महिला पत्रकार अपने इंजीनियर पति से बोली- बिना इजाजत हाथ लगाया तो जेल में सड़ा दूंगी!

बीवी पत्रकार और पति इंजीनियर। शादी के दो साल बाद इनकी कहानी अब पुलिस थाने तक पहुंच गई है। मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने दो साल पहले अपने इंजीनियर बेटे की शादी हिसार हरियाणा में रहने वाली पत्रकार लड़की से की थी। शादी के बाद से ही लड़की ने उसे पति मानने से इनकार कर दिया। जैसे-तैसे ये रिश्ता दो साल तक खिंचा। इंजीनियर का आरोप है कि जब वह उसे पत्नी की तरह मानकर पास जाता है तो वह कहती है- ”मैं पत्रकार हूं… मुझे बिना इजाजत छुआ तो पूरे खानदान को जेल में सड़ा दूंगी”। दुखी पति कहता है कि शादी को दो साल हो गए लेकिन पत्रकार पत्नी ने कभी उसे पति ही नहीं माना। पत्नी को समझाने की कोशिश करने पर वह भड़क उठती है और जेल भिजवाने की धमकी देती है।

दूल्हा हिंदू, दुल्हन मुस्लिम, दोनों मीडिया में, दोनों आर्टिस्ट, शादी हुई क्रिश्चियन रीति से, देखें वीडियो

Yashwant Singh : पिछले दिनों एक अनूठी शादी में शिरकत करने का मौका मिला. लड़का हिंदू. लड़की मुस्लिम. दोनों ही मीडिया फील्ड से. दोनों ही आर्टिस्ट, यानि कार्टून, स्केच, चित्रकारी में सक्रिय. दोनों में कई वर्षों से प्रेम संबंध था.

बात शादी तक पहुंची. परिवार वाले राजी न थे लेकिन धीरे-धीरे दोनों ने अपने प्रेम और परिश्रम से परिजनों को राजी कर लिया. हालांकि ऐसा कर पाना भारत में बड़ा मुश्किल काम होता है लेकिन हुआ. प्रेम की उदात्तता के आगे मजहब की चट्टानी दीवार बौनी साबित हुई. दोनों के परिजनों ने अपनी-अपनी सीमाओं, अपनी-अपनी सोच के आगे जाने का फैसला किया.

वो लड़का अपनी 68 वर्षीय विधवा मां की शादी के बाद बहुत खुश-खुश मिठाई लिए आया था…

Sayeed Ayub : मेरा एक अमेरिकन छात्र एक दिन बहुत खुश-खुश, मिठाई लिये हुए मेरे पास आया। वजह पूछने पर पता चला कि एक दिन पहले उसकी माँ ने अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर ली थी। उस वक्त माँ की उम्र 68 वर्ष थी और वे पिछले लगभग 12 वर्षो से विधवा थीं। मेरे छात्र को बहुत बड़ी खुशी इस बात की थी कि उसकी माँ अब अकेली नहीं होंगी। उनका साथ देने के लिये कोई हर वक्त उनके पास होगा। जब कभी भी किसी बुजुर्ग की शादी या रोमांस का मज़ाक़ उड़ाते हुए देखता हूँ, यह घटना, उस छात्र का ख़ुशी से भरा चेहरा और अपनी माँ के प्रति उसकी चिंता सहज ही सामने आ जाती है।

दिग्विजय सिंह और अमृता राय की शादी ने समाज को नया रास्ता दिखाया है

Sadhvi Meenu Jain : खबर है कि दिग्विजय सिंह ने अमृता राय से विवाह कर लिया है. खबर सुनकर चुस्की लेने या सिंह की नैतिकता / अनैतिकता से इतर मैं इस बहाने एक दूसरे विषय पर बात करना चाहती हूँ. हमारा समाज विधवा / विधुर / तलाकशुदा वरिष्ठ नागरिकों को दोबारा से एक नया जीवनसाथी चुनने की इजाजत क्यों नहीं देता और जो समाज की धारणा के विपरीत जाकर ऐसा कर भी लेते हैं उनका मखौल उड़ाया जाता है. उन पर ‘चढ़ी जवानी बुढ्ढे नूं’ ‘बुड्ढा जवान हो गया’ ‘तीर कमान हो गया’ ‘बुड्ढी घोड़ी, लाल लगाम’ जैसी फब्तियां कसी जाती हैं.

अमृता-दिग्विजय ने कर ली शादी, फेसबुक पर शेयर की दिल की बात

Dayanand Pandey : अमृता राय और दिग्विजय सिंह आप दोनों को बधाई तो बनती है। बहुत-बहुत बधाई! गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री 68 वर्षीय दिग्विजय सिंह और राज्यसभा टी वी की पत्रकार 44 वर्षीय अमृता राय ने विवाह कर लिया है। अमृता राय ने फ़ेसबुक पर अपनी वाल पर अंगरेजी में यह बात साझा करते हुए जो कुछ लिखा है, उसे हिंदी में पढ़िए :

सहारा के रिपोर्टर आजकल बांट रहे डाइरेक्टर की बेटी की शादी के कार्ड

लखनऊ : सहारा लखनऊ के संपादक मनोज तोमर अपने रिपोर्टरों से न्यूज का काम रुकवा कर डाइरेक्टर ओपी श्रीवास्तव की बेटी की शादी के कार्ड बंटवा रहे हैं। 

हिंदी अखबार के उप संपादक छोकरे और अंग्रेजी अखबार की कन्या का लव जिहाद!

साल 1988 की बात है। मैं तब जनसत्ता में मुख्य उप संपादक था और उसी साल संपादक प्रभाष जोशी ने जनसत्ता के राज्यों में प्रसार को देखते हुए एक अलग डेस्क बनाई। इस डेस्क में यूपी, एमपी, बिहार और राजस्थान की खबरों का चयन और वहां जनसत्ता के मानकों के अनुरूप जिला संवाददाता रखे जाने का प्रभार मुझे सौंपा। तब तक चूंकि बिहार से झारखंड और यूपी से उत्तराखंड अलग नहीं हुआ था इसलिए यह डेस्क अपने आप में सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा जिम्मेदारी को स्वीकार करने वाली डेस्क बनी। अब इसके साथियों का चयन बड़ा मुश्किल काम था। प्रभाष जी ने कहा कि साथियों का चयन तुम्हें ही करना है और उनकी संख्या का भी।