दिल्ली की साकेत कोर्ट ने समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग को जी एंटरटेनमेंट की एक ख़बर हटाने का निर्देश जारी किया था. इस ख़बर में दावा किया गया था कि सेबी ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड में 240 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की खातों में अनियमितताओं का खुलासा किया था. हालांकि, ब्लूमबर्ग ने इस आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने बुधवार को कार्यवाहक जीफ जस्टिस मनमोहन और मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया. कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 7 को करने का निर्देश जारी किया.
ब्लूमबर्ग की ओर से पेश वकील राजीव नायर ने अदालत को बताया कि, वह एक अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी हैं. एकतरफा फैसले में एडीजे ने हमें बिना किसी कारण के एक सप्ताह के भीतर ख़बर हटाने के लिए कहा. बता दें कि यह याचिका साकेत कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला द्वारा मार्च 1 को पारित आदेश के खिलाफ दायर की गई है. याचिका ब्लूमबर्ग द्वारा पब्लिश रिपोर्ट ‘India Regulator Uncover $241 Million Accounting Issue At Zee’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट को लेकर दाखिल की गई थी.
रिपोर्ट में भारी धनराशि की गड़बड़ी.
ब्लूमबर्ग की इस रिपोर् ट में बताया गया था कि सेबी को जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खातों में 240 मिलियन डॉलर से अधिक की गड़बड़ी मिली है. ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सेबी ने जी एंटरटेनमेंट पर आरोप लगाया है कि उसके खातों से 241 मिलियन डॉलर से अधिक की रकम गायब थी और इसके लिए कोई प्रापर ट्रांजैक्शन हिस्ट्री भी नहीं है.
उधर जी ने ब्लूमबर्ग और उसके पत्रकार एंटो एंटनी, सैकत दास और प्रीति सिंह पर एफआईआर कराई थी. जी ने इस रिपोर्ट को मानिहानिकारक बताया और सेबी ने जी के खिलाफ कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है. तर्क यह दिया गया कि लेख में सेबी ने बड़े वित्तीय घोटाले का खुलास किया है, जबकि ऐसा किया नहीं गया है.