16 सितंबर को भी हो सकती है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई…
पत्रकारों और समाचार पत्र कर्मियों के वेतन, एरियर, अंतरिम राहत तथा प्रमोशन के मामले में पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की फटकार का उत्तर प्रदेश में असर दिखने लगा है। अपनी खाल बचाने के लिए अब वहां का लेबर डिपार्टमेंट असल जांच करने लगा है। वहीं अखबार मालिकों की शामत आ गयी प्रतीत होती है। गत 23 अगस्त को सुप्रीम कोट॔ की झिड़की के बाद यूपी के श्रमायुक्त ने 27 अगस्त को आदेश जारी किया है, जिसके बाद यूपी के सभी क्षेत्रों के उप/अपर श्रमायुक्तों ने संबंधित जिलों से प्रकाशित अखबारों के प्रबंधनों को छह पृष्ठों का प्रपत्र भेजकर तत्काल पूरी कुंडली तलब कर ली है।
इस प्रपत्र में कुल छह टेबल हैं और छठा यानी एफ टेबल खुद कम॔चारी को निरीक्षणकर्ता अधिकारी के सामने भरना है। उत्तर प्रदेश के सभी समाचारपत्र कर्मियों से निवेदन है कि अगर आपको मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ चाहिए तो आपको इस खबर के साथ दिए गए प्रपत्र को भर कर आप अपने श्रम विभाग के कार्यालय में जमा कर दें और एक कॉपी रिसीव करा कर अपने पास रख लें। इस प्रपत्र के साथ अपना पेमेंट स्लिप या वेतन के दूसरे प्रूफ जरूर फोटोस्टेट कराकर दें।
साथ ही उत्तर प्रदेश के सभी साथियों से निवेदन है कि खुद भी इसे भरें और ज्यादा से ज्यादा साथियों से इसे भरवाएं। प्रपत्र के साथ समाचार पत्र का नाम और कार्यालय का पूरा पता कंपनी का नाम जरूर लिखे। साथ ही अपना पूरा पता और मोबाइल नंबर जरूर लिखे। याद रखिए, आप प्रबन्धन से डरें बिलकुल नहीं। आपके साथ देश भर के पत्रकार हैं और उससे भी बड़ा आपके साथ सुप्रीम कोर्ट है। उधर सुप्रीम कोर्ट से एक खबर ये भी आ रही है कि मजीठिया मामले की एक सुनवाई 16 सितंबर को भी हो सकती है।
शशिकान्त सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
9322411335