। पत्रकारों में इस घटना को लेकर आक्रोश भी है। श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश युवा इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष इंन्द्रजीत भोज ने इस लोमहर्षक वारदात की कड़ी निंदा करते हुए इस घटना को माफिया और पूंजीपतियों की कठपुतली बने प्रशासन की लापरवाही का परिणाम बताते हुए कहा कि पुलिस व प्रशासन ने संदीप की शिकायतों को गंभीरता से लिया होता तो जो आरोपी आज पुलिस की हिरासत में हैं।