बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा के समन पर 30 अप्रैल तक राहत दे दी है. मामला ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्रेाइजेज में रकम की कथित हेराफेरी का है. सेबी ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि वह इस महीने के लास्ट तक समन पर कोई एक्शन नहीं लेगा.
इससे पहले 21 मार्च को चंद्रा को तीन हफ्ते की राहत मिल चुकी थी. चंद्रा ने समन के खिलाफ बंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसमें आरोप लगाया गया कि सेबी की तरफ से जारी समन में निर्णयात्मक आरोप लगाए गए थे और साफ हो गया था कि प्रक्रिया का पालन और न्याय के सिद्धांत का पालन किए बिना नियामक उन्हें दोषी मान रहा है. अदालत ने इससे पहले सेबी को मौखिक तौर पर मामले में सतर्कता बरतने को कहा था.
सेबी को अदालत ने पहले जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था. न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनावाला ने बुधवार को इस मामले में चंद्रा को रिज्वाइंडर जमा करने का निर्देश दिया.
सैट (प्रतिभूति अपील पंचाट) सैट में सेबी के अगस्त 2023 के पुष्टी वाले आदेश के खिलाफ चंद्रा की तरफ से की गई अलग अपील अभी बरकरार है. सेबी का आदेश चंद्रा को ग्रुप की कंपनियों में कोई भी अहम पद लेने से रोकता है.
चंद्रा ने फरवरी में सैट में अपील की थी जबकि बंबई उच्च न्यायालय में 5 मार्च को याचिका दाखिल की थी. सैट ने पहले की सुनवाई में सेबी ने कहा था कि जनवरी में जारी समन पर चंद्रा सहयोग नहीं कर रहे हैं.
सेबी, चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका की तरफ से की गई रकम की कथित हेराफेरी की जांच कर रहा है. पुनीत गोयनका ज़ी में प्रबंध निदेश व सीईओ भी हैं. अगस्त में पुष्टि वाले आदेश में सेबी ने दोनों को समूह की चार कंपनियों में अहम पद लेने से रोक दिया था. हालांकि इससे पहले पंचाट की तरफ से पुनीत गोयनका को राहत मिली थी.