16 जुलाई को 11 अखबार विक्रेता और एजेंट्स मिलकर पानीपत में दैनिक भास्कर, पानीपत आफिस पहुंचे और वहां संदीप सिंह से मुलाकात कर एक ज्ञापन दिया. इसमें अनसोल्ड कापियां से मुक्ति दिलाने की मांग की गई थी. अखबार विक्रेताओं और एजेंटों का दैनिक भास्कर पानीपत के पदाधिकारी से कहना था कि उनके पास पहले से ही हजारों की संख्या में बच रही अनसोल्ड कॉपियों के बावजूद कंपनी ने नई स्कीम के नाम पर जो कॉपिया बढ़ाई हैं, उसको लेकर वे लिखित में आपत्ति दर्ज कराना चाहते हैं ताकि अनसोल्ड कॉपियां खत्म करवा सकें. इस पर वहां मौजूद दैनिक भास्कर के अधिकारी ने साफ साफ कॉपी कम ना करने की बात कही और इसे अपनी भी मजबूरी बताया. सर्वे में कापियां एडजस्ट करने की बात अधिकारी ने कही. बस, यही आश्वासन पाकर अखबार विक्रेता खुशी खुशी लौट गए.
लेकिन जमीनी स्थिति बहुत बुरी है. सर्वे को लेकर सबका पिछला अनुभव खराब रहा है. एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी कई जगह पर अभी तक सर्वे शुरू नहीं हुआ है. जहां कहीं भी सर्वे शुरू हुआ भी है वहां पर भी अभी तक मात्र चालीस-50 कॉपी ही एडजस्ट हो पाई है. ऐसे में सब के पास बच रही हजारों की संख्या में अनसोल्ड कॉपियां कब तक अडजस्ट होंगी और तब तक इनका नुकसान कौन उठाएगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. अनसोल्ड कापियों के चक्कर में अखबार विक्रेताओं को हर माह हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे स्पष्ट है कि भास्कर के अधिकारी झूठ बोल रहे हैं और उनकी मंशा सिर्फ ज्यादा से ज्यादा प्रसार दिखाने की है, इससे भले ही अखबार विक्रेताओं को महीने का हजारों रुपये का नुकसान हो रहा हो. अखबार विक्रेताओं ने अनसोल्ड कापियों के भंवर से निकलने के लिए जल्द ही महासम्मेलन बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है ताकि भास्कर के खिलाफ आर-पार की जंग का ऐलान हो सके.
एक अखबार विक्रेता द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.