तिहाड़ के कांन्फ्रेंस हॉल में बनाए गए अस्थायी जेल-दफ्तर में करीब दो महीने रहने के बाद सुब्रत राय वापस कारागार लौट आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रॉय को उनकी विदेशी संपत्ति बेचने के लिए तिहाड़ के कॉन्फ्रेंस हॉल के इस्तेमाल की इजाज़त दी थी।
सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों की रकम न लौटने के बाद अदालत की अवमानना के मामले में जेल गए सुब्रत रॉय को जमानत के लिए दस हजार करोड़ रूपए की जमानत राशि जुटानी है। रॉय को उम्मीद थी कि वे अपनी विदेशी संपत्तियों को बेच कर ज़मानत के दस हज़ार करोड़ रुपए जुटा लेंगे।
ज़मानत की रकम जुटाने के लिए रॉय ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी विदेशी परिसम्पत्तियों का सौदा करने के लिए 10 दिन तिहाड़ जेल के कॉन्फ्रेंस हॉल के उपयोग की इजाज़त मांगी थी, जिसे कोर्ट के आदेश पर उनके अस्थायी दफ्तर में तब्दील कर दिया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को न्यूयार्क और लंदन स्थित तीन आलीशान होटलों को बेचने के सौदों को अंतिम रूप देने के लिए और वक्त दिया ताकि वह निर्धारित धन राशि जुटाकर सेबी के पास जमा करा कर जमानत पर छूट सकें। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी सहारा समूह अपनी सम्पत्तियों का सौदा नहीं कर पाए।
कोर्ट द्वारा दी गई समय सीमा बीत जाने के बाद रॉय को वापस कारागार में भेज दिया गया हालांकि उन्होने और समय की मांग की थी। रॉय ने जेल अधिकारियों से भी इस संबंध में बात की लेकिन अधिकारियों ने कहा कि उन्हे इस संबंध में कोर्ट से कोई आदेश नहीं मिला है और समय सीमा बढ़ाना उनके हाथ में नहीं है।
रॉय और उनके दो अधिकारी रवि शंकर दूबे और अशोक राय चौधरी इस साल चार मार्च से न्यायिक हिरासत में हैं। समूह की दो कंपनियों द्वारा 30 अगस्त 2012 और पांच दिसंबर 2012 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के कारण राय और उनके दोनों निदेशकों को न्यायिक हिरासत में रखा गया है।