Lok Sabha’ TV and ‘Rajya Sabha’ TV Channels merged into one, the name of New channel will be ‘Sansad’ TV.
एक बड़ी खबर: भारतीय संसद के दोनों सदनों की प्रमुख रूप से कार्रवाही दिखाने वाले चैनल लोकसभा टीवी और राज्य सभा टीवी को तत्काल प्रभाव से मर्ज़ कर दिया है। संयुक्त रूप से इनके विलय से एक नए चैनल को जन्म दिया गया है नाम है संसद टीवी। तो आज से लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी इतिहास हो गए!
वरिष्ठ पत्रकार शम्भूनाथ शुक्ल की टिप्पणी पढ़ें-
राज्यसभा टीवी अंततः बंद हो गया। हालाँकि क़यास 2017 के बाद से लगाए ही जा रहे थे। पर 2017 के पहले उसकी एक अलग चमक थी। उसमें होने वाली बहसें, उसके कार्यक्रम, उसके नियमित कालम सब अद्भुत थे। इतना स्तरीय चैनल और जिस पर सरकार का अप्रत्यक्ष नियंत्रण हो, का बंद हो जाना दुःखद है। वर्ष 2017 के पहले मुझे भी उसकी कई डिबेट्स में शरीक होने का मौक़ा मिला था।
इस चैनल में कार्यकारी संपादक रहे श्री Rajesh Badal ने इस चैनल के खड़ा होने में कितना परिश्रम लगा था और कैसे संसाधनों की कमी के बावजूद वे और उनकी टीम लगी रही थी, आदि पर एक व्यथा-कथा लिखी है। उससे लगता है कि लगन, परिश्रम और निष्ठा किसी संस्था को कितनी ऊँचाई तक ले जाते हैं। लेकिन अचानक उस सब पर पानी फेर देना कितना तकलीफ़देह होता है। इस चैनल के कार्यक्रमों में से एक “गुफ़्तगू” तो लाजवाब था।
Syed Mohd Irfan इसे बड़ी मेहनत से तैयार करते थे। उनके सवाल पूछने का अंदाज़ अनूठा था। इसी तरह श्री Purushottam Agrawal के ‘किताब’ कार्यक्रम को मैं नियमित देखता था। शायद ही पुरुषोत्तम जी का कोई कार्यक्रम मिस किया हो। राजेश जी ने कई यादगार कार्यक्रम बनाए थे। अब वे सब आर्काइव में डाल दिए जाएँगे। सरकार को इस तरह के चैनलों को बचाने की व्यवस्था करनी चाहिए। लेकिन इस सरकार से उम्मीद भी क्या की जाए!