कृष्णन अय्यर-
श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने 2 दिन पहले जब बोला था कि उन्नाव मौत का शहर बन चुका है और उन्नाव में नदी किनारे सैंकड़ो की संख्या में लाशें दबाई गई है, तब अम्बानी मीडिया ने उनका मजाक उड़ाया था..
आज पूरा अम्बानी मीडिया उन लाशों को ना केवल दिखा रहा है पर मृत व्यक्तियों के परिवारो को ढूंढ भी रहा है..मौत का मजाक बनाने वाली मीडिया भी इस भयानक मंजर से हिल गई..
-Abp की हेडलाइन है : आंकड़ों का मंजर है रंगीला, बना दिया लाशों का टीला..विकास बोल कर श्मशान बना दिया..दिखाया जा रहा है कि 2ft के गढ्ढे खोद कर हजारो लाशें गाड़ दी गई है..
- गांव वाले कह रहे है कि हर घर से लाश उठाई गई है..कोई इलाज नही है..गांव वालों को मौत पर नही बोलने को धमकाया जा रहा है..
-आजतक उन्नाव से बक्सर तक कि नौका यात्रा लाइव दिखा रहा है..नदी के दोनो ओर लाशों का अंबार लगा हुआ है..रिपोर्टर कह रहा है कि ये दृश्य बर्दाश्त नही किया जा सकता..ये सब उत्तरप्रदेश के गरीब लोग है जिनकी मौत महामारी से हुई थी और इन्हें गाड़ दिया था..
-उत्तरप्रदेश में 1.07 लाख गांव है..97,000 गांवों में आबादी रहती है..अगर हर गांव में एक मौत भी हुई है तो 97,000 मौत तो केवल उत्तरप्रदेश में हुई है..शायद इन्हें डेथ सर्टिफिकेट भी नही दिया गया..
मैं जब उत्तरप्रदेश के बारे में लिखता था कि यहाँ के हालात अफ्रीका से भी बुरे है और उत्तरप्रदेश पूरे एशिया के विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है तब संघी गालियां देते थे..और आज? ये भयानक दृश्य है, सड़ रहा उत्तरप्रदेश का मनुष्य है, मृत्युपथ, मृत्युपथ..
गोदिमीडिया बड़े जोरशोर से कह रहा है कि अगस्त-दिसंबर 2021 तक 216 करोड़ डोज लगा दिए जाएंगे..यानी 108 करोड़ लोगों को इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी!! (जूता तैयार रखिए)..
यानी अगले 7 महीने में भारत मे हर महीने 30 करोड़ इंजेक्शन बनेंगे..मजे की बात सुनिए : अभी पूरे विश्व मे 50 करोड़ इंजेक्शन/प्रति माह नही बन रहे..
अभी भारत मे केवल 7 करोड़ डोज/प्रति माह बनते है..पूरे विश्व में 2021 के अंत तक 50 करोड़ डोज/प्रति माह बनाने का लक्ष्य है..और भारत अगले महीने से 30 करोड़ डोज बनाने लगेगा?(अबे कुछ तो सोच कर झूठ बोलो)..
दुनिया मे इस वक्त महामारी के इंजेक्शन का 33% हिस्सा अमेरिका और 27% हिस्सा चीन बना रहा है..भारत का खुद का प्रोडक्शन 5% से भी कम है..तो किधर से मिलेगा 216 करोड़ डोज? (बोलो अडानी/अम्बानी को!!)..
आज जो हालात है उसमें 2021 के अंत तक भारत मे 30 करोड़ लोगों को डबल डोज लगना मुश्किल है..यानी 60 करोड़ डोज का लक्ष्य भी पूरा नही होगा..(उत्तरप्रदेश में केवल 4.75% जनता को पहला डोज लगा है)
मोदी बोला कि महामारी का दुश्मन “अदृश्य” है और गोदिमीडिया लहालोट हो गया..अरे मुर्खश्रेष्ठ, किसी भी रोग का कारण अदृश्य ही होता है..उसे खाली आंखों से नही देखा जा सकता..पर तेरी मक्कारी तो खुली आँखों से दिख रही है..