Yashwant Singh : पिछले दिनों एक अनूठी शादी में शिरकत करने का मौका मिला. लड़का हिंदू. लड़की मुस्लिम. दोनों ही मीडिया फील्ड से. दोनों ही आर्टिस्ट, यानि कार्टून, स्केच, चित्रकारी में सक्रिय. दोनों में कई वर्षों से प्रेम संबंध था.
बात शादी तक पहुंची. परिवार वाले राजी न थे लेकिन धीरे-धीरे दोनों ने अपने प्रेम और परिश्रम से परिजनों को राजी कर लिया. हालांकि ऐसा कर पाना भारत में बड़ा मुश्किल काम होता है लेकिन हुआ. प्रेम की उदात्तता के आगे मजहब की चट्टानी दीवार बौनी साबित हुई. दोनों के परिजनों ने अपनी-अपनी सीमाओं, अपनी-अपनी सोच के आगे जाने का फैसला किया.
आखिर वो दिन भी आया कि शादी की तारीख तय हो गई.
अब सवाल था कि शादी हिंदू धर्म के अनुसार अग्नि के फेरे लेकर हो या मुस्लिम रीति के हिसाब से निकाह हो? कई दिन की माथापच्ची के बाद दूल्हा दुल्हन ने तीसरा रास्ता अपनाया. ईसाई तरीके से शादी करने का फैसला हुआ. पादरी ने प्रार्थना की. बड़ा से केक कटा. दूल्हा दुल्हन ने एक दूसरे को केक खिलाया. लोगों ने तालियां बजाई. कॉफी की चुस्कियां लेने के बाद जनता जनार्दन ने जमकर वेज और नानवेज खाने का लुत्फ उठाया.
शादी में बुलाए गए चुनिंदा लोगों में मैं भी था. दूल्हे राजा का मीडिया का करियर दैनिक जागरण, मेरठ में मेरे कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ था और इस कारण वे आज भी मुझे याद करते रहते हैं. वे अपनी मेहनत और लगन के बल पर काफी समय से न्यूज चैनल आजतक में कार्यरत हैं.
दूल्हे का नाम है वतन सिंह. दुल्हन हैं फातिमा.
इनकी अनूठी शादी का वीडियो देखिए और नफरत भरे इस दौर में इस सुंदर संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाइए. उम्मीद है इस पाजिटिव पोस्ट को आप एक लाइक या एक शेयर से जरूर नवाजेंगे ताकि वतन-फातिमा की यह कहानी जन-जन तक पहुंच जाए.
वीडियो ये है: https://goo.gl/Uk5o9t
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.