मथुरा के पत्रकार कमलकांत उपमन्यु ने अपने पर लगे रेप केस को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि कथित रेप केस में पुलिस ने उपमन्यु को निर्दोष माना और इस संबंध में भेजी फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाली युवती को चेतावनी दी कि तुम्हारे भविष्य को देखते हुए आईपीसी 182 की कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोर्ट ने युवती को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की पुनर्रावृत्ति न हो. कमलकांत उपमन्यु के मुताबिक एफआर लगने के बाद गलत तथ्य दर्शाकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है. खुद पीड़िता भी इस पीआईएल से सहमत नहीं है.
इस केस में गत तारीखों में पीडि़ता / वादिनी न्यायालय में कई बार स्वयं उपस्थित होकर दो शपथ पत्र, अनेक प्रार्थना पत्रों एवं एक बार सशपथ बयान भी दे चुकी है. इसमें कहा गया था कि जो मुकद्दमा कमलकांत उपमन्यु पर लगाया गया था वह झूठा था. मेरे साथ ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई थी. मैंने लोगों के कहने पर भाई को बचाने के लिए टाइपशुदा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये थे. इस मामले में दाखिल पीआईएल में भी मेरी कोई सहमति नहीं है. पीआईएल में दर्शाये सभी तथ्य झूठे और निराधार हैं. कमलकांत उपमन्यु ने बताया कि मथुरा बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और सचिव ने अदालत को बताया है कि माननीय उच्च न्यायालय में लंबित पीआईएल का मथुरा बार एसोसिएशन से कोई सरोकार नहीं है और न ही कमलकांत उपमन्यु को बार से निष्कासित किया गया है.
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