आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने जिला जेल सुल्तानपुर में दो बंदियों करिया उर्फ विजय पासी और मनोज रैदास की हत्या तथा वाराणसी जेल में लैंगिक उत्पीड़न के आरोपी जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर पूर्व में भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में बचाव किए जाने पर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने कहा है कि मजिस्ट्रियल जांच में बंदियों को किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में जबरदस्ती फांसी पर लटकाए जाने की बात सामने आने के बाद भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है.
इसके बाद वाराणसी ट्रांसफर होने पर दो महिला डिप्टी जेलरों द्वारा लगाए गए लैंगिक उत्पीड़न के आरोपों में भी लीपापोती की जा रही है.
पूर्व में उन्हें जेल अधीक्षक मुरादाबाद की तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के संबंध में 1 नवंबर 2021 को शासन द्वारा आरोपपत्र प्रेषित किया गया था. इन आरोपों में बंदियों को अनावश्यक रूप से दंडित कर उनसे धन की वसूली किए जाने, जेल में तैनाती में पैसे लिए जाने, नियम विरुद्ध तरीके से बैरक आवंटित किए जाने, मुलाकात के लिए अवैध पैसे लिए जाने, बंदियों को सोने, लेटने, बैठने, नहाने धोने, शौचालय के प्रयोग तक के लिए अवैध धन की वसूली किए जाने आदि के आरोप लगाए गए थे.
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार इन आरोपों के संबंध में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है जो उमेश सिंह को उच्च स्तर पर प्रश्रय को प्रमाणित करता है.
अतः उन्होंने इस स्थिति को समाप्त कर अविलंब इन सभी मामले में नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है.