भारतीय पत्रकारिता में एक बड़ा कद रखने वाले पी साईंनाथ हरियाणा व पंजाब में पत्रकारिता के विद्यार्थियों व विभिन्न शिक्षाविदों को संबोधित करने पहुंचे। मंगलवार को उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद़यालय में संबोधन किया व बुधवार को चितकारा यूनिवर्सिटी राजपुरा पंजाब में संभाषण किया।
अपनी सधी शैली में मुम्बइया हिंदी में भाषण देकर पी साइनाथ ने युवाओं का दिल जीत लिया। इससे एक ओर युवा उनके वक्तव्य में मीडिया की मर्यादा, किसानों की समस्याओं व सेठाश्रयी मीडिया द्वारा दोहन जैसे गंभीर मुद्दों को आसानी से समझ पाए, साथ ही उनके कटाक्ष से क्या युवा, क्या प्रोफेसर, सब हंस-हंस कर लोट पोट हो गए।
साईंनाथ ने कहा कि मीडिया को फ्रोर्थ इस्टेट कहते हुए ध्यान रखें कि ये अब रियल इस्टेट ज्यादा है। फिर बोले की टीवी 18 ग्रुप सबसे बड़ा मीडिया ग्रुप है। इससे क्या फर्क पडता है। ये अम्बानी सेठ के रिलायंस का छोटा सा विभाग है। सेठ लोग मीडिया में बस वही दिखाना चाहते हैं, जिससे उनके अपने व्यापारिक हितों की पूर्ति होती है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्याएं तो मीडिया में मुद्दा ही नहीं रहीं। एक वे दिन थे कि उनकी किसान आत्महत्या व गरीबी पर सीरिज को कोई अखबार छापने को तैयार न था। ये कहकर कि ये सब बकवास मामले हैं, पाठक को नहीं भाएंगे। जब टाइम्स आफ इंडिया जैसे तैसे इसे छापने को राजी हुआ तो पाठकों की प्रतिक्रियाओं के अंबार लग गए। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में अमेरिका की तरह पाठक को समझने के लिए बड़े सर्वे तो होते नहीं। यहां पाठक क्या चाहता है, इसका खाका कुछ सेठ लोग और उनके चमचे अपनी जरूरत के अनुसार तय कर लेते हैं।
समाचार चैनलों की चर्चाओं पर चुटकी लेते हुए बोले कि इन चर्चाओं में बैठे चार-च कार्टूनों को जमीनी हकीकत का तो पता नहीं होता, बस जो मुंह में आता है, बोलते रहते हैं। ऐसा लगता है कि कुछ चर्चा प्रतिभागी तो टीवी स्टूडियो में ही रहने लगे हैं, अपने घर कम ही जाते हैं। शायद कइयों को तो सूरज की रोशनी देखे भी महीनों हो गए होंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में जो हंगामे संसार भर में खोजी रिपोर्ट के नाम पर हुए, वो लोग पेशेवर पत्रकार नहीं थे। चाहे जूलियन असांज हो या कई दूसरे। मुख्यधारा की पत्रकारिता से सच समाने आने की उम्मीद बे-मायने है क्योंकि इसमें पत्रकार स्टेनोग्राफर है, वो बेचारा क्या कर सकता है।
उन्होंने सोशल मीडिया के पीछे की ठगी को भी जमकर उजागर किया। कहा कि कैसे कोई सोशल मीडिया यूजर को यूज कर रहा है। युवाओं के लिए ये जानकारी बड़ी महत्वपूर्ण थी। दूसरा पक्ष ये था कि पी साईंनाथ का धमाका करने वाला भाषण उन स्थानीय मठाधीश स्ट्रिंर्स को गंवारा न गुजरा, जिनकी पत्रकारिता के मायने कुछ अलग ही हैं। कई स्थानीय पत्रकारिता मठाधीश पी साईंनाथ को उलझाने के लिए उनके आसपास जमा हो गए। सवाल बड़े दागे, बेचारों ने टूटी फूटी अंग्रेजी भी झाड़ी, लेकिन साईंनाथ तो फिर कुछ अलग मिट्टी के बने हैं, उन्होंने ऐसे प्रश्नकर्ताओं को बहुत सधे हुए जवाब दिए। फिर वो बेचारे बोले – चलो सर आप हमारे साथ एक फोटो ही खिंचवा लो।
पत्रकार सोनू कुमार से संपर्क : [email protected]