(यूपी के शाहजहांपुर जिले के पत्रकार जगेंद्र के हत्यारे मंत्री को बर्खास्त कराने और जेल भिजवाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर मीडियाकर्मियों के प्रदर्शन का एक दृश्य)
Yashwant Singh : नीचे दिए गए तीन वीडियो खासकर अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव के लिए हैं जिनके आंखों पर सत्ता का नशा चढ़ा हुआ है, जिनके चेहरे पर ताकत का अहंकार पुता हुआ है, जिनके चाल-ढाल में अमरता की अदा लिपटी हुई है, जिनके बयानों में नश्वरता का नक्शा खिंचा होता है. इनके हाथ में यूपी की सत्ता क्या आ गई है, जैसे ये मनुष्येतर हो गए हैं. जैसे ये अपने आप में हर शख्स के भाग्य नियंता हो गए हैं, जिनको चाहेंगे जीने का हक देंगे, जिनको चाहेंगे जिंदा जलवा डालेंगे. ऐसी सोच समझ वाले अहंकारियों का संपूर्ण नाश होता है एक न एक दिन.
साथी जगेंद्र की आत्मा इस सत्ताधारी, परम अहंकारी, पर-पीड़क यादव खानदान का पीछा न छोड़ेगी, ये हर उस शख्स का श्राप है जिसे जगेंद्र अपना-सा लगता है. यूपी की सत्ता पर काबिज यादव खानदान के शिरोमणियों के लिए ये तीन वीडियो. इन वीडियोज में उस जांबाज पत्रकार के मृत्यु पूर्व ऐसे बयान हैं जिसे कोई अदालत, कोई सत्ता, कोई कानून नकार नहीं सकता. हे पापियों के सरताज अखिलेश यादव, तुझे तो बलात्कारी-हत्यारे मंत्री राममूर्ति को मंत्रिमंडल से निकालना ही पड़ेगा, जेल भेजना ही पड़ेगा, हां बस तू जितना देर कर रहा है, उतनी देर में तेरी पाप की लंका जलाए जाने के लिए ज्यादा पेट्रोल इकट्ठा होने का उपक्रम घटित हो रहा है. यह पेट्रोल कुछ और नहीं बल्कि जनमत है, जनाक्रोश है. बहादुर पत्रकार को दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर जलाने वाले समाजवादी मंत्री राममूर्ति को संरक्षण देना भारी पड़ेगा, याद रखना. आत्ममुग्धता से वक्त मिले तो इन तीन वीडियो को जरूर देख लेना. शायद तब तुम्हारी अंतरात्मा जग जाए.
ये वीडियोज लखनऊ के उन भांड दलाल पत्रकारों के लिए भी है जो सत्ता की दलाली करते करते अपनी अंतरात्मा बेच चुके हैं. विक्रम रावों से लेकर हेमंत तिवारियों वाया सिद्धार्थ कलहंसों तक ने सत्ता से गलबहियां कर नाभिनाल बद्ध होते हुए पत्रकारिता बेच खाकर अपना हित साधने की जो कला फलित विकसित की है, उसका भी अंत होगा. क्या इन दलालों ने एक दिन भी लखनऊ में धरना देकर मंत्री की बर्खास्तगी के लिए सत्ता के खिलाफ आंदोलन चलाया? इनसे अच्छे तो वो आईपीएस अमिताभ ठाकुर हैं जिन्होंने पत्रकार न होते हुए भी जला डाले गए पत्रकार से अस्पताल में जाकर मिले और उनके बयानों का वीडियो बनाया. अमिताभ ठाकुर अब जगेंद्र के गांव गए हैं पूरे मामले की निजी स्तर पर जांच पड़ताल करने के लिए.
क्या ये काम खुद लखनऊ के पत्रकार संगठनों और पत्रकार नेताओं को नहीं करना चाहिए था? पर शर्म इन दलालों को आती नहीं. इन्हें तो सिर पर सत्ता का हाथ, सरकारी मकान, प्लाट और गिफ्ट तमाम चाहिए. इसके बाद ये पोस्टिंग दलाली आदि में इतने तन्मय होकर लिप्त रहते हैं कि उस काले पैसे के संचय से चमड़ी दिन प्रतिदिन मोटी करते जाते हैं. आइए इन सब शासकों और दलालों के उन्मूलन के लिए प्रकृति से प्रार्थना करें.
ये हैं वो तीन वीडियो-
……….
xxx
xxx
पूरे मामले का सच जानने के लिए इन्हें भी पढ़ें…
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.
Comments on “ये तीन वीडियो अखिलेश, मुलायम, रामगोपाल और शिवपाल के लिए हैं… जाग जाइए वरना जनता का श्राप लगेगा…”
वाह यशवंत भाई. एक पत्रकार की मौत का दर्द एक पत्रकार से अच्छा भला कौन महसूस करेगा. आपके लेखन में साफ है कि मुख्यमंत्री से लेकर सत्ता की दलाली करने वाले पत्रकारों तक की आंखे खोलने वाला यथार्थ लिखा है. मेरे साथ—साथ पूरा देश जगेन्द्र और आपकी भावनाओं के साथ है.