दिनांक 5 अप्रैल 2017 को आरएसएस के थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन ने “Communicating India” विषय पर एक कांफ्रेंस कराया। इस कांफ्रेंस में कैबिनेट मंत्री वैंकेया नायडू, डॉ जीतेन्द्र सिंह आदि बड़ी हस्तियां सम्मिलित हुई थी। उस कांफ्रेंस के विभिन्न प्रचार सामग्रियों में IIMC का ऑफ़िसियल लोगो (चिह्न) लगाकर, IIMC को in association with बताया गया था।
5 अप्रैल को शाम जब हमें इस कार्यक्रम की सूचना लगी, तो हम RTV विभाग के छात्र अंकित और साकेत तुरंत डीजी साहब के ऑफिस गए। उस समय डीजी साहब चैम्बर में मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके पीए K M Sharma सर मिले, जिन्होंने इस कांफ्रेंस के बारे में पूछे जाने पर अनभिज्ञता जाहिर कर दी। संयोगवश उसी समय वहां पर IIMC की डीन ऑफ़ स्टूडेंट्स सुरभि दहिया मैम भी मिली, उन्होंने भी सीधे- सीधे इस कांफ्रेंस के बारे में अनभिज्ञता जाहिर कर दी।
तत्पश्चात हम तुरंत एडीजी सर से मिलने उनके ऑफिस गए। जहां उनके पीए गोपाल जी को हमने इस कांफ्रेंस के बारे में बताते हुए सर से मिलने के लिए बोला, लेकिन गोपाल जी ख़ुद ही एडीजी सर के पास गए और चैम्बर से निकलकर हमें यह सूचना दी कि इस कांफ्रेंस के बारे में वह (एडीजी) भी अनभिज्ञ हैं। कुछ दिन बाद हमने पड़ताल की, तो विवेकानंद इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के ऑफ़िसियल वेबसाइट और कुछ अन्य लोगों के ट्विटर और फ़ेसबुक पोस्ट से हमें जानकारी लगी कि हमारे डीजी साहब स्वयं उस कांफ्रेंस में मौजूद थे, जिससे संबंधित फ़ोटोग्राफ़ और वीडियो हमने फ़ेसबुक पर पब्लिकली पोस्ट और शेयर किया था।
इस कांफ्रेंस में VIF के साथ IIMC भी सहभागी था, इसकी पुष्टि प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने अपने ऑफ़िसियल ख़बर से कर दी है। कुछ और मीडिया वाले जैसे APN News ने भी इसकी पुष्टि की थी। मैंने (अंकित) डीजी साहब को इस कांफ्रेंस को लेकर विभिन्न भ्रामक स्थितियों के लिए एक ईमेल भी किया था और साथ ही साथ संस्थान में एक आरटीआई (RTI) भी फ़ाइल किया था। जब 10 अप्रैल को हम (रोहिन, आर्य भारत, साकेत, अंकित) छात्र डीजी साहब से उनके ऑफ़िस में मिले तो उन्होंने बोला कि कांफ्रेंस के बारे में ईमेल से जवाब न देकर आरटीआई से जवाब दे दिया जाएगा।
आरटीआई में इस कांफ्रेंस से मुख्यतः 3 सवाल थे-
1. विवेकानंद इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन ने 5 अप्रैल 2017 को IIMC का ऑफिशियल लोगो लगाते हुए तथा IIMC को in association with बताते हुए, ‘Communicating India’ विषय पर जो कांफ्रेंस कराया था, उसके बारे में क्या IIMC प्रशासन को जानकारी थी या नहीं?
2. यदि IIMC प्रशासन को इस कांफ्रेंस के बारे में जानकारी थी, तो IIMC को उस फ़ाउंडेशन के साथ कांफ्रेंस के लिए ‘in association with’ होने की अनुमति किस सक्षम प्राधिकारी (competent authority) के द्वारा दी गई थी? प्राधिकारी का नाम व पद (Name & Post) बताने की कृपा करें।
3. यदि कांफ्रेंस को लेकर कोई अनुमति दी गई थी, तो उस अनुमति पत्र की छायाप्रति देने की कृपा करें।
ये मिला आरटीआई (RTI) से जवाब….
प्रश्न संख्या “1- 3” के बारे में संस्थान के रिकॉर्ड के अनुसार इस तरह की सूचना उपलब्ध नहीं है।
हम छात्रों की इस विषय पर यह सोच उभर कर सामने आती है कि —
1. यह कैसे संभव है कि IIMC किसी दूसरे फ़ाउंडेशन, NGO या संस्था के साथ कोई कांफ्रेंस या सेमिनार सहभागी होकर करती है और इसके बारे में कोई रिकॉर्ड ही इसके पास नहीं होता है। वो भी उस कांफ्रेंस में जिसमें कैबिनेट मिनिस्टर वैंकेया नायडू और जीतेन्द्र सिंह जैसे लोग शामिल होते हैं।
2. यह कैसे संभव है कि जिस कांफ्रेंस में IIMC सहभागी थी और इसके (IIMC) डीजी ख़ुद मौजूद होकर मंचासीन थे, उस कांफ्रेंस के बारे में IIMC के रिकॉर्ड में कोई सूचना ही नहीं है।
3. यह कैसे संभव है कि IIMC के डीजी जिस कांफ्रेंस में गए, उस कांफ्रेंस के बारे में IIMC के एडीजी, DSW और ख़ुद उनके पीए को सूचना नहीं हो।
4. यह कैसे संभव है कि IIMC ने VIF के साथ सहभागी होकर ‘Communicating India’ जैसे शैक्षणिक विषय पर कांफ्रेंस में भाग लिया हो, जिसकी पुष्टि PIB (Press Information Bureau) जैसे सरकारी भोंपू ने भी कर दी हो, से संबंधित रिकॉर्ड IIMC के पास मौजूद ही न हो। तब तो IIMC और PIB दोनों में से कोई एक ही सही हो सकता है। संयोग से दोनों ही सूचना प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं, अब सही- ग़लत का फ़ैसला मंत्रालय ही कर सकता है।
इस मुद्दे में एक मज़ेदार और साथ ही गंभीर विषय सामने आया है। वो है IIMC के लोगो (चिह्न) को लेकर। विवेकानंद फ़ाउंडेशन ने उस कांफ्रेंस में IIMC को ‘in association with’ दिखाते हुए, IIMC का ऑफिशियल लोगो भी यूज़ किया था। जब हमने इस कांफ्रेंस में IIMC के रहस्यमयी सहभागिता को लेकर सवाल खड़ा किया था, तो हमने यह भी सवाल उठाया था कि क्या उस फ़ाउंडेशन ने IIMC के ऑफिशियल लोगो को कांफ्रेंस से संबंधित अपने विभिन्न प्रचार सामग्री पर यूज़ करते समय IIMC प्रशासन से अनुमति ली थी या नहीं।
इसी दौरान हमने आरटीआई में IIMC प्रशासन से यह सवाल भी पूछा कि IIMC अपने जिस लोगो (चिह्न) को प्रॉस्पेक्टस, मुख्य भवन एवं तमाम दस्तावेजों पर प्रयोग में लाती है, क्या वह…
1. भारत में स्थापित किसी विधिक प्राधिकारी (Legal authority) या विधिक संस्था के समक्ष रजिस्ट्रीकृत है? या भारत के किसी विधिक अधिनियम (Legal Act) के तहत कभी रजिस्टर्ड हुआ है?
2. यदि IIMC का लोगो (चिह्न) रजिस्टर्ड है, तो उसके रजिस्ट्रेशन प्रमाण- पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराइए।
RTI से ये मिला जवाब…..
IIMC प्रशासन को लोगो (चिह्न) के पंजीकरण के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।
हम छात्र यह सोचते हैं कि IIMC प्रशासन थोड़ा सतर्क होकर अपने आफ़िशियल लोगो (चिह्न) के पंजीकरण के बारे में सूचना उपलब्ध कर ले, नहीं तो समाज में तमाम फ़र्ज़ी संगठन और व्यक्ति मौजूद हैं जो इस लोगो (चिह्न) के मिसयूज़ के ज़रिए IIMC का गुडविल ख़राब कर सकते हैं।
I love IIMC, लेकिन दो निवेदन है…
1. एक तो सीधे- सीधे कांफ्रेंस में IIMC के रहस्यमयी सहभागिता को लेकर ज़िम्मेदार लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।
2. दूसरा IIMC के ऑफ़िसियल लोगो (चिह्न), यदि रजिस्टर्ड नहीं है तो इसे तुरंत रजिस्टर्ड कराया जाय।
अंकित कुमार सिंह
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