Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

उर्दू अख़बारों का फर्ज़ीवाड़ा

डीएवीपी में अपने अख़बार को इम्पैनल कराने के लिए उर्दू अख़बार वाले तबियत से झूठ का सहारा लेते हैं

डीएवीपी में फर्ज़ीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कैसे जाने की ख़बर से बहुत खलबली है. काग़ज़ों पर चलने वाले अख़बारों और अपने समाचारपत्र का सर्कुलेशन दसों हज़ार में बताने वालों में बैचेनी है. अगर ईमानदारी से कार्रवाई हुई तो दर्जनों अख़बारी घपलेबाज़ों को रिकवरी के नाम पर अपने मकान बेचने पड़ जायेंगे. वेसे तो फर्ज़ीवाड़ा करके सरकारी विज्ञापन का पैसा हड़पने में सभी भाषाओँ के अख़बारों का हिस्सा है लेकिन इसमें उर्दू अख़बार किसी से काम नहीं हैं.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p><span style="font-size: 18pt;">डीएवीपी में अपने अख़बार को इम्पैनल कराने के लिए उर्दू अख़बार वाले तबियत से झूठ का सहारा लेते हैं</span></p> <p>डीएवीपी में फर्ज़ीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कैसे जाने की ख़बर से बहुत खलबली है. काग़ज़ों पर चलने वाले अख़बारों और अपने समाचारपत्र का सर्कुलेशन दसों हज़ार में बताने वालों में बैचेनी है. अगर ईमानदारी से कार्रवाई हुई तो दर्जनों अख़बारी घपलेबाज़ों को रिकवरी के नाम पर अपने मकान बेचने पड़ जायेंगे. वेसे तो फर्ज़ीवाड़ा करके सरकारी विज्ञापन का पैसा हड़पने में सभी भाषाओँ के अख़बारों का हिस्सा है लेकिन इसमें उर्दू अख़बार किसी से काम नहीं हैं.</p>

डीएवीपी में अपने अख़बार को इम्पैनल कराने के लिए उर्दू अख़बार वाले तबियत से झूठ का सहारा लेते हैं

Advertisement. Scroll to continue reading.

डीएवीपी में फर्ज़ीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कैसे जाने की ख़बर से बहुत खलबली है. काग़ज़ों पर चलने वाले अख़बारों और अपने समाचारपत्र का सर्कुलेशन दसों हज़ार में बताने वालों में बैचेनी है. अगर ईमानदारी से कार्रवाई हुई तो दर्जनों अख़बारी घपलेबाज़ों को रिकवरी के नाम पर अपने मकान बेचने पड़ जायेंगे. वेसे तो फर्ज़ीवाड़ा करके सरकारी विज्ञापन का पैसा हड़पने में सभी भाषाओँ के अख़बारों का हिस्सा है लेकिन इसमें उर्दू अख़बार किसी से काम नहीं हैं.

डीएवीपी में अपने अख़बार को इम्पैनल कराने के लिए उर्दू अख़बार वाले तबियत से झूठ का सहारा लेते हैं, आपको जान कर हैरत होगी कि अकेले दिल्ली में डीएवीपी करा चुके उर्दू अख़बारों की संख्या 129 है. इनमे से हर एक अख़बार ने अपना सर्कुलेशन 50 से 70 हज़ार तक लिखवाया हुआ है. अगर इनको जोड़ दिया जाये तो दिल्ली में उर्दू अख़बारों की रोज़ाना 65 लाख प्रतियां छप रही हैं. अब अगर हक़ीक़त देखें तो दिल्ली में किसी भी अख़बार वाले की दूकान पर वही गिनती के 5-6 अख़बार होते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन पांच छह में से भी किसी भी अख़बार का सर्कुलेशन पांच हज़ार से ज़्यादा नहीं है. ये पांच हज़ार भी सिर्फ दो ही अख़बारों का सर्कुलेशन है वरना बाकी का तो सर्कुलेशन पांच सौ से एक हज़ार के बीच है. यानी 129 में से 120 अख़बार ऐसे हैं जो सिर्फ काग़ज़ों पर छप रहे हैं. इनके मालिक कुछ ले दे कर डीएवीपी करा लेते हैं और सिर्फ जमा करने करने के लिए फाइल कॉपी छपवाते हैं. जो काग़ज़ों पर नहीं हैं और छप रहे हैं वो अपना सर्कुलेशन कई सौ गुना बता कर माल कूट रहे हैं.

ये सारा मामला भ्रष्ट अफसरों की मिली भगत के बिना संभव नहीं है. अगर सिर्फ दिल्ली में इतना बड़ा घपला है तो देश भर में क्या हो रहा होगा समझा जा सकता है. मज़े की बात ये है कि अगर इन अख़बारों के खिलाफ कार्रवाई हुई तो ये सब चीख चीख कर कहेंगे कि उर्दू पर हमला हो रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. ss

    March 15, 2017 at 8:23 pm

    Sirf Dilli hi kyon, UP me hi pataa kar len. Yahan bhi sthiti usse jyada hi bhayavah milegi. Akhilesh Raj me to inki pau-barah thhi. mainey dekha hai ki National Akhbaar ko yadi ek advt ka 8 se 10 hazar milta hai, to ye “Farzi Urdu Akhbar” ko 18-20 hazaar. National akhbar ko wahi advt yadi 14×3 col. ka milta hai, to inn Urdu walon ko 25×4 col ya usse kahin adhik..!!! Ye kya hai bhaiyon? Desh kahan jaa raha hai? Janta ke Paison ko aur kahaan tak aise urdu akhbar malikon me lutwaoge?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement