योगी राज में पुलिस जितनी बेलगाम है, उतनी कभी नहीं रही। एफआईआर लिखने तक में पुलिस हीलाहवाली कर रही है। ग़ाज़ीपुर से लेकर ग़ाज़ियाबाद तक में पुलिस का एक सा रवैया है।
ग़ाज़ीपुर में भड़ास4मीडिया के पत्रकार सुजीत कुमार सिंह को एक मनबढ़ असामाजिक तत्व ने गाली दी और जान से मारने की धमकी भी दी। उन्होंने कल शाम फ़ौरन सदर कोतवाली जाकर लिखित कंप्लेन दे दी। चौबीस घंटे बीतने को हैं लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
कोतवाल सुरेंद्र सिंह एफआईआर न हो पाने के आधा दर्जन कारण गिनाते हैं लेकिन जब उनको बताया जाता है कि पुलिस का पहला काम थाने पहुँचे पीड़ित का एफआईआर दर्ज करना होता है, तो वे चुप हो जाते हैं।
ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के कार्यकाल में पुलिस की मनमानी बढ़ी है। आम जनता की थानों में सुनवाई नहीं है। भ्रष्टाचार की शिकायतें भी खूब हैं। कप्तान ख़ुद फ़ोन उठाते नहीं। उनका पीआरओ अपने स्तर से जिले का संचालन कर रहा है। योगी राज में मिले बेहिसाब अधिकार और कोई रोकटोक न होने से पुलिस बेलगाम हो गई है।
ऐसे ही ग़ाज़ियाबाद में पत्रकार संकेत चतुर्वेदी पर जानलेवा हमला होता है लेकिन पुलिस ने कई दिन बीतने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। देखें संबंधित खबर-
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