कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी वायरल हुई, जिसने देश की तमाम बड़ी शख्सियतों का ध्यान अपनी ओर खींचा। दरअसल मुंबई की पांच महीने की तारा कामत नाम की बच्ची एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित है। उसके इलाज और दवा की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। लेकिन दवा के आयात के बीच में कई मुश्किलें आ रही थीं। मगर इस बात की जानकारी जैसे ही देश के प्रधान सेवक यानी पीएम मोदी तक पहुंची, उन्होंने त्वरित मदद के लिए कदम उठाएं। इस बारे में जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बताया कि पांच महीने की एक बच्ची के लिए जीवन रक्षक दवाओं के आयात पर कस्टम ड्यूटी और अन्य शुल्क से छूट दी गई है।
जानकारी के मुताबिक बच्ची एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित है और जीन में बदलाव के जरिये उसका इलाज होना है। इस बीमारी का एकमात्र इलाज जीन रिप्लेसमेंट है। इसके लिए अमेरिका से 16 करोड़ रुपये की दवाइयों का आयात किए जाने की आवश्यकता है। इसके इलाज में ‘झोलजेंसमा’ नामक दवा का उपयोग किया जाता है। लेकिन इस दवा की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है।
देवेन्द्र फडणवीस ने पीएम को दी जानकारी
हालांकि परिवार ने क्राउड फंडिंग के जरिए रकम जुटा ली, फिर भी अमेरिका से मंगाने और 6 करोड़ रुपये से ज्यादा की कस्टम ड्यूटी और जीएसटी का अलग खर्च था। इस समस्या को लेकर परिवार देवेन्द्र फडणवीस के पास पहुंचा। फडणवीस ने इस बारे में पीएम प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर जानकारी दी और दवा के लिए कस्टम ड्यूटी और जीएसटी माफ करने की मांग की।
दवा की कीमत करीब 6 करोड़ रुपये तक हुई कम
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीएम ने इलाज में लगने वाली दवा पर कस्टम ड्यूटी और जीएसटी को पूरी तरह से माफ कर दिया। इसके बाद दवा की कीमत करीब 6 करोड़ रुपये कम हो गई। पांच महीने की एक बच्ची के लिए जीवन रक्षक दवाओं के आयात पर कस्टम ड्यूटी और अन्य शुल्क से छूट देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।