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मल्लिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर की सबसे प्रमुख शिष्या शांति हीरानंद का निधन, देखें वीडियो

Vimal Kumar : कोरोना महामारी के शोर में शांति हीरानंद भी चल बसीं। बेगम अख्तर की सबसे प्रिय शिष्या थी। 87 वर्ष उम्र थी। उनके निधन की खबर कन्फर्म करने के लिए यतीन्द्र मिश्र को फोन किया। उसके बाद खबर जारी की।

कहा जाता है कि बेगम अख्तर ने मरने से पहले कहा था कि मेरी मौत के बाद मेरी आवाज़ शांति हीरानंद में सुन सकते हैं। मैं इस विनम्र प्रचार से दूर रहनेवाली ग़ज़ल गायिका से 30 साल पहले दक्षिणी दिल्ली के dda फ्लैट्स में मिला था। एक इंटरव्यू के सिलसिले में।

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रीता गांगुली भी उनका आदर करती थीं जो बेगम अख्तर की शिष्या थीं।

कहा जाता है कि असली शिष्य और वारिस शांति जी थीं। उन्होंने बेगम अख्तर पर एक किताब भी लिखी थी- बेगम माई अम्मी।

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बहुत स्वमभिमानी सहज सरल एवं अपने काम को लेकर समर्पित थीं शांति हीरानंद।

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल को फोन किया तो उनको मालूम नहीं था कि शांति हीरानंद नाम की गायिका चल बसीं। दादरा ठप्पा भी गाती थीं।

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उन्हें 2007 में पद्म श्री मिला था। 1947 में पहली बार लाहौर रेडियो से गया था। लखनऊ में पैदा हुईं थीं।

उनको नमन!

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शांति हीरानंद का ये इंटरव्यू देखें. इस इंटरव्यू में शांति हीरानंद के अलावा बेगम अख्तर के बारे में भी काफी कुछ जानने को मिलेगा-

वरिष्ठ पत्रकार विमल कुमार की एफबी वॉल से.

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