Connect with us

Hi, what are you looking for?

वेब-सिनेमा

स्टॉप एसिड कैंपेन को जर्मनी के डॉयचे वेले का बॉब्स पुरस्कार मिला

यह कैंपेन एसिड अटैक पीड़ितों की मदद के लिए काम करता आया है. कैंपेन को भारतीय वेबसाइट स्टॉप एसिड अटैक्स द्वारा संचालित किया जाता है. डॉयचे वेले के प्रतिष्ठित बॉब्स पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा की गई है. अंतरराष्ट्रीय जूरी ने भारत के “स्टॉप एसिड अटैक्स” की मुहिम को चुना है. इसके अलावा एक अन्य भारतीय वेबसाइट चौपाल ने यूजर्स पुरस्कार जीता है. अन्य विजेता हैं बांग्लादेश, ईरान और जर्मनी से. डॉयचे वेले के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग ने बॉब्स पुरस्कारों की घोषणा के मौके पर कहा, “अभिव्यक्ति की आजादी के लिहाज से 2016 अच्छा साल साबित नहीं हो रहा है. सभी महाद्वीपों में अभिव्यक्ति पर किसी ना किसी रूप में रोक लगाई जा रही है.”

<p>यह कैंपेन एसिड अटैक पीड़ितों की मदद के लिए काम करता आया है. कैंपेन को भारतीय वेबसाइट स्टॉप एसिड अटैक्स द्वारा संचालित किया जाता है. डॉयचे वेले के प्रतिष्ठित बॉब्स पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा की गई है. अंतरराष्ट्रीय जूरी ने भारत के "स्टॉप एसिड अटैक्स" की मुहिम को चुना है. इसके अलावा एक अन्य भारतीय वेबसाइट चौपाल ने यूजर्स पुरस्कार जीता है. अन्य विजेता हैं बांग्लादेश, ईरान और जर्मनी से. डॉयचे वेले के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग ने बॉब्स पुरस्कारों की घोषणा के मौके पर कहा, "अभिव्यक्ति की आजादी के लिहाज से 2016 अच्छा साल साबित नहीं हो रहा है. सभी महाद्वीपों में अभिव्यक्ति पर किसी ना किसी रूप में रोक लगाई जा रही है."</p>

यह कैंपेन एसिड अटैक पीड़ितों की मदद के लिए काम करता आया है. कैंपेन को भारतीय वेबसाइट स्टॉप एसिड अटैक्स द्वारा संचालित किया जाता है. डॉयचे वेले के प्रतिष्ठित बॉब्स पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा की गई है. अंतरराष्ट्रीय जूरी ने भारत के “स्टॉप एसिड अटैक्स” की मुहिम को चुना है. इसके अलावा एक अन्य भारतीय वेबसाइट चौपाल ने यूजर्स पुरस्कार जीता है. अन्य विजेता हैं बांग्लादेश, ईरान और जर्मनी से. डॉयचे वेले के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग ने बॉब्स पुरस्कारों की घोषणा के मौके पर कहा, “अभिव्यक्ति की आजादी के लिहाज से 2016 अच्छा साल साबित नहीं हो रहा है. सभी महाद्वीपों में अभिव्यक्ति पर किसी ना किसी रूप में रोक लगाई जा रही है.”

बॉब्स यानि बेस्ट ऑफ ऑनलाइन एक्टिविज्म. अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जर्मन राजधानी बर्लिन में  बॉब्स के विजेताओं के नाम घोषित किए गए. अंतरराष्ट्रीय जूरी ने14 भाषाओं के ऑनलाइन प्रोजेक्टों पर चर्चा की. चार मुख्य श्रेणियों के विजेता इस प्रकार हैं:

Advertisement. Scroll to continue reading.

सोशल चेंज
स्टॉप एसिड अटैक्स – भारत
स्टॉप एसिड अटैक्स (एसएए) एक ऐसा अभियान है जो एसिड हिंसा से पीड़ित महिलाओं को लड़ने का हौसला देता है. एसएए पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का और उन्हें समाज में सम्मानजनक जगह दिलवाने के लिए काम करता है. अभियान का मकसद है कि वे महिलाएं, जिन्हें तेजाब हमले से जूझना पड़ा है, वे खुद को अकेला और कमजोर महसूस न करें. इन महिलाओं के लिए नई जिंदगी की राहें आसान करने में एसएए अपना योगदान दे रहा है.
भारत की ओर से जूरी सदस्य अभिनंदन सेखरी ने इस बारे में कहा, “एसिड हमलों को रोकना एक बहुत मुश्किल लड़ाई है. इन लोगों ने एसिड हमले की पीड़ितों की ओर समाज का दृष्टिकोण बदला है. ना केवल वे पीड़ितों को साथ लाने में सफल रहे हैं, बल्कि उन्होंने कानून में भी बदलाव करवाए हैं.”
www.stopacidattacks.org/

सिटीजन जर्नलिज्म
रेजर्स एज – बांग्लादेश
पिछले एक साल से बांग्लादेश में ब्लॉगर लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं. रेजर्स एज नाम की डॉक्यूमेंट्री फिल्म इन्हीं हत्याओं और ब्लॉगरों की दिक्कतों को दर्शाती है. फिल्म दिखाती है कि कैसे कट्टरपंथियों की हिम्मत लगातार बढ़ती चली जा रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है.  बांग्लादेश की जूरी सदस्य रफीदा अहमद खुद पिछले साल की विजेता हैं. उनके पति अविजीत रॉय की 2015 में हत्या कर दी गयी थी. रफीदा कहती हैं, “लगातार दो साल तक बांग्लादेश के प्रोजेक्ट का जीतना दिखाता है कि देश में हालात अब भी सुधरे नहीं हैं, बल्कि बिगड़ते ही चले जा रहे हैं पिछले पांच हफ्तों में चार लोगों की हत्या की जा चुकी है. धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ता, लेखक, ब्लॉगर, प्रोफेसर और अल्पसंख्यक अब कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं.”
https://youtu.be/Lxg_iHMGSjA

Advertisement. Scroll to continue reading.

टेक फॉर गुड
गेरशाद – ईरान
गेरशाद एक स्मार्टफोन ऐप है जो ईरान में सक्रिय “मॉरल पुलिस” के खिलाफ काम करता है. ईरान में लोगों पर कई तरह की पाबंदियां हैं, मिसाल के तौर पर महिलाओं पर वहां हिजाब के बिना घर से बाहर निकलने पर रोक है. नियंत्रण रखने के लिए सड़कों पर अधिकारी तैनात होते हैं. इस ऐप के जरिये लोग उनकी लोकेशन को मार्क करते हैं ताकि दूसरों को उस रास्ते से बचाया जा सके.
ऐप चलाने वाले अपनी पहचान सामने नहीं लाना चाहते. लेकिन ईरान की जूरी सदस्य गुलनाज एसफानदियारी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार हमारा ऐप इस्तेमाल करने वालों को प्रोत्साहित करेगा. बेशक इससे ईरान के उन लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा, जो इस मॉरल पुलिस से बचने की कोशिश में रहते हैं. गेरशाद के माध्यम से हम ईरान में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं.”
www.gershad.com

आर्ट्स एंड कल्चर
सेंट्रुम फ्युर पोलिटिशे शोएनहाइट – जर्मनी
अंग्रेजी में इसका मतलब है सेंटर फॉर पॉलिटिकल ब्यूटी. यह संस्था कई तरह के प्रदर्शन आयोजित करती है और बदलाव की मांग करती है. ‘मुर्दे आ रहे हैं’ नाम के एक प्रदर्शन के साथ इस संगठन ने यूरोप की शरणार्थी नीति की निंदा की और लोगों का ध्यान उन शरणार्थियों की ओर खींचा जो यूरोप आने की कोशिश में अपनी जान गंवा रहे हैं. जर्मनी की जूरी सदस्य काथारीना नोकुन ने कहा, “ये लोग राजनीतिक तौर पर असहज और मुश्किल मुद्दे उठाते हैं, और नागरिकों ताथ राजनीतिज्ञों का ध्यान खींचते हैं. वे इस बात से घबराते नहीं कि लोग चिढ़ेंगे.”
www.politicalbeauty.de

Advertisement. Scroll to continue reading.

यूजर अवॉर्ड:
चौपाल
चौपाल विचारों को समर्पित एक ओपन प्लैटफॉर्म हैं. मसालेदार पत्रकारिता से हटकर यहां एक ऐसा मंच उपलब्ध कराने की कोशिश की गई है जहां समसामयिक मसलों पर गंभीरता से विचार व्यक्त किए जा सकें. इस पेज पर अच्छे और महत्वपूर्ण विचार सिर्फ दिल्ली या मुंबई जैसे महानगरों से ही नहीं आते, बल्कि ये सुदूर गांव या कस्बे में बैठे किसी भी सामान्य-जन के हो सकते हैं. चौपाल एक गैरयलाभकारी प्रयास है. वेबसाइट का दावा है कि यदि भविष्य में इससे कुछ आय होती है, तो उसका उपयोग जरूरतमंदों की शिक्षा के लिए किया जाएगा.
चौपाल.भारत/

ग्लोबल मीडिया फोरम में पुरस्कार समारोह
डीडब्ल्यू के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग ने बर्लिन में कहा, “डॉयचे वेले दुनिया भर में अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करता है. बॉब्स के जरिये हम भाषाओं और संस्कृतियों की सीमाओं के परे, उन साहसी और रचनात्मक लोगों को सम्मानित कर रहे हैं, जो अभिव्यक्ति की आजादी के लिए काम कर रहे हैं. सभी विजेता प्रोजेक्ट एक दूसरे के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकते हैं और अलग अलग दिशाओं में काम करते हुए भी एक साझा मकसद को पूरा करते हैं, और वह है उत्पीड़ितों की मदद करना.”

Advertisement. Scroll to continue reading.

द बॉब्स – बेस्ट ऑफ आनलाइन एक्टिविज्म –  के लिए इस साल 2,300 से ज्यादा वेबसाइटों और ऑनलाइन प्रोजेक्टों के सुझाव बॉब्स की टीम तक पहुंचे. अंतरराष्ट्रीय जूरी ने 126 वेबसाइटों को नामांकित किया और इनमें से चार विजेता चुने. जूरी बैठक के सभी विजेताओं और फ्रीडम ऑफ स्पीच अवॉर्ड के विजेता को जून में जर्मनी के बॉन शहर में होने वाले ग्लोबल मीडिया फोरम के दौरान सम्मानित किया जाएगा.

बॉब्स के इतिहास में 2016 में दूसरी बार फ्रीडम ऑफ स्पीच अवॉर्ड दिया जाएगा. डॉयचे वेले यह पुरस्कार ऐसे व्यक्ति या ऐसी पहल को देता है जो अभिव्यक्ति की आजादी के लिए एक मिसाल कायम कर रहा हो. इस साल यह पुरस्कार तुर्की के दैनिक हुर्रियत के मुख्य संपादक सेदात एरगिन को दिया जा रहा है. एरगिन पर तुर्की में राष्ट्रपति रेचेप तय्यप एरदोवान के कथित अपमान के आरोप में मुकदमा चल रहा है. पिछले साल यह पुरस्कार सऊदी अरब के ब्लॉगर रइफ बदावी को दिया गया था जो अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के कारण जेल में हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

बॉब्स 2016 की जूरी:
अभिनंदन सेखरी (हिन्दी), जॉर्जिया पॉपलवेल (अंग्रेजी), एरकान साका (तुर्की), अलीसा वहीद (बहासा इंडोनेशिया), ओकसाना रोमानियुक (यूक्रेनी), मौरिसिओ सांतोरो (पुर्तगाली), रफीदा बोन्या अहमद (बांग्ला), जूली ओवोनो (फ्रेंच), गुलनाज एसफानदियारी (फारसी), एलेक्सी कोवालेव (रूसी), डॉलोर्स रेग (स्पेनिश), मोना करीम (अरबी), काथारीना नोकुन (जर्मन)

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement