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संपादक महोदय ने एक साथ 14 रिपोर्टरों की सेलरी काट दी!

: अब कर्मियों को भारी पड़ने लगी है स्थानीय संपादक की बौखलाहट : दैनिक भास्कर रांची के स्थानीय संपादक अमरकांत की बौखलाहट अब यहां काम कर रहे लोगों को भारी पड़ने लगी है। कारण है कि स्थानीय संपादक अब अपनी नाकामयाबी, विजन का अभाव आदि कमियों को छुपाने के कई ऐसे काम कर रहे हैं, जो लोगों का पच नहीं रहा। शुक्रवार (30 जनवरी) को अमरकांत ने एक साथ 14 रिपोर्टरों का वेतन काट दिया। उन्हें अबसेंट कर दिया गया। अमरकांत ने उपस्थिति रजिस्टर मंगाया और सभी को लाल लगा दिया।

<p>: <strong>अब कर्मियों को भारी पड़ने लगी है स्थानीय संपादक की बौखलाहट</strong> : दैनिक भास्कर रांची के स्थानीय संपादक अमरकांत की बौखलाहट अब यहां काम कर रहे लोगों को भारी पड़ने लगी है। कारण है कि स्थानीय संपादक अब अपनी नाकामयाबी, विजन का अभाव आदि कमियों को छुपाने के कई ऐसे काम कर रहे हैं, जो लोगों का पच नहीं रहा। शुक्रवार (30 जनवरी) को अमरकांत ने एक साथ 14 रिपोर्टरों का वेतन काट दिया। उन्हें अबसेंट कर दिया गया। अमरकांत ने उपस्थिति रजिस्टर मंगाया और सभी को लाल लगा दिया।</p>

: अब कर्मियों को भारी पड़ने लगी है स्थानीय संपादक की बौखलाहट : दैनिक भास्कर रांची के स्थानीय संपादक अमरकांत की बौखलाहट अब यहां काम कर रहे लोगों को भारी पड़ने लगी है। कारण है कि स्थानीय संपादक अब अपनी नाकामयाबी, विजन का अभाव आदि कमियों को छुपाने के कई ऐसे काम कर रहे हैं, जो लोगों का पच नहीं रहा। शुक्रवार (30 जनवरी) को अमरकांत ने एक साथ 14 रिपोर्टरों का वेतन काट दिया। उन्हें अबसेंट कर दिया गया। अमरकांत ने उपस्थिति रजिस्टर मंगाया और सभी को लाल लगा दिया।

कारण है कि रिपोर्टर सुबह 10.30 बजे की मीटिंग में पांच से 10 मिनट लेट आए थे। अमरकांत का यह व्यवहार अब उनके खास माने जाने वाले लोगों को भी नहीं पच रहा है। कारण है कि अमरकांत खुद सुबह की मीटिंग में सप्ताह में पांच दिन 11.30 बजे आते हैं। किसी कारण 10.30 बजे पहुंच गए तो सभी रिपोर्टरों का वेतन काट दिया। अरमकांत के इस व्यवहार से नाराज एक साथी राजेश कुमार सिंह उसी समय छुट्‌टी पर चले गए। राजेश सिंह ने तो यह भी कह दिया कि वे आत्मसम्मान के साथ समझौता कर काम नहीं करेंगे। अन्य रिपोर्टर भी अब सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज करने लगे हैं। रिपोर्टरों का यह भी कहना है कि अमरकांत के पास कोई विजन नहीं है। यही कारण है कि मीटिंग में आने पर केवल छूटी खबरों पर चर्चा होती है। वह भी ऐसी खबरें जो बिल्कुल सामान्य होती हैं। अगले दिन की प्लानिंग पर कोई चर्चा नहीं होती है। 

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इन लोगों का कटा वेतन
अमरेंद्र कुमार (सिटी हेड)
राजेश कुमार सिंह (पॉलिटिकल हेड)
अनिल श्रीवास्तव (सीनियर रिपोर्टर)
प्रिंस श्रीवास्तव (रिपोर्टर)
संतोष चौधरी (रिपोर्टर)
राजीव गोस्वामी (रिपोर्टर)
नितीन चौधरी (रिपोर्टर)
विजय सिन्हा (सिटी डेस्क हेड)
शेली (रिपोर्टर)
श्यामपद (रिपोर्टर)
करबी दत्ता (रिपोर्टर)
आदिल (रिपोर्टर),
राजीव कुकरेजा

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