Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

उपमन्यु बोले- रेप केस झूठा था, एफआर कोर्ट में स्वीकृत, गलत तथ्यों पर हुई पीआईएल

मथुरा के पत्रकार कमलकांत उपमन्यु ने अपने पर लगे रेप केस को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि कथित रेप केस में पुलिस ने उपमन्यु को निर्दोष माना और इस संबंध में भेजी फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाली युवती को चेतावनी दी कि तुम्हारे भविष्य को देखते हुए आईपीसी 182 की कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोर्ट ने युवती को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की पुनर्रावृत्ति न हो. कमलकांत उपमन्यु के मुताबिक एफआर लगने के बाद गलत तथ्य दर्शाकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है. खुद पीड़िता भी इस पीआईएल से सहमत नहीं है.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>मथुरा के पत्रकार कमलकांत उपमन्यु ने अपने पर लगे रेप केस को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि कथित रेप केस में पुलिस ने उपमन्यु को निर्दोष माना और इस संबंध में भेजी फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाली युवती को चेतावनी दी कि तुम्हारे भविष्य को देखते हुए आईपीसी 182 की कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोर्ट ने युवती को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की पुनर्रावृत्ति न हो. कमलकांत उपमन्यु के मुताबिक एफआर लगने के बाद गलत तथ्य दर्शाकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है. खुद पीड़िता भी इस पीआईएल से सहमत नहीं है.</p>

मथुरा के पत्रकार कमलकांत उपमन्यु ने अपने पर लगे रेप केस को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि कथित रेप केस में पुलिस ने उपमन्यु को निर्दोष माना और इस संबंध में भेजी फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाली युवती को चेतावनी दी कि तुम्हारे भविष्य को देखते हुए आईपीसी 182 की कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोर्ट ने युवती को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की पुनर्रावृत्ति न हो. कमलकांत उपमन्यु के मुताबिक एफआर लगने के बाद गलत तथ्य दर्शाकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है. खुद पीड़िता भी इस पीआईएल से सहमत नहीं है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस केस में गत तारीखों में पीडि़ता / वादिनी न्यायालय में कई बार स्वयं उपस्थित होकर दो शपथ पत्र, अनेक प्रार्थना पत्रों एवं एक बार सशपथ बयान भी दे चुकी है. इसमें कहा गया था कि जो मुकद्दमा कमलकांत उपमन्यु पर लगाया गया था वह झूठा था. मेरे साथ ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई थी. मैंने लोगों के कहने पर भाई को बचाने के लिए टाइपशुदा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये थे. इस मामले में दाखिल पीआईएल में भी मेरी कोई सहमति नहीं है. पीआईएल में दर्शाये सभी तथ्य झूठे और निराधार हैं.  कमलकांत उपमन्यु ने बताया कि मथुरा बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और सचिव ने अदालत को बताया है कि माननीय उच्च न्यायालय में लंबित पीआईएल का मथुरा बार एसोसिएशन से कोई सरोकार नहीं है और न ही कमलकांत उपमन्यु को बार से निष्कासित किया गया है.

मूल खबर….

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement