तकरीबन दो दशक से हैदराबाद से चलने वाला चैनल ईटीवी UP/UK बाद में न्यूज़ 18 UP/UK बन गया. वो मैनेजमेंट बदलने के बाद यानि अमिश देवगन जी के हाथ में चैनल की जिम्मेदारी जाने के बाद से पतन की ओर है. इसकी वजह अमिश देवगन के साथ साथ उन्हीं की सिफारिश पर चैनल में पहुंचे कई संपादक हैं.
दरअसल चैनल को 2020 की शुरुआत में नोएडा सेक्टर 57 शिफ्ट किया गया. साथ में ईटीवी के वक्त के पुराने कर्मचारी भी हैदराबाद से नोएडा आए. सीनियर एडिटर अरुण पाण्डेय जी ने सभी को हैदराबाद में आश्वस्त किया कि किसी को कोई परेशानी नहीं होगी.
लेकिन जब नोएडा आए तो अमिश देवगन के कुछ चमचों ने चैनल अपने हाथ में ले लिया और मनमर्जी करने लगे. इस दौरान न्यूज 18 में नए आउटपुट हेड की नियुक्ति हुई. यहीं से पुराने कर्मचारियों की नौकरी जाने का सिलसिला शुरू हुआ. एक-एक करके 11-13 लोगों की नौकरी प्रभात पाण्डेय, अमिश देवगन और प्रसून तयाल की तिकड़ी ने मिलकर खा ली.
जिन्हें इस संस्थान के साथ जुड़े हुए आज 17-18 साल हो गए उन्हें भी प्रसून और प्रभात ने नहीं बख्शा और इनकी सिफारिश पर अमिश चिड़िया बिठाकर नौकरी खाता गया.
मानसिक प्रताड़ना का आलम ये था कि कई प्रोड्यूसर जिन्होंने ईटीवी को नंबर वन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी वो मानसिक रूप से बीमार हो गए जिनकी दवाई अब भी चल रही है. लोगों से बदतमीजी से बात किया जाना आम है. सीनियर संपादक अरुण पाण्डेय जी सिर्फ दर्शक की भूमिका में हैं.
कल का एक मामूली प्रोड्यूसर आज अमिश देवगन जी के संरक्षण में न्यूज़ 18up/uk का माई बाप बना बैठा है. शायद ही कोई कर्मचारी हो जो प्रभात और प्रसून के व्यवहार से खुश हो. इन लोगों ने चैनल की टीआरपी को नंबर दो से नंबर चार-पांच तक तो पहुंचाया ही, कर्मचारियों के साथ जबरदस्त दुर्व्यवहार किया. प्रभात पाण्डेय तो कर्मचारियों से ऐसे बात करता है जैसे लोग उसरे व्यक्तिगत नौकर हों.
अमिश देवगन कहने को तो यूपी/यूके, राजस्थान और एमपी/छत्तीसगढ़ चैनल के मैनेजिंग एडिटर हैं लेकिन साल में एकाध बार को छोड़ दिया जाए तो उन्हें न्यूज़ 18 यूपी/यूके के दफ्तर में किसी ने नहीं देखा. उनके केबिन में उनके चमचे ही बैठे मिलते हैं. ये लोग बदलाव के नाम चैनल रिलॉंच कराते हैं, टॉप बैंड की पट्टी बदलकर माहौल बनाने के अलावा इन्होंने न्यूज 18 up में आज तक कुछ नहीं किया. चैनल में बदलाव के नाम पर सिर्फ 2 साल में चैनल को 3 बार रीलॉन्च किया गया है. फील्ड से रिपोर्टर हटाकर नए रिपोर्टर अपने मुताबिक रखे. अपने खास लोगों को दिल्ली एनसीआर में रिपोर्टर बनाया.
भड़ास को मिले एक पत्र पर आधारित. भेजने वाले ने नाम पहचान मेल गोपनीय रखने का अनुरोध किया है.
Hhhjjjkk
November 7, 2021 at 3:38 pm
Sahi kiya, jisme kaabiliyat hogi wo new job find kar lega. Aur new editor ko bhi pata chal jaega wo kitne pani mai hai.. Yeh 18 saal ka rona bekar hai, market mai sahi log hai nahi,
amar
November 19, 2021 at 11:04 am
rajasthan me bhi kai yogy logon ki naukri kha chuka hai amish devgan.