देव प्रकाश मीणा-
पढ़ी लिखी लड़कियों के लिए ये फ़ैसला एक नजीर की तरह है। शादी से पहले शारीरिक संबंध अपनी रिस्क पर बनाओ।
शादी का झाँसा देकर यौन संबंध बनाने का आरोप इतना आम है कि सालों तक रिलेशन में रहने वाली भी इस आरोप को लगा देती है।
शिक्षित, वयस्क महिला को इतनी समझ तो होती है कि किसी के वादे पर क्या भरोसा करें, वादे तो वादे हैं, वादों का क्या ?
वादे तो नेता भी करते हैं, कभी उनको दोषी ठहराया है?