यूपी के पत्रकारों, साथी पत्रकार जगेंद्र सिंह की शहादत को भूल मत जाना, सपा को जरूर हराना

आज यूपी में कई पत्रकार सपा की दलाली करने में व्यस्त हैं। ये लोग पत्रकार जगेंद्र सिंह की शहादत को भुलाकर उनका अपमान कर रहे हैं। लेकिन यूपी के ढेर सारे पत्रकार याद रखें हुए हैं वो बर्बरता जिसे सपा के लोगों ने पत्रकार जगेंद्र सिंह के साथ की थी। अगर सपाइयों की कमर न तोड़ी गई तो वो बर्बरता कल के दिन आपके साथ भी होगी। तब आपको पश्चाताप होगा कि हम उन लोगों की दलाली कर रहे थे जिन्होंने यूपी में कानून का नहीं, गुंडों एवं हत्यारों का राज चला रखा है। इसीलिए यूपी के पत्रकारों को शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या को याद रखकर इस चुनाव में पत्रकारिता करने की जरूरत है। सपा के गुंडाराज, बलात्कारराज, लूट, हत्या, भ्रष्टाचार, दबंगई, अपहरण को यूपी की जनता के सामने ना लाकर सपा की दलाली करने वाले पत्रकारों पर धिक्कार है।

पत्रकार जगेंद्र केस में आरोपी पुलिसकर्मी बरेली क्राइम ब्रांच पर कोर्ट में बयान का बना रहे हैं दबाव

बरेली : शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह मर्डर केस में आरोपी पुलिसकर्मी बरेली क्राइम ब्रांच पर जबरन दो गवाहों के कोर्ट में बयान कराने का दबाव बना रहे हैं। इन गवाहों के बयान के जरिए वह खुद को केस से बचाना चाहते हैं, लेकिन बरेली के पुलिस अधिकारियों ने आईओ को बिना किसी दवाब के सही जांच करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।

जगेंद्र हत्याकांड मामले पर प्रेस काउंसिल ने यूपी सरकार और यूपी पुलिस की कड़ी आलोचना की

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक पत्रकार की हत्या पर जारी प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की एक रिपोर्ट में यूपी पुलिस की और प्रशासन की भूमिका की निंदा की गई है। प्रेस काउंसिल ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गंभीर उपाय करने की भी मांग की है। 8 जून को शाहजहांपुर में एक स्वतंत्र पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या के बाद पीसीआई ने जांच के लिए एक टीम का गठना किया था। पीड़ित पत्रकार ने मरने से पहले दिए गए अपने बयान में कहा था कि मंत्री राम मूर्ति वर्मा के खिलाफ लिखने के कारण स्थानीय पुलिस ने उन्हें जिंदा जला दिया। रिपोर्ट में राज्य सरकार से एक निष्पक्ष एजेंसी द्वारा मुकम्मल जांच करवाने की अनुशंसा की गई है। रिपोर्ट में लिखा है-

पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भेजा यूपी सरकार को नोटिस

उत्तर प्रदेश में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जलाकर मारे जाने के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस उस याचिका पर सुनवाई के बाद जारी कि जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल पीआईएल को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर की गुहार लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार को जलाए जाने और उनकी हत्या के मामले की स्वतंत्र जांच के लिये जगेंद्र के बेटे द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने की परिस्थितियों की सीबीआई जांच हेतु दायर याचिका पर विचार करने का निश्चय किया. इससे पहले याचिका दायर कर पत्रकारों की सेफ्टी के लिए गाइडलाइंस बनाए जाने की बात कही गई है.

Scribe Jagendra Singh burning case : SC seeks response from Centre, UP on PIL

New Delhi: The Supreme Court on Friday decided to entertain a plea seeking CBI probe into the circumstances leading to the withdrawal of a petition by a journalist’s son, who had sought an independent probe into the alleged burning and murder case of his father in which a state minister and five others have been booked. An application filed by a Lucknow scribe has claimed that the son of slain journalist, Jagendra Singh, was pressurised and threatened by the alleged killers of his father, following which he had written a letter to his lawyer on July 23 wishing to withdraw the petition.

पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड के गवाहों को बचाना जरूरी : आईपीएस अमिताभ

लखनऊ : शाहजहांपुर के दिवंगत पत्रकार जागेंद्र सिंह के बेटे के अचानक मंत्री राममूर्ति वर्मा के पक्ष में बयान देने के बाद आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले में जागेंद्र के लड़कों सहित सभी गवाहों की रक्षा करने और सच्चाई सामने लाने के लिए राज्य सरकार को उपयुक्त माहौल बनाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।

यूपी सरकार ने जगेंद्र सिंह के परिवार को 30 लाख क्यों दिए!

टाइम्स ऑफ इंडिया में एक खबर है कि शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह के बेटे ने कहा है कि उसे सीबीआई जांच नहीं करानी क्योंकि उसके पिता कन्फयूज्ड थे और इसी मतिभ्रम के कारण उन्होंने आत्मदाह किया था। उन्हें किसी ने जलाया नहीं और मंत्री एकदम निर्दोष है।

जगेंद्र के घर वालों को धमका रहे आरोपी, पीएम से गुहार, पूरा परिवार यूपी छोड़ने की फिराक में

शाहजहांपुर (उ.प्र.) : जिंदा जलाकर मारे गए पत्रकार जगेन्द्र सिंह के परिवार को धमकाया जा रहा है। घटना की सीबीआई जांच करने की मांग करते हुए जगेंद्र के बेटे राहुल ने पिछले दोनो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। तभी से परिवार पर दबाव डाला जा हा है कि वे समझौता कर लें अन्यथा उनके साथ अच्छा न होगा। बताया जा रहा है कि जगेंद्र के दोनो बेटे पिछले कई दिनो से लापता हैं। उनका कोई पता नहीं चल रहा है। जगेन्द्र के पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है। 

पत्रकारों की लगातार जघन्य हत्याओं और उत्पीड़न के खिलाफ नोएडा से दिल्ली तक पैदल प्रोटेस्ट मार्च 8 जुलाई को, आप भी आइए

अब हमारे और आपके सड़क पर उतरने का वक्त है… पत्रकारों की लगातार जघन्य हत्याओं और उत्पीड़न के खिलाफ नोएडा से दिल्ली तक पैदल प्रोटेस्ट मार्च का कार्यक्रम तय किया गया है जो 8 जुलाई को यानि कल होना है. इसमें आप भी आइए. चुप रहने, घर बैठे का वक्त नहीं है अब. देश भर में पत्रकारों की लगातार जघन्य तरीके से हत्याएं हो रही हैं. जगेंद्र सिंह, संदीप कोठारी, अक्षय सिंह… समेत दर्जनों हत्या-उत्पीड़न के मामले हैं. यह सिलसिला बदस्तूर जारी है.

संविधान के मौलिक अधिकारों का वजूद खतरे में, कसौटी पर नाकारा यूपी सरकार

अभी तक तो यूपी सरकार की किरकिरी कराने वाले चाचा जान ने कल्वे जव्वाद पर हमला बंद  भी नहीं किया था कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राम मूर्ति वर्मा का पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड में नामजद होना यूपी सरकार के लिए एक चिंता का सवाल बन गया है । सरकार पत्रकार हत्याकांड में नामजद मंत्री पर कत्तई एक्शन न लेने के मूड में है । अगर नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आकड़ों पर गौर किया जाय तो प्रतिवर्ष जितने पत्रकारों के देश भर में उत्पीड़न के मामले  प्रकाश में आते हैं, उसके 72 % मामले अकेले यूपी के होते हैं, जो राज्य के वजीर ए आलम अखिलेश के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। क्या अखिलेश के अंदर शासन व सत्ता को सुचारु रूप से चल़ाने का म़ाद्दा खत्म हो चुका है? क्या युवा शक्ति के आकलन में कोई सेंध है?

मुआवजा मिल गया न, तो अब जंग छेड़ो दोस्‍तों, ताकि जगेन्‍द्र की चिता को न्‍याय मिले

कुछ मित्रों को लगता है कि जागेन्‍द्र के परिवारों को 30 लाख रूपये, दो बच्‍चों को सरकारी नौकरी और उसके घर की दूसरे से कब्‍जायी पांच एकड़ जमीन को छ़ुडवाने के सरकारी फैसले के बाद उनका परिवार संतुष्‍ट है और सरकार भी हल्‍की हो गयी है। ऐसे लोगों को लगता है कि यह तो धोखाबाजी हो गयी। जागेन्‍द्र के लिए जंग लड़ी हम सब लोगों ने और मलायी काट लिया उसके घरवालों ने, सरकार ने और सरकारी दलाल पत्रकारों ने। उन्‍हें लगता है कि अब यह सारा मामला ठण्‍डा हो चुका है और इस देश में अब इसके बाद कुछ भी नहीं हो सकता है। क्‍योंकि लोगों ने एक-दूसरे को खरीद-बेच लिया है।

के. विक्रम राव, हेमन्‍त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस जैसों को दूर रखना अन्यथा पूरा मिशन तबाह कर देंगे

Kumar Sauvir : अखिलेश जी। मुझे अपनी मौत का मुआवजा एक कराेड़ से कम मंजूर नहीं… अपने मुआवजा सेटलमेंट के बंटवारे का पूरा प्‍लान तय कर लिया है मैंने…  पत्रकार-समिति के लोगों, 10-20 पेटी अलग ले लेना, पर मेरे हिसाब से नहीं… मैंने कर रखा है एक करोड़ मुआवजा के एक-एक पैसा का हिसाब प्‍लान… मेरी चमड़ी खिंचवाना व उसमें भूसा भरके मेरी प्रतिमा स्‍थापित कराना मित्रों… 

संदीप-जगेंद्र हत्याकांड : खनन माफिया के सरपरस्त आम इंसान नहीं

उत्तरप्रदेश के जगेंद्र सिंह और मध्यप्रदेश के संदीप कोठारी की हत्याओं में एक समानता है और वह है दोनों अपने—अपने राज्यों के खनन माफिया के खिलाफ खबरें लिख रहे थे। ये वो माफिया है जिसकी सरपरस्ती भारत के हर राज्य में पॉवरफुल मंत्रियों नेताओं के पास होती है। ये माफिया इतना बेखौफ है कि पत्रकार तो बहुत दूर की बात है अगर कोई पुलिस अधिकारी, तहसीलदार या अन्य कोई इनके क्षेत्र में कार्रवाई के लिये घुस जाये तो ये दिनदहाडे ट्रेक्टर, डंफर से उसे कुचलने में कोताही नहीं बरतते।

जगेन्द्र प्रकरण : याचिकाकर्ता सतीश जैन और दिल्ली के पत्रकार विशेष ध्यान दें

मैं हमेशा कहता हूँ कि अच्छा, बुरा कुछ नहीं होता। अति ही बुराई है। सद्कर्म की भी अति हो जाये, तो परिणाम नकारात्मक ही आता है। आप आगे को भागिए और भागते रहिये, तो एक दिन लौट कर वहीं आ जायेंगे, जहां से चले थे, ऐसे ही पीछे को दौड़ने पर होगा। पीछे को दौड़ने वाला भी रुके न, तो वो भी एक दिन वहीं आ जायेगा, जहां से भागा था, इसीलिए बीच की अवस्था को शिखर कहा जाता है, संतुलन जीवन की सर्वश्रेष्ठ अवस्था है। शिखर पर ठहरे रहना होता है, मतलब संतुलन बनाये रखना होता है, लेकिन कोई शिखर पर पहुंचने के बाद भी संतुलन न बना सके, तो उस पार नीचे जाने का ही रास्ता होता है फिर। खैर, मन धर्म-अध्यात्म और कर्म पर चर्चा का नहीं है। मन है शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र कांड पर बात करने का। इस प्रकरण में भी समाजसेवा की थोड़ी अति हो गई, जिससे परिणाम अपेक्षित नहीं आ पा रहा है। लखनऊ के चर्चित अधिवक्ता प्रिंस लेनिन ने उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में ही गहन अध्ययन के बाद जगेन्द्र प्रकरण में जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर सरकार से जवाब माँगा गया। आशा थी कि बहस के बाद सीबीआई जांच के आदेश हो जायेंगे, उससे पहले दिल्ली के पत्रकार सतीश जैन ने उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दी, जिस पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और प्रदेश सरकार से जवाब माँगा है।

यह रहा जगेंद्र हत्याकांड के कातिल के फोन कॉल का ऑडियो सच, खुदकुशी का दावा सफेद झूठ

मुख्‍यमंत्री और उनकी पुलिस का कहना है कि जागेन्‍द्र सिंह दाह-हत्‍याकाण्‍ड की अभी जांच की जाएगी। लेकिन इसके पहले ही मैं आप मित्रों को सुना-दिखा रहा हूं कि किस तरह घेर कर मारा गया था जाबांज पत्रकार जागेन्‍द्र सिंह। मैं दे रहा हूं इससे जुड़े पुख्‍ता प्रमाण, जबकि हमारे मुख्‍यमंत्री ऐलान कर चुके हैं कि जांच के बाद ही किसी पर कोई कार्रवाई की जाएगी। पेश है उस रोंगटे खड़े कर देने वाले काण्‍ड के एक अभियुक्‍त की अपने एक परिचित से हुई बातचीत का ब्‍योरा—- 

मुआवजे ने किया सिद्ध किया, मंत्री दोषी

अमर शहीद पत्रकार जगेन्द्र सिंह के परिवार द्वारा मुआवजा स्वीकार कर लेने व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बात को मानकर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की जा रही जाँच से संतुष्ट होने की बात को दिल का ताड़ बनाकर पेश करने वाले साथियों से मेरा एक प्रश्न है। इन बातों को स्वीकार करने के अलावा उन गरीब, कमजोर, डरे हुए लोगों के पास क्या कोई दूसरा विकल्प था। जगेन्द्र को जिन्दा जला देने वाली घटना को आत्महत्या साबित करने में जुटी यूपी पुलिस के कार्य क्षेत्र में उनको सुरक्षित रहना है या नहीं? इनका फैसला समाजवादी पार्टी के तथाकथित गुंडों एव खाकी के द्वारा ही तो किया जाना है। जिन्दा रहना है तो बात मानो वर्ना कौन बचायेगा हम जगेन्द्र के परिवार को कही भी दोषी साबित नहीं कर सकते। 

जगेन्द्र सिंह हत्याकांड : प्रेस परिषद के खलीफाओं तक ने खूब फायदा उठाया

लाश पर रोटियां कैसे सेंकी जाती हैं, उसका सबसे ज्वलंत प्रमाण है जगेन्द्र सिंह हत्याकांड। छुटभैये पत्रकारों और नेताओं से लेकर प्रेसकौंसिल के खलीफाओं तक ने खूब फायदा उठाया इस प्रकरण का। जिन सरदार शर्मा के खिलाफ अपने जीवित रहते जगेन्द्र सिंह मोर्चा खोले रहे, हर कोई उन्ही से जाके पूछता रहा- जगेन्द्र पत्रकार था, तो कैसे? 

फिर वहीं पर जीमेंगे जागेन्‍द्र सिंह की तेरहवीं का भोज

देख्‍यौ भइया, तेवरिया ऐण्‍ड कम्‍पनी वालों ने तो शाहजहांपुर में जिन्‍दा फूंक डाले गये जागेन्‍द्र सिंह वाला मामिला को 20 लाख रूपया में डन ( नक्‍की-पक्‍का ) कराया था। सरकार और अफसरों के सामने डींगें खूब मारी थी कि,” यह बड़ा मुश्किल काम है। आजकल पत्रकार खुद को बहुत ईमानदार बनते हैं। ऐसे में इन पत्रकारों को सेट करना बड़ा मुश्किल होता है। खुद की छवि की भी बलि देनी पड़ती है।”

जगेंद्र की फोरेंसिक रिपोर्ट से घटनाक्रम में नया मोड़, हत्या नहीं, खुदकुशी !!

लखनऊ की फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट ने जगेंद्र हत्‍याकांड को खुदकुशी करार दिया है। बताया गया है कि जगेन्द्र ने खुद आग लगाई थी. छाती के बाईं तरफ से आग से जलने के निशान पाए गए हैं. गौरतलब है कि जगेन्द्र ने घायल होने के बाद बयान दिया था और यूपी के मंत्री राममूर्ति वर्मा और यूपी पुलिस पर आग लगाने का आरोप लगाया था। 

पत्रकार आधी जंग जीते, जगेंद्र के परिजनों को 30 लाख मुआवजा, दो को नौकरी का भरोसा दिया सीएम अखिलेश यादव ने

नई दिल्ली: पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड के आरोपी मंत्री पर तो अभी तक कार्रवाई नहीं हुई लेकिन परिवार से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीस लाख रुपए के मुआवजे और घर के दो लोगों को नौकरी का भरोसा दे दिया है. इसके बाद परिवार ने धरना खत्म कर दिया है.

पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड पर केंद्र और यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली : शाहजहांपुर के जुझारू पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। इससे हत्याकांड के आरोपी मंत्री और पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता भी आसान होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कोर्ट ने हत्याकांड के संबंध में यूपी सरकार, केंद्र सरकार और प्रैस काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस भेजकर दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब कर लिया है। 

जगेंद्र हत्याकांड पर डीजीपी के खिलाफ कोर्ट जाएंगे कुमार सौवीर

वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है – ”यूपी के डीजीपी अरविन्‍द जैन की पुलिस का कमाल यहां शाहजहांपुर में देखें तो आप दांतों तले उंगलियां कुचल डालेंगे, जहां मंत्री का इशारा था, अपराधी मोहरा बना था और अपराधी बना डाला गया हत्‍या का जरिया। सिर्फ दो दिन तक पुलिस ने एक सीधी-सच्‍ची एफआईआर को टाल दिया और उसकी जगह में एक नयी रिपोर्ट दर्ज लिख डालीा ताना-बाना इतना जबर्दस्‍त बुना गया कि उसके बल पर मंत्री-अपराधी-पत्रकार और पुलिस की साजिशों से जगेन्‍द्र सिंह के खिलाफ डेथ-वारण्‍ट तामील करा दिया। अब मैं इस प्रकरण पर सीधे अदालत में ही पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने जा रहा हूं, जिसमें डीजीपी अरविन्‍द जैन भी शामिल होंगे, जिन्‍होंने जान-बूझ कर भी एक असल मामले की तहरीर को मनचाहे तरीके से बदलवा दिया।

जलाकर मारे गये पत्रकार जगेंद्र और संदीप की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?

उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की जलने के बाद हुई मौत से ठीक पहले पत्रकार के अंतिम बयान में यह कहा जाना कि “मुझको गिरफ्तार करना था… तो कर लेते मगर पीटा क्यों ? और आग क्यों लगा दी?”, इतने सवालों को खड़ा कर देता है कि न तो उत्तर प्रदेश सरकार उनका जवाब दे पाएगी न ही पत्रकारिता जगत के दिग्गज! अभी ये मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था, कि मध्य प्रदेश में भाजपा शासित सरकार की नाकामी के तौर पर एक पत्रकार की जली हुई लाश बरामद हुई, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि खनन माफिया ने पहले पत्रकार का अपहरण किया और बाद में जलाकर मारा और लाश को दबा दिया। सरकार सपा की हो या बीजेपी की, पत्रकार कहां सुरक्षित है..? ये समझ में नहीं आ रहा ! और इसके लिए दोषी कौन है..? ये भी साफ नहीं हो रहा है !

पत्रकार जगेंद्र और संदीप, दोनो की हत्या के पीछे खनन माफिया

बालाघाट (मप्र) : पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड के संबंध में कटंगी के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस जे एस मरकाम ने बताया कि पुलिस को पता चला है कि तीनों गिरफ्तार आरोपी अवैध खनन और चिटफंड के कारोबार से जुड़े हुए हैं और पत्रकार पर उनके खिलाफ अवैध खनन का एक स्थानीय अदालत में दर्ज प्रकरण वापस लेने का दबाव बना रहे थे। संदीप इसके लिए राजी नहीं था और संभवत: उसे इसकी ही कीमत चुकानी पड़ी है।

जगेन्द्र के परिवार को लालच और धमकियां, डीएम दफ्तर के सामने पत्रकारों ने की तेरहवीं

शाहजहांपुर : पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत के बाद उनके परिवार को धमकी और लालच देने का सिलसिला जारी है। मृतक के परिजनों ने धमकाने की शिकायत पुलिस में दी है। पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे परिजनों ने जगेन्द्र का तेहरवीं संस्कार भी कर दिया। जिले के तमाम पत्रकारों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जगेन्द्र का तेहरवीं संस्कार किया। इस दौरान पत्रकारों ने हवन पूजन कर 13 ब्राह्मणों को भोजन भी कराया। 

जगेंद्र हत्याकांड : मंत्री, पुलिस और दलाल पत्रकार चौकड़ी की करतूतों का ये है जिन्‍दा सुबूत !

यह है एक निर्भीक पत्रकार को जिन्‍दा फूंकने के लिए हत्‍यारे मंत्री-माफिया-पुलिस और पत्रकारों की चौकड़ी का जिन्‍दा सुबूत। यह सुबूत है कि कैसे जगेन्‍द्र सिंह को मंत्री और पुलिसवालों ने अंतहीन उत्‍पीड़न और मारक तनाव दिये, बल्कि यूपी सरकार में सच बोलने वालों को हश्र क्‍या होता है।

मध्य प्रदेश के पत्रकार संदीप कोठारी को जिंदा जलाकर जमीन में दफना दिया

एक बहुत बड़ी खबर मध्य प्रदेश से आ रही है. यहां बालाघाट के एक पत्रकार संदीप कोठारी को माफियाओं ने जला कर मार डाला है. नई दुनिया और पत्रिका जैसे अखबारों में काम कर चुके संदीप की खबरों से माफिया नाराज थे. संदीप बालाघाट के कटंगी कस्बे में कार्यरत थे. बताया जा रहा है कि माफियाओं ने इन्हें किसी बहाने से बुलाया और बहका कर महाराष्ट्र के नागपुर की तरफ ले गए. मध्य प्रदेश की सीमा से बाहर निकलने ही सूनसान इलाका देखकर माफियाओं ने पहले संदीप कोठारी को जिंदा जलाया उसके बाद जमीन में दफना दिया. इस सनसनीखेज और हृदयविदारक घटना जिसकी मिल रही है वह स्तब्ध है.

अखिलेश सरकार सीबीआई से नहीं कराएगी जगेंद्र हत्याकांड की जांच, अब हाईकोर्ट की सुनवाई का इंतजार

शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को प्रदेश सरकार ने ठुकरा दिया है। अब देश-प्रदेश के आंदोलित पत्रकारों और संगठनों की निगाह 25 जून को इस मामले की हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रदेश सरकार का एक आरोपी राममूर्ति वर्मा के होने से इस मांग को ठुकराए जाने की मुख्य वजह माना जार हा है। हत्याकांड में कोतवाली प्रभारी समेत पांच पुलिस वाले भी अभियुक्त हैं। उन्हें निलंबित कर दिया गया है लेकिन एक भी हत्यारोपी अब तक गिरफ़्तार नहीं किया गया है।

शाहजहांपुर में धरने पर बैठे पत्रकार जगेंद्र सिंह के पत्नी बच्चे व अन्य

पत्रकारिता को उसका पुराना मिशन और चेहरा दिया जगेन्द्र ने

लगता है लोगों का इतिहासबोध कमजोर पड़ता जा रहा है। पढ़ने की शगल खत्म होती जा रही है, खास तौर पर राजनीतिक जीवधारी, अब किताबों से दूर होते जा रहें हैं। राजनीति की नई कोपलें तो अपनी इतिहास और भूगोल दोनों की सामान्य जानकारी से भी दूर होती जा रही हैं। वर्तमान में जीने वाली पीढ़ी अतीत से शायद कुछ सीखना ही नहीं चाहती। जबकि पहले के राजनेता अध्ययन में रूचि लेते थे और देश व दुनिया के इतिहास और आंदोलन की कहानी पढ़ते थें, पढ़ते ही नहीं थे, बल्कि अध्ययन से अपनी विचारधारा को भी परिपक्व और पुष्ट करते थें। गाँधी, नेहरू, लोहिया, जे.पी, दीन दयाल उपाध्याय आदि अनेक राजनेता और ‘जननायक’ स्वअध्ययन में गहरी रूचि लेने वाले थे।

जगेंद्र हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं, खूनियों के खिलाफ आज से आरपार की लड़ाई शुरू : सौवीर

चौरी-चौरा हत्‍याकाण्‍ड में पकड़े गये 170 लोगों पर भी जघन्‍य आरोप लगे थे और अंग्रेजी हुकूमत ने इन सब को फांसी पर लटका देने का हुक्‍म दे दिया था। लेकिन उस समय महामना मदनमोहन मालवीय ने अपनी शिक्षक की नौकरी छोड़कर इन वकालत की पुरानी डिग्री निकाली और बिना कोई पारिश्रमिक हासिल किये, इनमें से 151 लोगों को फांसी के फंदे से आजाद कराने के लिए जी-जान लड़ा दिया। 

जगेंद्र हत्याकांड : ‘कुत्ता प्रदेश’ की कहानी, एक आईएएस अफसर की जुबानी… (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ प्रेस क्लब आफ इंडिया में आज हुई सभा में सबसे शानदार रहा आईएएस Surya Pratap Singh यानि एसपी सिंह को सुनना. एसपी भाई को एफबी टीवी अखबारों में पढ़ता देखता रहा हूं लेकिन मिलने-सुनने का मौका आज मिला. ग़ज़ब का बोले. बोले क्या झकझोर दिया. उनका आधे घंटे का वीडियो अपलोड करने वाला हूं. तब तक कुछ तस्वीरें. एक तस्वीर में एसपी सिंह जी के साथ संगम पांडेय जी भी हैं, मुड़ मुड़ के ना देख मुड़ मुड़ के वाली फोटो में. संगम पांडेय जी जानी मानी साहित्यिक पत्रिका हंस के पूर्व संपादक रहे हैं. उनसे जमाने बाद मुलाकात हुई. संगम भाई जब भी मिलते हैं, उन्हें देर तक पकड़ कर रखता हूं, बतियाता हूं. ये एक ऐसे पत्रकार लेखक समालोचक शख्सियत हैं कि मिलने पर इनसे अध्यात्म से लेकर ब्रह्मांड तक ढेरों बात बहस तर्क-कुतर्क मैं करता हूं और वो न सिर्फ इसे इंज्वाय करते हैं बल्कि कई ऐसे पढ़ने जानने सीखने के सूत्र छोड़ जाते हैं जिनसे मैं आगे के दिनों में खोजता जूझता लड़ता सोचता पढ़ता रहता हूं. फोटो देखने के पहले ये एक वीडियो देखिए, प्रेस क्लब आफ इंडिया से लेकर मुलायम सिंह यादव के दिल्ली वाले बंगले तक पर हुए प्रदर्शन का:  https://www.youtube.com/watch?v=W-F0x9D0m_U

जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ अलीगढ़ में जुलूस निकाला, राज्यपाल को ज्ञापन

अलीगढ़ : बुधवार सुबह लगभग 11.00 बजे सेंटर पाइन्ट चैराहे पर मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति, रीजनल इलैक्ट्रानिक मीडिया, अलीगढ़ इलैक्ट्रोनिक मीडिया, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन व गणेश शंकर विद्यार्थी प्रैस क्लब के पदाधिकारी, शहर के पत्रकारों ने जगेंद्र हत्याकांड पर जुलूस निकाल कर कड़ा विरोध प्रकट किय। 

सीतापुर में कैंडिल मार्च निकाल कर जगेन्द्र को श्रद्धांजलि

सीतापुर : पत्रकार जगेन्द्र सिंह हत्या कांड के विरोध में मंगलवार देर शाम पत्रकारों, समाज सेवियों व व्यापारियों ने लालबाग चैराहे से शहीद लालबाग पार्क तक कैंडिल मार्च निकाला। निर्ममता से मारे गए पत्रकार जगेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी। पत्रकारों ने कहा कि लगातार हमले हो रहे हैं और सरकार खामोश है। ऐसे वक्त में सभी पत्रकारों को एकजुट रहने की जरूरत है। 

सरकार बहादुर ने दो कौड़ी के पत्रकारों के लिए मशीनरी टाइट कर दिया!

Ved Ratna Shukla : वर्मा जी को राम-राम कहलवा भेजिएगा… सरकार बहादुर कहिए तो आपके चरणों में लोट जाऊं… क्या धांसू काम किया है. मन कर रहा है नाचूं! सरकार बहादुर ने दो कौड़ी के पत्रकारों के लिए मशीनरी टाइट कर दिया. गजब! महिलाओं के लिए भी हेल्पलाइन शुरू की थी आपने. यकीन मानिए तबसे महिलाएं रातभर पैदल, स्कूटी से अकेले-दुकेले घूम रही हैं एकदम निश्चिंत-महफूज. आपके इकबाल से उनकी तरफ अब कोई आंख उठाकर देखता भी नहीं. वो कहते हैं न कि यही तो रामराज है. हालांकि मोहनलालगंज.

पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड में नया मोड़, बाहुबलियों के दबाव में मुकर गई चश्मदीद महिला गवाह

‘पत्रकार जगेंद्र सिंह को किसी ने नहीं जलाया, उसने ही खुद को आग के हवाले किया। इस प्रकरण में कोई हत्यारा नहीं है और न ही कोई दोषी है। सब निर्दोष हैं, न राममूर्ति वर्मा का इसमें कोई हाथ है, और न ही उनके करीबी गुफरान का, बस यही सच है, जो मैं कह रही हूं।’ ये कहना किसी और का नहीं बल्कि जगेंद्र की एक महिला सुपरिचित का है। 

जगेंद्र हत्याकांड : ताकतवर आरोपियों की साजिश-दर-साजिश, अब महिला बनी मोहरा

दुनिया भर में चर्चित शाहजहाँपुर के पत्रकार जगेन्द्र हत्या कांड को ‘हत्या और आत्म हत्या’ के बीच उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रभावशाली नामजद आरोपी, पुलिस और कुछ मीडिया संस्थान शर्मनाक तरीके से दिवंगत पत्रकार का चरित्र हनन तक करने लगे हैं, जबकि बड़ा कारण हत्या, आत्म हत्या और चरित्र नहीं, बल्कि मृत्यु है। बड़ी बात यह नहीं है, जगेन्द्र मरे कैसे? बड़ी बात यह बात है कि जगेन्द्र मरे क्यों?

सरकार के इशारे पर पत्रकार की लाश पर दूकानें खोल दीं बड़े पत्रकारों ने

पत्रकारों की लड़ाई नहीं, पत्रकारिता को कलंकित करने में जुटे हैं बड़े नेता। इन नेता जी की जिम्‍मेदारी मानी जाती है कि वे कम से कम अपनी बिरादरी के लोगों के प्रति थोड़ी संवेदनशीलता और संवेदना रखेंगे और पत्रकारों पर होने वाले अन्‍याय-अत्‍याचार पर अपनी आवाज निकालेंगे। लेकिन खुद को बड़ा पत्रकार मानने-कहलाने वाले यह पत्रकार-अगुआ लोग न सिर्फ इस मसले पर चुप्‍पी साधे हुए हैं, बल्कि जागेन्‍द्र की लाश को खरीदने-बेचने की गुपचुप कवायद में भी जुटे हैं। जागेन्‍द्र सिंह के जिन्‍दा-दाहकाण्‍ड वाले हौलनाक हादसे के बाद इन इस पत्रकार-शिरोमणि ने ठीक वही स्‍टैण्‍ड लिया, जो सरकार के इशारे पर यूपी पुलिस कर रही है। बजाय इसके कि जिन्‍दा जागेन्‍द्र को मौत की नींद सुलाने वाले अपराधियों पर यह पत्रकार-नेता आंदोलन करते और हुंकारें भरते, इन लोगों ने पूरे मामले की आग पर ही पानी फेर दिया। पत्रकारिता को कलंकित करते इन पत्रकारों ने इस मामले में जो करतूत की है, उससे बड़े से बड़ा दलाल भी शरमा जाएगा।

जगेंद्र हत्याकांड : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से सीबीआई जांच की गुजारिश

वाराणसी : सोशल मीडिया जर्नलिस्ट अवनिन्द्र कुमार सिंह ने पत्रकार जगेंद्र सिंह मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल राम नाइक और उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को पत्र लिख कर मांग की है कि सीबीआई जांच कराई जाए, तभी ऐसे क्रूरतम कृत्य की सच्चाई सामने आएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।

जगेंद्र हत्याकांड पर मुख्यमंत्री की हठधर्मिता और शिवपाल का बयान शर्मनाक

शाहजहांपुर : पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत के बाद उनके परिवार के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव से मदद मिलने के बजाय सरकार अपनी हठधर्मिता पर उतारू है। सपा के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह ने जो बयान जगेंद्र की हत्या को लेकर दिया, वह शाहजहांपुर ही नहीं, पूरे देश को शर्मसार करने वाला है। 

महीना वही, मरने वाले का जज्‍़बा वही, मारने वाले की हैवानियत भी वही

उत्‍तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जून 2015 में एक पत्रकार को जिंदा जलाकर मार दिया जाता है। लोगों को पता था कि ऐसा हो सकता है, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। हत्‍या के बाद बेशर्मी की हद देखिए कि पत्रकार बिरादरी ने जगेंद्र को कलमकार मानने से ही इनकार कर दिया। अपनों की बेरुखी एक जुनूनी को ले डूबी। 

बिना जांच कार्रवाई पर अड़े पत्रकारों को यूपी सरकार का ठेंगा …

जाइये, नहीं करते राज्यमंत्री को बर्खास्त, नहीं भेजते जेल… अब जो करना है, मीडिया कर ले। कुछ ऐसे ही भाव थे प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा व सरकार में नम्बर दो के दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के। सोशल मीडिया पर खिलने वाले पत्रकार के मामले में एनडीटीवी वाले रवीश कुमार ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम खुला पत्र लिखा और कहा कि अगर राज्यमंत्री पर कार्रवाई करें तो संबंधित पत्र के साथ मेरा पत्र नत्थी कर दें। 

जगेंद्र हत्याकांड पर पीएम, सीएम से बात करेंगे राज्यपाल, अखिलेश अपनो की करतूत से विचलित

यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने पत्रकार जगेंद्र सिंह के परिजनों को भरोसा दिया है कि वह घटना की विश्वसनीय जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करेंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बहराइच में गत दिवस संकेतों में कहा कि हमारी सरकार के कुछ लोग गलत काम कर रहे हैं। उधर, जगेंद्र सिंह का परिवार पिछले कई दिनो से धरने पर बैठा है लेकिन आरोपी मंत्री के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूरे घटनाक्रम पर रिपोर्ट तलब कर ली है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 24 जून को होगी।

जगेन्द्र हत्याकांड पर लखनऊ में पत्रकार संगठन ऐसे खामोश क्यों?

पूरे उत्तर प्रदेश में, लगभग हर जनपद में पत्रकार संगठन मौत के घाट उतारे गए पत्रकार जगेन्द्र सिंह के परिवार का साथ दे रहे हैं तथा आन्दोलनरत हैं, परन्तु लखनऊ के कई पत्रकार संगठन बिलकुल मौन हैं। सहायता करना तो दूर, यहां तक कि जगेन्द्र सिंह में ही कमियां गिनाते फिर रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि पति/पिता की मृत्यु का दर्द उसकी निर्बल विधवा तथा अनाथ हुए बच्चे ही जान सकते हैं और आज उत्तर प्रदेश के माहौल में यह दिन किसी अन्य का भी आ सकता है। पिछले दस दिनों में तीन पत्रकारों पर हमले हुए हैं, यह अच्छा संकेत नहीं है।

जगेंद्र सिंह : पत्रकारों के लिए सबक, पत्रकारिता के लिए आदर्श

लगभग दो-ढाई वर्ष पुरानी बात होगी. फेसबुक पर किसी ने एक समाचार का लिंक शेयर किया कि काकोरी कांड के अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पौत्रवधू की झोपड़ी गाँव के दबंगों ने जला दी है. कड़कड़ाती सर्दी में खुले आसमान के नीचे शहीद के वंशज रात गुजारने को मजबूर हैं . समाचार पढ़कर धक्का लगा . समाचार का स्रोत थे शाहजहांपुर समाचार के नाम से फेसबुक पर सक्रिय जगेन्द्र सिंह . मैं उन दिनों किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम के संयोजन में व्यस्त था पर मैंने सोशल मीडिया पर मुहिम चलायी और मेरी उस मुहिम में जगेन्द्रसिंह, सिराज फैसल खान, अमित त्यागी,  भारतीय वायुसेना में वरिष्ठ अधिकारी श्रीकांत मिश्र कान्त आदि जुड़े. 

झारखंड में पत्रकारों का धरना, जगेंद्र के परिजनों को 50 लाख देने की मांग

कोडरमा (झारखण्ड) : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या को लेकर कोडरमा जिले के पत्रकारों ने समाहरणालय परिसर में सांकेतिक धरना दिया। इसके पहले सूचना भवन स्थित पत्रकार सदन में पत्रकारों ने शोक सभा भी की और पत्रकार जगेन्द्र सिंह की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। धरना प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने गजेन्द्र की हत्या के आरोपी मंत्री राममूर्ति वर्मा और पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर उन्हें जेल भेजने, मृतक पत्रकार के परिजनों को 50 लाख रुपया मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। 

शोक सभा और धरना में शामिल पत्रकार

जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ सड़क पर उतरे जौनपुर के पत्रकार, धरना-प्रदर्शन

जौनपुर : जनपद के पत्रकारों ने शाहजहांपुर के साथी जगेन्द्र सिंह की गत दिवस की गयी निर्मम हत्या के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जहां पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में घूमकर प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं पुतला फूंकने के बाद मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट धर्मेन्द्र सिंह को सौंपा। 

 

जौनपुर कलेक्ट्रेट में धरना-सभा को सम्बोधित करते वरिष्ठ पत्रकार कैलाशनाथ : छाया-कुमार कमलेश

जगेन्द्र सिंह हत्याकांड पर हाईकोर्ट का आदेश, प्रदेश सरकार 24 जून तक प्रगति रिपोर्ट सौंपे

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता को पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या के मामले में चल रही जांच प्रगति के बारे में 24 जून तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति श्रीनारायण शुक्ल और न्यायमूर्ति प्रत्यूष कुमार की अवकाश कालीन पीठ ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया. यह याचिका ‘‘वी द पीपुल’’ नामक सामाजिक संगठन के महासचिव प्रिंस लेनिन की तरफ से दाखिल की गयी है. इस याचिका में उन्होंने अदालत से जगेन्द्र सिंह की कथित हत्या की जांच सीबीआई को सौंपने तथा मृतक पत्रकार के परिजनों को समुचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार को आदेश देने का आग्रह किया है.

इस बहस का क्‍या मतलब क‍ि जगेन्‍द्र ने आत्‍मदाह किया या उसे फूंका गया!

Kumar Sauvir : अब इस बहस का क्‍या मतलब क‍ि शाहजहांपुर के पत्रकार जागेन्‍द्र सिंह ने आत्‍मदाह किया, या फिर उसे फूंक डाला गया था। खास तौर पर तब, जबकि बुरी तरह झुलसे जागेन्‍द्र ने लखनऊ के सिविल अस्‍पताल में अपना जो मृत्‍यु-पूर्व बयान कई लोगों के मोबाइल पर दर्ज कराया था, उसमें उसने साफ-साफ कहा था कि उसे जिन्‍दा फूंकने की कोशिश की गयी थी। मगर अब इस काण्‍ड को दबाने और उन्‍हें दोषियों को जेल भेजने की कवायद करने के बजाय, जो लोग इस मामले का खुलासा करने में जुटे हैं, उन्‍हें सपा-विरोधी मानसिकता से ग्रसित होने का आरोप लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं, शाहजहांपुर और बरेली से लेकर लखनऊ तक पत्रकारों का एक खेमा इस मामले पर पुलिस और प्रशासन की दलाल-बैसाखी बन कर बाकायदा खुलेआम पैरवी में जुटा हुआ है। इन लोगों का मकसद सिर्फ यह है कि इस बर्बर दाह-काण्‍ड पर राख डालने की कोशिश की जाए। इसके लिए नये-नये तरीके-तर्क बुने जा रहे हैं।

पत्रकार जगेंद्र के हत्यारे मंत्री की गिरफ्तारी न होने पर बनारस में प्रोटेस्ट मार्च और हस्ताक्षर अभियान

वाराणसी। ‘इस समय आदमी के लिए सबसे बड़ा अपराध है, निरपराध होना, जो निरपराध होंगे मारे जायेंगे?’ सोचने पर विवश करने वाली कविता के इन पंक्तियों के साथ शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह के हत्या के विरोध में मंगलवार की शाम शहर के पत्रकारों, रंगकर्मियों, अध्यापकों, बुद्धिजीवियों ने संयुक्त रूप से दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क से लहुराबीर स्थित शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क तक ‘वक्त नहीं चुप रहने का’ विरोध मार्च निकाल कर हस्ताक्षर अभियान चलाया।

ये तीन वीडियो अखिलेश, मुलायम, रामगोपाल और शिवपाल के लिए हैं… जाग जाइए वरना जनता का श्राप लगेगा…

(यूपी के शाहजहांपुर जिले के पत्रकार जगेंद्र के हत्यारे मंत्री को बर्खास्त कराने और जेल भिजवाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर मीडियाकर्मियों के प्रदर्शन का एक दृश्य)


Yashwant Singh : नीचे दिए गए तीन वीडियो खासकर अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव के लिए हैं जिनके आंखों पर सत्ता का नशा चढ़ा हुआ है, जिनके चेहरे पर ताकत का अहंकार पुता हुआ है, जिनके चाल-ढाल में अमरता की अदा लिपटी हुई है, जिनके बयानों में नश्वरता का नक्शा खिंचा होता है. इनके हाथ में यूपी की सत्ता क्या आ गई है, जैसे ये मनुष्येतर हो गए हैं. जैसे ये अपने आप में हर शख्स के भाग्य नियंता हो गए हैं, जिनको चाहेंगे जीने का हक देंगे, जिनको चाहेंगे जिंदा जलवा डालेंगे. ऐसी सोच समझ वाले अहंकारियों का संपूर्ण नाश होता है एक न एक दिन.

लखनऊ के पत्रकारों की जुबान खामोश क्यों है?

(यूपी के शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ दिल्ली में जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन की एक तस्वीर. वरिष्ठ पत्रकार रुबी अरुण समेत कई महिला पत्रकारों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.)

Kumar Sauvir : यकीन मानिये कि मुझे कत्‍तई कोई भी जानकारी नहीं है कि आप दलाल-बेईमान हैं या फिर ईमानदार। लेकिन आज मैं दावे के साथ कहना चाहता हूं कि हमारी पूरी की पूरी न सही, लेकिन अधिकांश पत्रकार-बिरादरी सिर्फ दलाली ही करती है। बेईमानी तो इनके रग-रग में रच-बस चुकी है। गौर कीजिए ना कि शाहजहांपुर के जांबाज, लेखनी-सैनानी और जुझारू पत्रकार जागेन्‍द्र सिंह ने सत्‍य-उद्घाटन के लिए अपनी जान दे दी, मगर सत्‍य के सामने सिर नहीं झुकाया। नतीजा, मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर उसके पालतू पुलिस कोतवाल, पत्रकार और अपराधियों ने उसे जिन्‍दा फूंक डाला।

दिल्‍ली पहुंची जगेंद्र को इंसाफ दिलाने की मांग, जंतर-मंतर पर पत्रकारों का विशाल प्रदर्शन

: प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा, अभिव्यक्ति की आजादी को सुरक्षा देने की मांग : सपा कार्यालय ने नहीं स्वीकार किया ज्ञापन, कहा लखनऊ जाओ : नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों और शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह की नृशंस हत्या के विरोध में सोमवार को दिल्‍ली जंतर-मंतर पर करीब दो सौ पत्रकारों ने प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पत्रकारों ने उत्‍तर प्रदेश  सरकार और केंद्र सरकार से मांग की कि पत्रकारों पर हो रहे राजनीतिक हमलों पर लगाम लगाई जाए और जगेंद्र सिंह हत्याकांड के दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो. वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों ने एक स्वर में कहा कि लोकतंत्र में असहमति की आवाजों को दबाने की ऐसी कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. प्रदर्शन के बाद पत्रकारों की ओर से उनकी सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आजादी को सुनिश्चित करने को लेकर एक ज्ञापन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को सौंपा गया जबकि समाजवादी पार्टी के कार्यालय में मौजूद अधिकारियों ने ज्ञापन स्वीकार करने से इनकार कर दिया और ज्ञापन सौंपने गए पत्रकारों से कहा कि ज्ञापन सौंपना है तो लखनऊ जाओ.

हत्यारे मंत्री को हटाए जाने तक अखिलेश सरकार का कवरेज न करें मीडियाकर्मी

Mukesh Yadav : जंतर मंतर पर प्रदर्शन के साथ साथ यह निर्णय भी हो ही जाना चाहिए कि जब तक जगेंद्र का हत्यारोपित यूपी सरकार का मंत्री हटा नहीं दिया जाता, कोई भी मीडिया माध्यम अखिलेश यादव सरकार की कवरेज नहीं करेगा। इसके लिए तमाम मीडिया संगठनों पर दबाव बनाया जाए। साथ ही वेस्टेड इंटरेस्ट वाले एडिटर्स गिल्ड और एनबीए को बाध्य किया जाए कि वे जगेंद्र प्रकरण में शामिल उक्त मंत्री के हटने तक यूपी सरकार की कवरेज रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी करें। क्योंकि ध्यान रहे अखिलेश सरकार तो हर रोज अपनी विदाई की पटकथा खुद ही लिख रही है। इस पटकथा को सूबे की पीड़ित जनता जल्दी ही साकार कर देगी। लेकिन ये लालची मीडिया संगठन, जिनके लिए पत्रकारों की सुरक्षा कोई मुद्दा ही नहीं है, कहीं नहीं जाने वाले। इसलिए इन्हें एक्सपोज करने का भी यह एक उचित अवसर है। इस क्रूर व्यवस्था में, जहाँ सच के लिए कोई जगह ही नहीं है, अगर आज इतना भी हो जाए तो एक उम्मीद बंधती है! बाकि इस भ्रष्ट सिस्टम में सत्य के दीवानों के लिए जगेंद्र होना ही नियति है।

साहसी और बेबाक पत्रकार जगेंद्र की यही खासियत उन्हें उनके बलिदान की वजह बनी…

Arvind Pathik : लगभग दो ढाई वर्ष पुरानी बात होगी. फेसबुक पर किसी ने एक समाचार का लिंक शेयर किया कि काकोरी कांड के अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पौत्रवधु की झोपडी गाँव के दबंगों ने जला दी है. कड़कड़ाती सर्दी में खुले आसमान के नीचे शहीद के वंशज रात गुजारने को मजबूर हैं. समाचार पढकर धक्का लगा. समाचार का स्रोत थे ‘शाहजहांपुर समाचार’ के नाम से फेसबुक पर सक्रिय जगेन्द्र सिह. मैं उन दिनों किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम के संयोजन में व्यस्त था पर मैंने सोशल मीडिया पर मुहिम चलायी और मेरी उस मुहिम में जगेन्द्र सिंह, सिराज फैसल खान, अमित त्यागी, भारतीय वायुसेना में वरिष्ठ अधिकारी श्रीकांत मिश्र ‘कान्त’ आदि जुड़े.

जगेंद्र हत्याकांड : 19 जून को दिल्ली चलो, मुलायम के बंगले पर होगा विरोध प्रदर्शन

(पत्रकार जगेंद्र के हत्यारे मंत्री को बर्खास्त करने और जेल भेजने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन को संबोधित करते प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव नदीम अहमद काजमी)

पत्रकार जगेंद्र सिंह को जलाकर मार दिए जाने के कुकृत्य के खिलाफ पूरे देश में उबाल है. दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रदर्शन के बाद अब तय किया गया है कि 19 जून को शाम पांच बजे से प्रेस क्लब आफ इंडिया में एक बैठक का आयोजन किया जाएगा. इस बैठक के बाद एक विरोध मार्च निकाला जाएगा जो मुलायम सिंह यादव के दिल्ली स्थित आवास तक जाएगा.

जगेन्द्र हत्याकांड की जांच में आई PCI टीम के गठन पर सवाल उठे

लखनऊ : जगेन्द्र सिंह हत्याकांड की जांच में आई PCI (प्रेस काउंसिल आफ इंडिया) की टीम के गठन पर ही सवाल उठ रहे हैं. इसके एक सदस्य है रिटायर्ड फोटोग्राफर एस एन सिन्हा जिनकी अध्यक्षता वाली इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन ने डेढ़ वर्ष पूर्व शाहजहांपुर में अपना सम्मलेन कराया था. इसमें अभियुक्त मंत्री राम मूर्ति वर्मा ने सहायता और शिरकत करी थी. दूसरी सदस्य सुमन गुप्ता हैं, जो दैनिक जनमोर्चा से जुड़ी हैं.

धरनास्थल पर ही बेहोश होकर गिर पड़ीं जगेंद्र सिंह की पत्नी सुमन

शाहजहांपुर (उ.प्र.) के पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड के आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा और आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सपरिवार धरने पर बैठीं सुमन धरना स्थल पर ही बेहोश होकर गिर पड़ीं। आनन-फानन में पास के डॉक्टरो की टीम बुलाकर उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया गया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। पल्स रेट डाऊन होने से उनकी हालत बिगड़ गई। डॉक्टर ने अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन परिवारवाले राजी नहीं हुए और धरनास्थल पर ही इलाज करने की जिद पर अड़े रहे। उधर, मंत्री के विरोधी एवं सपा से निष्कासित पूर्व विधायक और देवेंद्र पाल सिंह भी धरने पर बैठ गए हैं।

जगेंद्र हत्याकांड के विरोध में बदायूं के पत्रकारों ने किया धरना-प्रदर्शन

बदायूं : मालवीय आवास गृह पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर पत्रकारों ने पहले शाहजहांपुर निवासी पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या पर गुस्से का इजहार किया, फिर प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने जगेंद्र हत्या कांड को बड़ी खबर के रूप में छापा

विश्व के सबसे प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार ‘द न्यूयार्क टाइम्स’ ने जगेंद्र सिंह हत्याकांड पर विस्तार से समाचार प्रकाशित किया है। समाचार अंग्रेजी में पढ़ें –

जगेंद्र का पूरा परिवार धरने पर बैठा, शिवपाल ने कहा – जांच पूरी होने से पहले मंत्री को नहीं हटाएंगे

लखनऊ : कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव से शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जलाकर मार डालने के आरोपी पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को हटाये जाने की सम्भावना के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जांच पूरी हुए बगैर किसी भी मंत्री को नहीं हटाया जाएगा। उधर न्याय पाने के लिए पत्रकार जगेंद्र सिंह का पूरा परिवार धरने पर बैठ गया है। 

जगेंद्र को फूंकने में नेता, अपराधी, पुलिस और पत्रकार की साजिश

मृत्‍योपरान्‍त किसी व्‍यक्ति को वास्‍तविक पहचान दिलाते हुए शहीद के तौर पर सम्‍मानित करना और अपने पापों का सार्वजनिक क्षमा-याचना करते हुए पश्‍चाताप करना बड़ी बात माना जाती है। इतिहास तो ऐसे मामलों से भरा पड़ा हुआ है, जब सरकार या किसी समुदाय ने किसी को मार डाला, लेकिन बाद में उसके लिए माफी मांग ली। ठीक ऐसा ही मामला है शाहजहांपुर के जांबाज शहीद पत्रकार जागेन्‍द्र सिंह और उसके प्रति मीडिया के नजरिये का। इसी मीडिया ने पहले तो उसे ब्‍लैकमेलर और अपराध के तौर पर पेश किया था। फेसबुक आदि सोशल साइट पर अपना पेज बना कर खबरों की दुनिया में हंगामा करने वाले जागेन्‍द्र सिंह को शाहजहांपुर से लेकर बरेली और लखनऊ-दिल्‍ली तक की मीडिया ने उसे पत्रकार मानने से ही इनकार कर लिया था। लेकिन जब इस मामले ने तूल पकड़ लिया, तो मीडिया ने जागेन्‍द्र सिह को पत्रकार के तौर पर सम्‍बोधन दे दिया।

सड़क पर उतरे गोंडा के पत्रकार, मौन जुलूस, कलेक्ट्रेट में धरना

गोंडा (उ.प्र.) : शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह हत्याकांड के विरोध में रविवार को यहां के पत्रकारों ने मौन जुलूस निकालकर कलक्ट्रेट में धरना दिया। पत्रकारों ने जगेंद्र को जलाकर मार डालने की साजिश रचने वाले राज्य सरकार के मंत्री राम मूर्ति वर्मा को मंत्रिपरिषद से तत्काल बर्खास्त करने, घटना की सीबीआइ से जांच, निलम्बित पुलिस कर्मियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजने तथा मृतक पत्रकार के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। पत्रकारों ने तय किया कि पीड़ित परिवार को गोंडा से आर्थिक सहायता भी भेजी जाएगी। 

जगेंद्र हत्याकांड के विरोध में गोंडा में जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट की ओर जाते पत्रकार 

जगेंद्र की हत्या से हाथरस के पत्रकारों में रोष, मंत्री पर कार्रवाई के लिए ज्ञापन

हाथरस : शहजहांपुर में पत्रकार जगेन्द्र सिंह की जलाकर हत्या किये जाने से स्थानीय मीडियाकर्मियों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रविवार को प्रेस क्लब सिकंदराराऊ द्वारा उपजिलाधिकारी एनपी पाण्डेय को प्रदेश के राज्यपाल के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही तथा पीड़ित परिवार को 25 लाख रूपये मुआवजा दिये जाने की मांग की गई। पत्रकारों ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया।

जगेंद्र हत्याकांड के विरोध में ज्ञापन देते हाथरस के पत्रकार

युवती की लाश से बरसे 40 लाख के नोट और फूंक डाला गया जगेन्‍द्र

बहुत दिलचस्‍प है शाहजहांपुर में नेता-पुलिस-अपराधी-पत्रकार गठजोड़। लाखों की रकम खुद डकार लेना चाहते थे चुनिन्‍दा नेता-पत्रकार। शाहजहांपुर में तीन पत्रकारों का एक गुट बन गया था। जागेन्‍द्र सिंह, अमित भदौरिया और राजू मिश्र। यह करीब चार साल पहले की बात है। इनमें सबसे ज्‍यादा तेज-तर्रार था जागेन्‍द्र। खुटार के मूलत: जागेन्‍द्र को पत्रकार की दुनिया में सबसे पहले अमर उजाला के प्रभारी अरूण पाराशरी ने प्रवेश कराया था। 

शाहजहाँपुर की डीएम ने कहा – जगेन्द्र के घर जाने से विवादित हो जाऊंगी

कल आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर तथा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने पत्रकार जगेन्द्र सिंह के गाँव खुटार जा कर उनके परिवार वालों से मिल कर मौजूदा स्थिति, विवेचना और उनकी सुरक्षा के बारे में जानकारी ली. स्थितियों पर उन्होंने पूरी तरह असंतोष जाहिर करते हुए मुआवज़े और घटना की सीबीआई जांच की मांग की. 

जगेंद्र की मौत से सुलगते सवाल : दुनिया के हक की बात करने वालो अपने हक के लिये आवाज बुलंद कब करोगे?

प्रजातांत्रिक भारत का सिस्टम भी अजब—गजब है। देश की राजधानी दिल्ली की सरकार में एक मंत्री की डिग्री फेक होने के कारण उन्हें जेल में डाला गया है और पूछताछ जारी है तो दूसरी तरफ उत्तरप्रदेश की सरकार है,​जिसमें उसके एक मंत्री और के गुर्गों द्वारा एक पत्रकार को जिंदा जला दिया गया उसकी मौत हो गई आरोप साबित हैं सबकी आंखों के सामने फिर भी समाजवादी सरकार के नेता कहते हैं क्या ए​फआईआर दर्ज होने से कोई आरोपी साबित हो जाता है। 

हम शर्मिन्दा हैं लेकिन हमें शर्म नहीं आती

सुनते आये हैं जो आया है वो जाएगा भी। सभी को जाना है लेकिन किस तरह से ? क्षमा करेंगे, एक और चला गया, पहले भी कई गए हैं। एकता के नारे लगाये जा रहे हैं। हक़ और बदले की भी बातें हो रहीं। कोई कम तो कोई ज्यादा आक्रमक भी है, जमात के लोग अपने अपने अंदाज में अपने अपने झंडे भी बुलंद कर रहे हैं। परिणाम की सुधि किसे है, ये बड़ा प्रश्न हो सकता है।

पत्रकार जगेंद्र सिंह के हत्यारोपी इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित, विभागीय जांच भी शुरू

लखनऊ : आईजी कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश ने बताया कि शाहजहांपुर के पत्रकार हत्याकांड में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। तफ्तीश में तेजी से जुटी पुलिस फिलहाल मंत्री राममूर्ति वर्मा से पूछताछ नहीं करेगी। जांच में अगर सुबूत और साक्ष्य मिले तभी पूछताछ होगी।

पत्रकार जगेन्द्र की हत्या की हो सीबीआई जांच-आइपीएफ

लखनऊ : शाहजंहापुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह की जिंदा जलाकर हत्या कर दिए जाने पर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने गहरा दुख व्यक्त किया है। आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अजेय नहीं है और उसे जनमत का सम्मान करना चाहिए। यह अफसोसनाक है कि पत्रकार की हत्या के इतने दिन बीत जाने के बाद भी पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा को सरकार अपने मंत्रिमण्डल में बनाए हुए है और जिन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज है, उन्हें निलंम्बित तक नहीं किया गया है।

जगेंद्र सिंह की वक्त पर मदद न कर पाने के लिए मैं गुनहगार, लखनऊ के पत्रकार शर्मसार : के. विक्रम राव

मैं खुद को गुनेहगार मान रहा हूँ, क्योंकि मै “जगेन्द्र सिंह” की समय पर सहायता नहीं कर पाया। यह बात अलग है कि मैं लखनऊ के बाहर था, पर वह कोई उचित तर्क नहीं हो सकता। सात दिनों तक लखनऊ के अस्पताल में शाहजहाँपुर का एक खोजी पत्रकार जगेन्द्र सिंह ज़िन्दगी से जूझता रहा, उसके घर में घुस कर जलाने वाले आज़ाद हैं। सिर्फ इसलिए की एक राज्यमंत्री की दबंगई थी। जगेन्द्र सिंह घोटोलो का भंडाफोड़ करता रहा।

जगेंद्र हत्याकांड पर मेरठ के पत्रकार गुस्से में, काली पट्टी बांधकर सत्याग्रह

मेरठ : यहां के पत्रकारों में शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या से जबरदस्त गुस्सा है। पत्रकारों का सत्याग्रह शुरू हो गया है। इसी क्रम में शुक्रवार 12जून को पूर्वाह्न 11 बजे शहर के लगभग सभी प्रमुख पत्रकार और मीडियाकर्मचारी जिला कलेक्ट्रेट में जुटे। 

जगेंद्र के लिए इंसाफ की लड़ाई जारी, शाहजहांपुर में कैंडल मार्च

शाहजहांपुर (उ.प्र.) : ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन शाहजहांपुर के आह्वान पर जगेन्‍द्र सिंह के परिजनों को न्‍याय, दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा, जगेन्‍द्र सिंह के बच्‍चों के लिये शासन से 50 लाख रूपये का मुआवजा, एक बेटे या बेटी को नौकरी दिलाने की मांग करते हुए पत्रकारों ने कैंडिल जुलूस निकाला। 

जांबाज पत्रकार जागेन्‍द्र को अपराधी के तौर पर पेश करने की कवायद

वो सफेद झूठ बोल रहे हैं, जो कह रहे हैं कि जागेन्‍द्र सिंह का धन्‍धा उगाही, वसूली और रंगदारी ही था। सच बात तो यह है कि शाहजहांपुर की ही पुलिस ने उसके ऊपर लगे एक मुकदमे में उसे पूरी तरह निर्दोष पाया था। लेकिन इस तथ्‍य के बावजूद चंद पुलिस और अपराधियों द्वारा पेट्रोल डाल कर सरेआम फूंक डाले गये शाहजहांपुर के जांबाज पत्रकार जागेन्‍द्र सिंह को अब ब्‍लैकमेलर, उगाही करने वाला और रंगदारी वसूली करने वाले अपराधी के तौर पर पेश करने की कवायद चल रही है। मकसद यह कि किसी न किसी तरीके से इस मामले पर मंत्री राममूर्ति वर्मा की खाल बचा ली जाए। उधर पता चला है कि समाजवादी पार्टी ने अपने एक स्‍थानीय नेता और ददरौल से विधानसभा चुनाव लड़ चुके देवेन्‍द्र पाल को पार्टी से बर्खास्‍त कर दिया है।

शाहजहांपुर पहुंचे पत्रकार कुमार सौवीर, पढ़िए उनकी लाइव रिपोर्ट : अपराधी सत्ता, नपुंसक पुलिस, बेशर्म पत्रकार…

Kumar Sauvir : बेशर्मी की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं शाहजहांपुर के पत्रकारों ने। जो पत्रकार था, उसे पत्रकार मानने से तैयार नहीं थी यह पत्रकार-बिरादरी और जो पत्रकार नहीं हैं, उन्‍हें जबरिया पत्रकार का तमगा देने पर आमादा थे यही लोग। पत्रकारिता के नाम पर कलंक बने इन्‍हीं हत्‍यारेनुमा पत्रकारों ने पुलिस, अफसर, नेता और मन्‍त्री की चौकड़ी तैयार कर ऐसा जाल बुन डाला, जिस शिकंजे में जागेन्‍द्र सिंह को जकड़ लिया गया और दिन-दहाड़े उसे पेट्रोल डाल कर जिन्‍दा फूंक दिया गया। इतना ही नहीं, जागेन्‍द्र सिंह की मौत के बाद अब इन्‍हीं पत्रकारों ने उसके नाम पर मर्सिया भी पढ़ना शुरू कर दिया है। हैरत की बात है कि जागेन्‍द्र सिंह की हत्‍या के बाद जिले के एक भी अधिकारी ने जागेन्‍द्र के घर जाने की जहमत नहीं फरमायी, लेकिन मूल कारणों को खोजना-विश्‍लेषण करने के बजाय अब इन्‍हीं पत्रकारों की टोलियां अब जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक और यहां के नेताओं की ओर से प्रतिनिधिमण्‍डल बना कर जागेन्‍द्र सिंह के घर पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं, यही पत्रकार अब इन अफसरों-नेताओं की ओर से आश्‍वासन तक दे रहे हैं कि जागेन्‍द्र की पत्‍नी को अनुग्रह दिलाया जाएगा, पीडि़त परिवार को मकान दिया जाएगा, उसे जमीन मुहैया करायी जाएगी और आश्रित लोगों को सरकारी नौकरी दिलायी जाएगी।

पत्रकारों को इंसाफ चाहिए, राज्यपाल से गुहार, ज्वॉइंट कमिश्नर को ज्ञापन

अलीगढ़ : पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड के विरोध में मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति ने अध्यक्ष सुबोध सुहृद के नेतृत्व में बुधवार को राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन कमिश्नरी पर ज्वांइट कमिश्नर राजाराम को दिया। ज्ञापन में समिति के पदाधिकारियों ने मांग की कि प्रदेश में हो रहे पत्रकारों के उत्पीड़न को रोकने के लिए एक संस्था का गठन किया जाना चाहिए और मृत पत्रकार जगेन्द्र सिंह के परिवारीजनों को मुआवजा व आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 

जगेंद्र सिंह हत्याकांड के विरोध में ज्वॉइंट कमिश्नर को ज्ञापन देते अलीगढ़ के पत्रकार

जब मीडिया मालिकों ने यशवंत को जेल भिजवाया था, तभी मैंने आगाह कर दिया था….

Palash Biswas : शाहजहांपुर में सोशल मीडिया के पत्रकार को मंत्री के गुर्गों और पुलिसे के द्वारा उसके घर में जिन्दा जला कर मार देने की घटना रौंगटे खड़ा कर देने वाली हैl साथ ही यह उत्तर प्रदेश कि सरकार के साथ साथ प्रदेश के पत्रकारों के चरित्र को भी उजागर करती हैl साथियों, याद करें जब मजीठिया की लड़ाई में पत्रकारों की अगुवाई करने वाले भड़ास के यशवंत को मालिकों की रंजिश की वजह से जेलयात्रा करनी पड़ी, तो हमने सभी साथियों से आग्रह किया था कि हमें एकजुट होकर अपने साथियों पर होने वाले हमले के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। हम शुरू से पत्रकारिता के मूल्यों की रक्षा के लिए निरंतर वैकल्पिक मीडिया के हक में लामबंदी की अपील करते रहे हैं। हम लामबंद होते तो हमारे साथी रोज-रोज मारे नहीं जाते।

जगेंद्र हत्याकांड पर कई राज्यों की पत्रकार यूनियनों में रोष, आरोपियों की गिरफ्तारी पर जोर

उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने शाहजहाँपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या के दोषियों की अविलंम्ब गिरफ़्तारी की मांग करते हुए मृतक के परिजनों को 25 लाख की आर्थिक सहायता की मांग की है । यूनियन अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने एक बयान जारी कर इस मामले में दर्ज एफआईआर में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त  से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है । आईएफडब्लूजे के सेक्रेटरी (दक्षिण) क़ादरख़ान असदुल्लाह ने बताया कि तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र  प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों में हुई शोक सभाओं में पत्रकारों ने घटना पर गुस्सा जताते हुए तुरंत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

जगेंद्र हत्याकांड से यूपी के पत्रकारों में रोष, सीबीआई जांच की मांग

गाजीपुर (उ.प्र.) : शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड पर यहां विरोध प्रकट करते हुए पत्रकारों ने कचहरी कैम्प कार्यालय पर शोकसभा की। बैठक में पत्रकारों ने इसे चौथे स्तम्भ पर करारा आघात करार दिया। पत्रकारों ने राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा और कोतवाल श्रीप्रकाश राय के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की मांग के साथ ही घटना की जांच सीबीआई से कराने, परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने, नौकरी के साथ 50 लाख रूपये का मुआवजा एवं जगेंद्र के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिए जाने की मांग की है। 

जगेंद्र हत्याकांड के विरोध में प्रभारी जिलाधिकारी को ज्ञापन देते गाजीपुर के पत्रकार

हत्या की रिपोर्ट से तिलमिलाए मंत्री की पत्रकारों को धमकियां !

वाराणसी : शाहजहाँपुर के सोशल मीडिया पत्रकार जोगेन्द्र सिंह प्रकरण में सरकार की सच्चाई और मंत्री की मनमानी खुल कर सामने आ गई है। अब समाजवादी पार्टी के नेता पत्रकारों को गालियां देने लगे हैं और मंत्री धमकियां दिलवा रहा है। लखनऊ प्रेस क्लब में कल मीटिंग कर पत्रकारों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आगाह कर दिया है कि सरकार इस हरकत को नहीं रोकती तो कीमत चुकानी पड़ेगी। 

एक श्रद्धा पुष्प जगेंद्र के नाम

कुछ क्रूर भेड़िए सफेदपोश का लबादा ओढ़े समाज में छिपे बैठे हैं उन्हें चेतावनी ? तुम सुधर जाओ हमारी कलम कब तक तोड़ोगे एक जुगेन्द्र को जिंदा जला कर मार डाला चुनौती तुम्हारे गुनाहों पर पर्दा नहीं डाल सकेगा हम सभी खबरनबीसों को शूली पर चढ़ा दो तब भी कितनी मांओं की कोख से और …

जगेंद्र हत्याकांड : जांच में सबसे बड़ा रोड़ा सत्ता की खाल में छिपे दलाल पत्रकार

उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव की सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा, कोतवाल श्रीप्रकाश राय और मंत्री के चार अन्य गुर्गों के खिलाफ पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिंदा जलाकर मारने के मामले में खुटार थाने में रिपोर्ट दर्ज तो दर्ज हो गई, अब देखिए इस मामले का अंत किस तरह होता है। चाहिए तो था कि हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही मंत्री को सरकार से बाहर कर दिया जाता, और उसके बाद जांच अमिताभ ठाकुर जैसे किसी ईमानदार आईपीएस से कराई जाती। लेकिन ऐसा कहां संभव है। मंत्री हत्यारोपी है, उस पर और भी कई मामले पहले से सुर्खियों में हैं। हकीकत है कि सब हाथीदांत जैसा चलता लग रहा है। जब सारे छंटे-छंटाए सियासत के टीलों पर सुस्ता रहे हैं, जिसकी नकाब हटाओ, वही अपराधियों के सरगना जैसा, तो फिर ऐसी जांच की संभावना कहां बचती है। 

 

जलाए गए पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत के साक्ष्य देंगे अमिताभ ठाकुर

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने शाहजहाँपुर निवासी सोशल मीडिया पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत के बाद दर्ज किये गए एफआईआर को देर से उठाया गया कदम बताया है और इस बात पर कष्ट व्यक्त किया है कि जगेन्द्र के जीते जी उनका मुक़दमा दर्ज नहीं हुआ.

पत्रकार जगेंद्र के पिता ने कहा- मंत्री और पुलिस ने मेरे बेटे को मार डाला, अब जांच क्राइम ब्रांच के हवाले

खुटार (शाहजहांपुर)। पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत के बाद उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उनके बुजुर्ग पिता सुमेर सिंह ने मंत्री राममूर्ति वर्मा और षडयंत्रकारी पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल न भेजने पर सपरिवार डीएम कार्यालय पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि मंत्री और पुलिस ने मिलकर उनके बेटे को मार डाला है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की है। 

दलाल पत्रकारों की साजिश में एक और पत्रकार की बलि

दलाल पत्रकारों की साजिस के चलते शाहजहांपुर में एक जांबाज पत्रकार जगेन्द्र भ्रष्ट मंत्री और भ्रष्ट पुलिस की साजिश का शिकार होकर दम तोड़ दिया  22 मई को सूबे के वरिष्ठ अधिकारियों को भेंजे पत्र में जता दी थी अपनी हत्या की आशंका। मंत्री के इशारे पर पुलिस ने रची जलाने की साजिश, अब इस पूरे मामले में सरकार मौन क्यों है?

भ्रष्टाचार की भेट चढ़े पत्रकार की मौत पर आईपीएस अमिताभ ने जांच की मांग उठाई

शाहजहाँपुर निवासी सोशल मीडिया पत्रकार जगेन्द्र सिंह, जो 01 जून 2015 को दिन में अपने आवास विकास कॉलोनी, सदर बाज़ार स्थित मकान में सदर कोतवाल श्रीप्रकाश राय द्वारा दी गयी दबिश के दौरान आग लगने से लगभग 60 फीसदी जल गए थे, की आज सिविल अस्पताल, लखनऊ में मौत हो गयी.

घटना से चिंतित जगेंद्र सिंह के परिजन

जागेंद्र प्रकरण : काली पट्टी बांधकर पत्रकारों का धरना-प्रदर्शन, कोतवाल लाइन हाजिर

शाहजहांपुर (उ.प्र.) : जागेंद्र सिंह आत्मदाह प्रकरण से क्षुब्ध पत्रकारों ने काली पट्टियां बांधकर ऑल प्रेस एवं राइटर्स एसोसिएशन के बैनर तले कलक्ट्रेट में प्रदर्शन और डीएम, एसपी से वार्ता न हो पाने पर दो घंटे तक धरना भी दिया। आखिरकार पत्रकारों के पांच सदस्यीय शिष्टमंडल से विकास भवन के फर्स्ट फ्लोर पर वार्ता करते हुए जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने ज्ञापन लेने के साथ ही आश्वासन दिया कि जगेंद्र का बेहतर इलाज कराया जाएगा और जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। इस बीच एसपी बबलू कुमार ने इसी मामले में कोतवाल श्रीप्रकाश राय को लाइन हाजिर कर दिया है।