सूर्या चैनल लॉन्च हुआ नहीं लेकिन चैनल में अब तक पांच संपादक लाये और निकाले जा चुके हैं. बिस्कुट कंपनी प्रिया गोल्ड के मालिक बीपी अग्रवाल इस सूर्या चैनल को ला रहे हैं. इस वेंचर का हाल बेहाल करने में बीपी अग्रवाल के एक पोते का भी बड़ा हाथ है. ये महोदय चैनल के डिपार्टमेंटल हेड / एचओडी से बदतमीजी से बात करने में जरा भी नहीं झिझकते. ताजा मामला इस चैनल में आये पत्रकार एसएन विनोद का है. एसएन विनोद के आने और जाने का ठीक से किसी को पता ही नहीं चला.
चर्चा है कि चैनल मालिक बीपी अग्रवाल के गैर-पेशेवर तरीके से परेशान होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. सूर्या चैनल का चैनल हेड कोई आजाद हैं. जो कभी दैनिक जागरण नोएडा-गाजियाबाद में पत्रकार रहे हैं. सूर्या कंपनी के सीईओ पद पर एक पूर्व सरकारी कर्मचारी को रखा गया है. इनके संपादकीय मीटिंग में आने पर अजीबो-गरीब स्थिति बन जाती है. इन सबके नीचे एडिटर इन चीफ पद पर एसएन विनोद को रखा गया था. इसके कारण असहज स्थिति पैदा हो गई. आग में घी का काम किया मालिक के पोते की बदजुबानी ने. इसके चलते दो महीने से भी कम समय में एसएन विनोद का इस्तीफा हो गया. वहीं एसएन विनोद के जरिए आये पत्रकारों को एक महीने के अंदर ही इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया गया. इसके चलते वो पत्रकार छले महसूस कर रहे हैं जो किसी चैनल में पहले ही कार्यरत थे.
गहराई से पता करने पर मालूम हुआ कि जिन कर्मचारियों को निकाला या उनसे इस्तीफा लिया गया है, उनमें से किसी को कंपनी का ऑफर लेटर या ज्वॉइनिंग लेटर तक नहीं दिया गया. इस बेगारी की जानकारी चैनल में संपादक रहे एस एन विनोद को भी थी. लेकिन नौकरी की जद्दोजहद के चलते खमोश रहे. संपादकों की चुप्पी के चलते चैनल मालिक अपनी मनमानी करने पर उतारु हैं. चैनल में काम करने के हालात इतने बदतर हैं कि कोई संपादक या कर्मचारी चाय पीने चला जाये तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है. कोई छुट्टी मांगे तो उस दिन की सैलरी काट ली जाती है. लेकिन समाज में अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले ये पत्रकार तभी जुबान खोलते हैं जब इनको नौकरी से निकाला जाता है. सूर्या चैनल में अभी इनपुट हेड सुधीर सुधाकर और आउटपुट हेड उदय हैं. बड़े पदों पर आसीन इन लोगों के बारे में भी सूचना है कि बिना ज्वॉइनिंग लेटर के काम करने के लिए मजबूर हैं. इनमें से किसी को भी एक पत्रकार ज्वॉइन कराने की अनुमति नहीं है.