बालाघाट जिले के बैहर में खरीदी गई जमीन के सौदे में की गई दलाली और बाद में जमीन में भागीदारी बनाये जाने की चाहत के कारण ही संदीप कोठारी एवं कथित आरोपियों के बीच हुई अनबन के चलते उसकी हत्या कर दी गई। इस घटनाक्रम का मास्टर माइंड राकेश नर्सवानी अब पुलिस की गिरफ्त में है। उसे पुलिस द्वारा 8-9 जुलाई की मध्य रात्रि बोनकटा के समीप परसवाडा घाट से घेराबंदी कर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वह परिवारजनों से मिलने कटंगी पहुंचने की फिराक में था।
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संदीप-जगेंद्र हत्याकांड : खनन माफिया के सरपरस्त आम इंसान नहीं
उत्तरप्रदेश के जगेंद्र सिंह और मध्यप्रदेश के संदीप कोठारी की हत्याओं में एक समानता है और वह है दोनों अपने—अपने राज्यों के खनन माफिया के खिलाफ खबरें लिख रहे थे। ये वो माफिया है जिसकी सरपरस्ती भारत के हर राज्य में पॉवरफुल मंत्रियों नेताओं के पास होती है। ये माफिया इतना बेखौफ है कि पत्रकार तो बहुत दूर की बात है अगर कोई पुलिस अधिकारी, तहसीलदार या अन्य कोई इनके क्षेत्र में कार्रवाई के लिये घुस जाये तो ये दिनदहाडे ट्रेक्टर, डंफर से उसे कुचलने में कोताही नहीं बरतते।
सवाल सिर्फ यह है कि क्या संदीप पत्रकार था ?
यह मप्र है, यहां सबकुछ शांति और सद्भाव के साथ होता है। व्यापमं घोटाले में 28 आरोपियों की मौत हो गई फिर भी शांति है। डीमेट घोटाले में दायें से बायें तक सब के सब फंसे हैं। कुल 5500 फर्जी डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं, फिर भी चारों ओर शांति है। पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड हो गया, तो क्या हुआ, शांति तो शांति ही है। कोई आवाज नहीं उठा रहा। उल्टा पुलिस मरने वाले को ही कुछ इस तरह दोषी ठहरा रही है मानो मौत तो उसका मुकद्दर ही थी। जो हुआ, वही होना था।
पत्रकार संदीप का शव थाने में रखकर घेराव, हत्या के विरोध में कटंगी बंद
मंडला (मध्य प्रदेश) : पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या के विरोध में सोमवार को कटंगी के बाजार बंद हैं. संदीप के परिजनों ने पुलिस थाने के सामने शव रखकर सीबीआई जांच की मांग की. वह सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक अंतिम संस्कार नहीं किए जाने की बात पर अड़े हुए थे. आखिकरार एएसपी के एसआईटी का गठन कर जांच के एलान के बाद वह अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए. गौरतलब है कि इससे पूर्व प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर सीबीआई से घटना की जांच कराने की मांग ठुकरा चुके हैं.
पत्रकार संदीप हत्याकांड की भी सीबीआई जांच से एमपी सरकार का इनकार, जांच एसआईटी को
बालाघाट (म. प्र.) : पत्रकार संदीप कोठारी को अगवा कर जिंदा फूंक देने की घटना की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई है। दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। तीसरे फरारी पर 30 हजार का इनाम घोषित हो गया है। संदीप के भाई नवनीत का कहना है कि उनके भाई की हत्या में खनिज, भूमाफिया का हाथ है। इस मामले की केद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए। इस मांग को राज्य के गृहमंत्री बाबू लाल गौर ने नकार दिया है। कोठारी तीन वर्ष पूर्व एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार थे, वर्तमान में भी वे लेखन का कार्य किए जा रहे थे। आरोपियों का चिटफंड, खनन सहित अन्य कारोबार है। कोठारी इन आरोपियों की गतिविधियों के खिलाफ समाचार लिखते रहे हैं।
जलाकर मारे गये पत्रकार जगेंद्र और संदीप की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?
उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की जलने के बाद हुई मौत से ठीक पहले पत्रकार के अंतिम बयान में यह कहा जाना कि “मुझको गिरफ्तार करना था… तो कर लेते मगर पीटा क्यों ? और आग क्यों लगा दी?”, इतने सवालों को खड़ा कर देता है कि न तो उत्तर प्रदेश सरकार उनका जवाब दे पाएगी न ही पत्रकारिता जगत के दिग्गज! अभी ये मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था, कि मध्य प्रदेश में भाजपा शासित सरकार की नाकामी के तौर पर एक पत्रकार की जली हुई लाश बरामद हुई, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि खनन माफिया ने पहले पत्रकार का अपहरण किया और बाद में जलाकर मारा और लाश को दबा दिया। सरकार सपा की हो या बीजेपी की, पत्रकार कहां सुरक्षित है..? ये समझ में नहीं आ रहा ! और इसके लिए दोषी कौन है..? ये भी साफ नहीं हो रहा है !
संदीप के माता-पिता को घटना की जानकारी नहीं, सदमे के डर से बहन ने ताले में बंद किया
बालाघाट (म.प्र.) : पत्रकार संदीप कोठारी के अपहरण की खबर मिलते ही उनकी मां बेहोश हो गईं। पिता प्रकाश चंद्र कोठारी बदहवास से हो गए। रविवार शाम तक उनको पता नहीं था कि बेटे की हत्या हो चुकी है। बहन ने घर के बाहर इसलिए ताला लगा दिया है कि उनके घर कोई आया तो मां-पिता को संदीप की मौत का पता चल जाएगा।
पत्रकार जगेंद्र और संदीप, दोनो की हत्या के पीछे खनन माफिया
बालाघाट (मप्र) : पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड के संबंध में कटंगी के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस जे एस मरकाम ने बताया कि पुलिस को पता चला है कि तीनों गिरफ्तार आरोपी अवैध खनन और चिटफंड के कारोबार से जुड़े हुए हैं और पत्रकार पर उनके खिलाफ अवैध खनन का एक स्थानीय अदालत में दर्ज प्रकरण वापस लेने का दबाव बना रहे थे। संदीप इसके लिए राजी नहीं था और संभवत: उसे इसकी ही कीमत चुकानी पड़ी है।
संदीप बामजई ने दो माह में ही ‘फोकस न्यूज’ का संपादक पद छोड़ा
वरिष्ठ पत्रकार संदीप बामजई ने ज्वॉइन करने के दो माह के भीतर ही फोकस न्यूज संपादक पद छोड़ दिया है। यहां से पहले वह मेल टुडे में संपादक थे। कोलकता में ‘द स्टेट्समेन’ से उन्होंने पत्रकारिता में कदम रखा था। वर्ष 1986 से डेढ़ दशक तक ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ मुंबई में रहे।
संदीप शुक्ला बने न्यूज़ एक्सप्रेस के सीओओ
मुंबई : अब तक न्यूज़ एक्सप्रेस के महाराष्ट्र एडिटर व जीएम कारपोरेट की जिम्मेदारी संभाल रहे संदीप शुक्ला को एक और पदोन्नति मिली है। उको न्यूज़ एक्सप्रेस का मुख्य परिचालन अधिकारी यानि सीओओ बनाया गया है।