टाइम्स आफ इंडिया अखबार, टाइम्स नाऊ चैनल समेत ढेर सारे प्रिंट टीवी वेब माध्यम संचालित करने वाली कंपनी बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड ने भी अपने यहां सोशल मीडिया पालिसी को अपडेट कर लागू कर दिया है. इस पालिसी की ज़द में ग्रुप के सभी चैनल, अखबार और वेब डिवीजन के कर्मी रखे गए हैं. ये पॉलिसी टाइम्स ग्रुप में काम करने वाले सभी लोगों के अलावा रिटेनर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स पर भी लागू होगी।
अपडेटेट पॉलिसी को देखा जाए तो अब यहां भी काम करने वाले पत्रकार एक किस्म के गुलाम बनाए जा चुके हैं जिनका एक एक शब्द सिर्फ कंपनी के लिए और कंपनी हित में निकलेगा.
टाइम्स ग्रुप के एचआर हेड एस. श्रीवत्सन ने सभी कर्मियों को मेल भेज कर इस अपडेटेड सोशल मीडिया पालिसी के बारे में जानकारी दी है. पालिसी में कुल 19 प्वाइंट्स हैं जिसमें क्या करें क्या न करें के बारे में विस्तार से समझाया गया है. जो इस सोशल मीडिया पॉलिसी का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ एक्शन होगा, ये बात भी साफ साफ उल्लखित है.
दंड क्या मिलेगा, ये भी बताया गया है. डिमोशन कर दिया जाएगा. सस्पेंड कर दिया जाएगा. टर्मिनेट कर दिया जाएगा. मतलब सजा बेहद सख्त है. ऐसे में आजाद खायल पत्रकार नौकरी छोड़ देगे जिसकी संभावना कम है क्योंकि बड़े मीडिया संस्थानों में अब आजाद खयाल पत्रकार नहीं बल्कि तेजतर्रार क्लर्क ही पत्रकार का रूप धाकरण कर काम करने लगे हैं.
इस सोशल मीडिया पालिसी में कहा गया है कि कोई भी पत्रकार ऐसा कुछ भी नहीं लिखेगा जिससे विवाद पैदा हो या जो कंपनी/ चैनल्स के विचारों या रिपोर्टिंग के खिलाफ हो. कर्मचारी किसी भी दल से जुड़ाव या किसी दल के पक्ष विपक्ष में कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष पोस्ट /कमेंट नहीं कर सकते.
ये भी कहा गया है कि वे दूसरे मीडिया हाउसों के किसी भी किस्म के कंटेंट को लाइक रीट्वीट फारवर्ड शेयर नहीं कर सकते. कोई कर्मी अगर अपना कोई पोस्ट डालता है तो उसके नीचे स्टार * लगाना होगा ताकि जाहिर हो कि ये कंटेंट किसी तीसरे पक्ष से संबंधित है.
टाइम्स ग्रुप के पत्रकार जो भी लिखेंगे, उसे प्रकाशन का पहला अधिकार टाइम्स ग्रुप का होगा. वे इसे अपने प्रोफाइल/हैंडल पर नहीं डाल सकते.
यही नहीं, कर्मियों को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स के बारे में कंपनी को बताना होगा. साथ ही वे सोशल मीडिया एडिटर की मंजूरी के कोई भी वीडियो आडियो अपलोड नहीं कर सकते.
ज्ञात हो कि इससे पहले आजतक, टीवी9भारतवर्ष समेत कई मीडिया हाउसों ने अपने अपने यहां लगभग इसी किस्म की सोशल मीडिया पालिसी लागू की है.