कृष्णन अय्यर-
विनोद रॉय, किधर है ये विदेशी ताकतों का दलाल? विनोद रॉय ही भारतीय अर्थव्यवस्था में आग लगाने वाला मुख्य अपराधी है..जिधर भी दिखे ये विनोद रॉय, इसे अपराधी कह कर जलील किया जाए..
विनोद रॉय ने बोला था कि 2G स्पेक्ट्रम बेचने में 1.76 लाख करोड़ का घोटाला हुआ था..स्पेक्ट्रम कोई दाल चावल है जो ट्रक में भर कर चोरी कर लिया जाए? तीसरे दर्जे का दलाल है विनोद रॉय..
कोर्ट में 2G का केस गया..और फैसला जब आया तब कोर्ट ने बोला कि हम सालों तक बैठे रहे पर कोई 1.76 लाख करोड़ की चोरी का सबूत नही लाया..मोदी/संघी गैंग का मुह थप्पड़ से ऐसा लाल हुआ कि आज ये घटिया संघी 2G का नाम तक नही लेते..
पर अब क्या हो रहा है? वोडाफोन-आईडिया (VI) दिवालिया होने के कगार पर है..और दिवालिया होने का अमाउंट है 1,69,669 करोड़..भारत सरकार और भारत के 10 से ज्यादा बैंकों का पैसा डूबेगा..(ये घाटा आंखों के सामने है)
2017 तक भारत मे 17 टेलीफोन कंपनियां थी..आज केवल 4 बची है..इन 4 मे से 2 यानी VI और BSNL दोनो खत्म हो जाएगी..बचेगी केवल एयरटेल और JIO.. यानी ग्राहक पर खर्च का बोझ बढ़ेगा और सर्विस घटेगी..ग्राहक का प्राइसिंग पॉवर खत्म.
और एयरटेल भी कितने दिन टिकेगा? 2-4 सालों में एयरटेल का भी खत्म होना तय है..टेलीफोन भारत मे मोनोपॉली की ओर जा रहा है..टेलीफोन केवल बातचीत के लिए नही है..ये 135 करोड़ जनता के घरों की हर गतिविधि का डेटा है
JIO टेलीफोन, किराना, दवा, डिजिटल शिक्षा, फर्नीचर, खिलौने, इंटरनेट सबकुछ अकेला बेचेगा..आपकी हर गतिविधि को ट्रैक करना पेगासस से ज्यादा आसान होगा..
टेलीफोन सेक्टर जो टेक्सटाइल के बाद सबसे ज्यादा नौकरी/रोजगार वाला सेक्टर था वो खत्म..1.76 लाख करोड़ का फर्जी घाटा तो दिखा नही..पर 1.69 लाख करोड़ का घाटा आपके सामने है..कहाँ है रे फ्रॉड विनोद रॉय? सामने आ और माफी मांग..
कुमार मंगलम बिड़ला साहब ने हाथ उठा दिया है..वोडाफोन-आईडिया (VI) अब और चलाना सम्भव नही है..अगर VI बन्द होती है जो लगभग तय है तो कितना पैसा डूबेगा?
VI की देनदारी, 31 मार्च 2021 के अनुसार
● 50,399 करोड़ : AGR का बाकी है
● 96,270 करोड़ : स्पेक्ट्रम का बाकी
● 23,000 करोड़ : बैंक लोन
टोटल : 1,69,669 करोड़ की रकम डूब जाएगी..दिवालिया कानून में सरकार/बैंकों को 20% भी नही मिलेगा..
पर बिड़ला साहब दूसरों जैसे नही है..आजतक किसी बैंक का 1₹ नही रखा और Man Of Integrity है..बिड़ला साहब ने सरकार को बोला है या तो सहायता करो या मैं अपना मालिकाना हक सरकार को देने तैयार हूँ..
आजतक कहा गया कि सरकारी कंपनियां डूब जाती है..पर VI में तो मामला ही उल्टा है, VI खुद को सरकार के हवाले करना चाहती है..इसे कहते है मास्टरस्ट्रोक..
Deutsche Bank का कहना है कि VI को BSNL के साथ विलय करवा दिया जाए..इससे BSNL और सरकारी पैसे दोनों बच जाएंगे..पर इतनी बुद्धि वित्तमंत्री मिस निर्मला सीतारमण या टेलीकॉम मंत्री दोनों में नही है..
और हमारे PM शायद नही चाहते कि Jio के अलावा कोई दूसरी टेलीफोन कम्पनी रहे..VI डूबेगी, बैंक डूबेंगे, ग्राहक डूबेंगे, 1,69,669 करोड़ भी डूबेंगे..प्रधान शायद बोलेगा : मुकेश, चन्दा भेज, मैंने तेरा काम कर दिया..