सेबी ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की एक बेंच में कहा कि वह कथित फंड डायवर्जन मामले में ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के सुभाष चंद्रा को जारी किए गए समन में 3 सप्ताह तक कोई कार्रवाई नहीं करेगा.
दरअसल, चंद्रा ने 5 मार्च को कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि सेबी द्वारा जारी समन में ऐसी भाषा में आरोप लगाए गए थे जिनसे लग रहा था कि वह पहले ही उन्हें आरोपी साबित कर चुके हैं. चंद्रा ने अदालत से समन अवैध और शून्य घोषित करने की अपील की थी.
न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने सेबी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया साथ ही मामले को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया.
जनवरी में बाजार नियामक ने कथित फंड डायवर्जन मामले से संबंधित चल रही जांच में चंद्रा के खिलाफ कई समन जारी किए थे. हालांकि, सेबी ने यह भी कहा कि चंद्रा ने समन का जवाब नहीं दिया.
जनवरी में, बाजार नियामक ने कथित फंड डायवर्जन मामले से संबंधित चल रही जांच में मीडिया दिग्गज के साथ जुड़ने के लिए चंद्रा के खिलाफ कई समन जारी किए थे. हालांकि, सेबी ने कहा कि चंद्रा ने समन का जवाब नहीं दिया.
चंद्रा की तरफ से पेश वकील रवि कदम ने तर्क दिया कि समन, एक चल रहे मामले में कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए जारी किए गए थे. कदम ने कहा, हालांकि, इसकी आड़ में सभी प्रकार के निर्णायक निष्कर्ष लाए गए जो कारण बताओ नोटिस के समान हैं.
उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप की भी माग करते हुए कहा, “सेबी की वर्तमान जांच टीम, जांच अधिकारियों, सहयोग, वित्त विभाग द्वारा की जा रही जांच को अवैध और शून्य घोषित किया जाए क्योंकि यह पूर्वाग्रह और हितों के टकराव आदि से प्रभावित है.”
सुभाष चंद्रा ने अदालत से सेबी को अंतिम जांच रिपोर्ट जारी करने से रोकने का आग्रह किया. चंद्रा ने सेबी के अगस्त 2023 के पुष्टिकरण आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) के समक्ष अपील की है, जिसने उन्हें अपने समूह की कंपनियों में कोई भी प्रमुख प्रबंधकीय पद लेने से रोक दिया है.
आदेश में स्पष्ट किया गया कि मामले की जांच अगस्त से आठ महीने के भीतर पूरी की जानी थी. जब मामले की सुनवाई सैट द्वारा की जा रही थी, तब सेबी ने ट्रिब्यूनल को सूचित किया कि 12 और 27 जनवरी 2024 को समन जारी किए गए थे.